कोरोना महामारी का बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर
कोरोना का असर सिर्फ बड़ों के मानसिक स्वास्थ्य पर ही नहीं बल्कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है. पूरी दुनिया कोरोना काल में पाबंदियों में जी रही है, ऐसे में बच्चे भी घरों में कैद हैं.
चिंता का विषय
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) का कहना है कि दक्षिण एशियाई देशों में कोरोना वायरस महामारी के बढ़ने से इसका असर यहां रहने वाले बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. यूनिसेफ का कहना है कि ऐसा संकट पहले कभी नहीं देखने में आया.
स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ
यूनिसेफ के मुताबिक दक्षिण एशियाई देशों में कोरोना वायरस के कारण पिछले साल मार्च से स्वास्थ्य सेवाओं पर अत्यधिक बोझ बढ़ा है. उसके मुताबिक जिन देशों की स्वास्थ्य सेवा कमजोर है उनकी वक्त रहते मदद की जरूरत है.
अनाथ हुए बच्चे
कोरोना काल में कई बच्चे अपने अभिभावक या दोनों अभिभावकों को खो दिए. ऐसे में अचानक अनाथ हुए बच्चों के सामने इस हालत से निपटने में दुविधा दिख रही है. भारत में भी कई बच्चे अनाथ हुए हैं, जिनके कल्याण को लेकर केंद्र और राज्य की सरकारों ने योजनाओं की घोषणा की हैं.
जोखिम के बीच बच्चे
दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय निदेशक जॉर्ज लारेया कहते हैं पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, और भूटान में कोरोना संक्रमण के हालात बिगड़ सकते हैं. उन्होंने दक्षिण एशिया के देशों की मदद के लिए अन्य देशों से अपील की है.
पहली लहर में भी परेशान हुए बच्चे
यूनिसेफ का कहना है कि कोरोना की पहली लहर में दक्षिण एशिया के देशों में दो लाख बच्चे और हजारों मांओं को जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं में परेशानी का सामना करना पड़ा.
भारत में पहल
कोविड-19 से प्रभावित बच्चों की मदद और सशक्तिकरण के लिए पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन योजना की शुरुआत हुई है. इस योजना के तहत बच्चों को मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा. अनाथ हुए बच्चों को 18 साल होने पर मासिक भत्ता दिया जाएगा और 23 वर्ष होने पर पीएम केयर्स फंड से 10 लाख रुपये दिए जाएंगे.
बढ़ता अवसाद
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का अध्ययन कहता है कि कोरोना की वजह से लोग मानसिक तौर पर भी बीमार हो सकते हैं. शोधकर्ताओं ने 2,36,000 से अधिक कोरोना से पीड़ित रोगियों के इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड्स की जांच की. इस जांच में यह बात सामने आई कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने के छह महीने के भीतर 34 प्रतिशत रोगियों में किसी न किसी तरह की मानसिक बीमारी दिखी.