1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

हांग कांग के लोगों को अमेरिका ने दी अस्थायी पनाह

६ अगस्त २०२१

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हांग कांग के लोगों को अपने यहां अस्थायी तौर पर पनाह देने की पेशकश की है. यह कदम चीन के हांग कांग में दमन के बाद उठाया गया है.

https://p.dw.com/p/3ycJN
तस्वीर: picture-alliance/ZUMAPRESS.com/K. Tsuji

राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को अमेरिका में रह रहे हांग कांग के लोगों को अस्थायी तौर पर पनाह देने की पेशकश की. इसका अर्थ है कि हजारों लोग अमेरिका में अपने निवास की अवधि बढ़ा सकेंगे. चीन के हांग कांग में लोकतंत्र समर्थकों पर जारी दमन के चलते यह कदम उठाया गया है.

बाइडेन ने "जरूरी विदेश नीति” को कारण बताते हुए गृह सुरक्षा मंत्रालय को निर्देश दिया कि हांग कांग के लोगों को 18 महीने तक देश से न निकाला जाए.

किसे मिलेगी पनाह?

एक आदेश में उन्होंने कहा, "पिछले साल भर से पीआरसी (पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) का हांग कांग की स्वायत्तता पर हमला जारी है, जो वहां के लोकतांत्रिक संस्थानों और प्रक्रियाओं का अपमान है. यह आकदमिक आजादी और प्रेस की आजादी का हनन है.”

देखिएः कितने विवादों में है चीन

उन्होंने कहा कि हांग कांग के लोगों को पनाह देना "इलाके में अमेरिकी हितों को आगे बढ़ाना है और अमेरिका हांग कांग के लोगों का साथ देने से कभी पीछे नहीं हटेगा.” यह फिलहाल स्पष्ट नहीं है कि इस आदेश का असर कितने लोगों पर होगा लेकिन एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अमेरिका में रह रहे ज्यादातर हांग कांग वासी इस पनाह के लिए योग्य होंगे.

गृह सुरक्षा मंत्री आलेहान्द्रो मायोर्कास ने कहा कि जो लोग पनाह के योग्य होंगे वे रोजगार के अधिकार के लिए भी अर्जी दे सकते हैं.

व्हाइट हाउस का कहना है कि इस आदेश ने स्पष्ट कर दिया है कि "चीन के हांग कांग और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को किए गए वादों को तोड़ते हुए अमेरिका चुपचाप देखता नहीं रहेगा.”

चीन की प्रतिक्रिया

वॉशिंगटन स्थित चीनी दूतावास के प्रवक्ता लियु पेंगयू ने कहा है कि अमेरिका हांग कांग की स्थिति को काले-सफेद में बांट कर देख रहा है. उन्होंने कहा कि नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ने एक सुरक्षित माहौल बनाया है और स्वतंत्रता की सुरक्षा की है.

अमेरिका के पनाह देने के कदम के बारे में उन्होंने कहा, "ऐसे कदम तथ्यों को तोड़ते-मरोड़ते हैं और उनका अपमान करते हैं. और, चीन के अंदरूनी मामलों में गंभीर दखलअंदाजी हैं.”

चीन की ताकत का प्रतीक है यह पुल

जो बाइडेन का यह आदेश चीन पर हाल के दिनों में अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की ही अगली कड़ी है. जुलाई में अमेरिका ने हांग कांग स्थित चीनी अधिकारियों पर नए प्रतिबंध लगाए और कंपनियों को चीन के नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के बारे में चेतावनी दी.

चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिका के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिए थे. इनमें पूर्व अमेरिकी वाणिज्य मंत्री विलबर रॉस भी शामिल हैं.

हांग कांग में दमन

हांग कांग को ब्रिटेन ने 1997 में चीन को सौंपा था लेकिन उस समझौते में इस इलाके को 50 साल तक स्वायत्त रखने की शर्त रखी गई थी. पिछले लगभग एक साल से हांग कांग में चीन ने ऐसे कई कदम उठाए हैं, जिन्हें वहां का बड़ा तबका उस शर्त का उल्लंघन मानता है.

जून में लोकतंत्र समर्थक अखबार ऐपल डेली के दफ्तर पर छापे मारे गए और उसके संपादकों व पत्रकारों को गिरफ्तार कर लिया गया. उसके बाद अखबार बंद हो गया था.

तस्वीरों मेंः 100 साल की हुई चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी

चीन ने पिछले साल ही राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया था, जो विदेशी ताकतों का साथ देने को अपराध करार देता है. आलोचकों का कहन है कि यह कानून लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं और स्वतंत्र मीडिया पर हमला है.

इस कानून के विरोध में देश में लगातार विरोध प्रदर्शन होते रहे हैं. खासकर युवा इन प्रदर्शनों में बढ़ चढ़कर शामिल हुए, जिनमें से कई जेल में हैं.

वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी