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राजनीतिइंडोनेशिया

कैसी रही जो बाइडेन और शी जिनपिंग की पहली मुलाकात

१५ नवम्बर २०२२

जी20 की बैठक के लिए बाली पहुंचे शी जिनपिंग और जो बाइडेन ने अलग से मुलाकात की है. दुनिया के दो ताकतवर देशों के नेताओं की पहली मुलाकात पर ना सिर्फ इन दोनों देशों में बल्कि दुनिया भर में उत्सुकता थी.

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शी जिनपिंग और जो बाइडेन
शी जिनपिंग और जो बाइडेनतस्वीर: Saul Loeb/AFP/Getty Images

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन के राष्ट्रपति से मुलाकात में ताइवान के प्रति चीन के "बलपूर्वक और ज्यादा  आक्रामक होतीं कार्रवाइयों" के साथ ही शिनजियांग, तिब्बत और हांगकांग में चीन की गतिविधियों से मानवाधिकार उल्लंघन पर विरोध जताया है.

दुनिया भर में आर्थिक और सुरक्षा को लेकर बढ़ते तनाव के दौर में अपना असर बढ़ाने के लिए आपसी होड़ करते दोनों देशों के बीच मतभेद और दूरियां बढ़ रही हैं. यह बैठक इसी मतभेद और दूरियों पर बात करने के लिए थी.

लगभग तीन घंटे की मुलाकात के बाद बाइडेन ने पत्रकारों से कहा कि जब चीन की बात होगी तो अमेरिका, "प्रबलता से मुकाबला करेंगे लेकिन मैं किसी संघर्ष के इंतजार में नहीं हूं." बाइडेन ने कहा, "उभरते एशियाई देश के साथ, "निश्चित रूप से किसी नये शीत युध्द की जरूरत नहीं है."

वन चाइना पॉलिसी

बाइडेन ने लंबे समय से चली आ रही "वन चाइना" नीति के प्रति अपना समर्थन दोहराया जो बीजिंग की सरकार के साथ ही ताइवान से औपचारिक और सुरक्षा संबंधों को मान्यता देती है. इसके साथ ही हमला होने की स्थिति में अमेरिका का जवाब क्या होगा इस पर जारी "रणनीतिक अस्पष्टता" को भी बनाये रखा. बाइडेन ने यह भी कहा कि चीन की तरफ से हाल में तलवार भांजने के बाद भी वो नहीं मानते कि "ताइवान पर आक्रमण की कोई कोशिश हो रही है."

दूसरी तरफ चीन की तरफ से इस बैठक के बारे में जो जानकारी दी गई है उसके मुताबिक एशियाई देश ने, "जोर दे कर कहा है कि ताइवान का मुद्दा चीन के प्रमुख हितों के जड़ में है और साथ ही चीन-अमेरिका के रिश्तों की आधारशिला भी. यह चीन-अमेरिका के रिश्तों की पहली लाल रेखा है जिसे पार नहीं किया जाना चाहिए."

बाइडेन ने कहा कि शी के साथ उन्होंने यूक्रेन के खिलाफ रूसी हमले पर भी चर्चा कि और "अपने साझा विश्वास को पुष्ट किया कि परमाणु हथियारों का डर या इस्तेमाल बिल्कुल स्वीकार नहीं है."

सहयोग बढ़ाने पर जोर

बाइडेन और शी सहयोग के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए "प्रमुख वरिष्ठ अधिकारियों को अधिकार" देने पर सहमत हुए हैं. इनमें जलवायु परिवर्तन, वैश्विक अर्थव्यवस्था को बनाये रखना, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा जैसे मामले शामिल हैं.

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यह अभी साफ नहीं है कि क्या चीन जलवायु परिवर्तन पर बातचीत में फिर से शामिल होने के लिए तैयार हुआ या नहीं. अमेरिकी संसद के निचले सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद चीन ने इसमें इसमें हिस्सा लेना बंद कर दिया है. दोनों नेता इस बात पर भी सहमत हुए कि अमेरिकी विदेश मंत्री इस बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए बीजिंग की यात्रा पर जाएंगे.

मुलाकात में गर्मजोशी

इंडोनेशिया के रिसॉर्ट होटल में मुलाकात के दौरान शी जिनपिंग और जो बाइडेन ने बड़ी गर्मजोशी से हाथ मिलाया. बाइडेन ने मुलाकात की शुरुआत यह कह कर की, "हमारे दो देशों के नेता के रूप में मेरे विचार से हमारी यह साझी जिम्मेदारी है कि हम चीन और अमेरिका को दिखाएं कि हम अपने मतभेदों को संभाल सकते हैं,  प्रतियोगिता को कभी भी संघर्ष के पास पहुंचने से बचा सकते हैं और जरूरी वैश्विक मुद्दों पर जहां हमारे आपसी सहयोग की जरूरत है उस पर साथ काम करने के तरीके ढूंढ सकते हैं."

दूसरी तरफ जिनपिंग ने बाइडेन से, "सही प्रगति की रूपरेखा तैयार करने" और चीन के साथ अमेरिका के "रिश्तों को ऊपर ले जाने" की मांग की. जिनपिंग ने यह भी कहा कि वह बाइडेन के साथ, "विचारों का निष्कपट और गहरे विमर्श" के लिए तैयार हैं.

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दोनों नेताओं की इस मुलाकात पर चीन और अमेरिका में घरेलू स्तर पर काफी ज्यादा उत्सुकता और आशंकाएं हैं. एक तरफ बाइडेन की डेमोक्रैट पार्टी है जिसने हाल ही के चुनाव में सीनेट पर कब्जा पाया है तो दूसरी तरफ शी जिनपिंग को उनकी पार्टी ने ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति पद और पार्टी की कमान सौंपी है.

बढ़ते मतभेद

व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति के सहयोगी दोनों देशों के बीच संघर्ष के सुरों को मद्धम करने की  कोशिश करते हैं लेकिन बीते कुछ दशकों में एक के बाद एक अमेरिकी राष्ट्रपतियों के प्रशासन में यह रिश्ता तनाव बढ़ते देख रहा है. अर्थव्यवस्था, कारोबार, मानवाधिकार और सुरक्षा को लेकर मतभेद लगातार सामने आ रहे हैं.  

राष्ट्रपति बाइडेन उइगुर और दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ कार्रवाइयों में मानवाधिकार उल्लंघनों, हांगकांग के लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाइयों, बलपूर्वक कारोबार की नीतियों और स्वशासी ताइवान के खिलाफ सैन्य उकसावों के साथ ही यूक्रेन युद्ध के लिए रूस पर आरोपों के मामले में मतभेदों पर लगातार चीन को निशाना बनाते हैं.

बैठक की तैयारी

चीन के नेता रूसी युद्ध की सार्वजनिक आलोचना से दूर रहे हैं, हालांकि चीन ने इस मामले में हथियार देने या फिर सीधे समर्थन से खुद को बचाने की कोशिश की है.

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दोनों नेताओं के बीच पांच बार फोन या वीडियो कॉल पर सीधी बातचीत हुई है लेकिन व्हाइट हाउस के अधिकारियों का कहना है कि इन बातचीतों को बाइडेन से जिनपिंग की सीधी मुलाकात का विकल्प नहीं माना जा सकता. यह मुलाकात इसलिए भी जरूरी हो गई थी क्योंकि जिनपिंग ने तीसरा कार्यकाल हासिल करने के साथ ही सत्ता पर अपनी पकड़ और मजबूत कर ली है.

व्हाइट हाउस के अधिकारी और उनकी चीनी समकक्षों ने कई हफ्ते इस बैठक की तैयारी में लगाये. आखिरकार शी जिनपिंग के होटल में ट्रांसलेटरों की मौजूदगी में यह मुलाकात हुई जिसमें हेडफोन के जरिए सारी बातों का तुरंत अनुवाद बैठक में शामिल लोगों तक पहुंचता रहा. दोनों नेताओं के साथ 9-9 अधिकारी भी इस बैठक में शामिल हुए.

एनआर/वीके (एपी)

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