वाहन स्क्रैपिंग नीति की खास बातें
भारत में गाड़ियों के लिए नई स्क्रैप नीति का ऐलान हुआ है. नई स्क्रैप नीति में डीजल और पेट्रोल के निजी वाहनों को 20 साल तक चलने की इजाजत दी गई है. वाणिज्यिक वाहनों के लिए भी नीति बनाई गई है.
पुरानी अनफिट गाड़ी हो जाएंगी रिटायर
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में प्रस्तावित वाहन स्क्रैपिंग नीति पर बयान दिया. उनके मुताबिक भारत में 20 साल से पुराने 51 लाख हल्के मोटर वाहन हैं और 15 साल से पुराने 34 लाख हल्के मोटर वाहन हैं. पुराने वाहन फिट वाहनों की तुलना में पर्यावरण को 10 से 12 गुना अधिक प्रदूषित करते हैं और सड़क सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा करते हैं.
पर्यावरण की चिंता
सड़कों पर गाड़ियों से चलने वाले और पैदल चलने वाले लोगों की सुरक्षा और स्वच्छ वातावरण के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय "वाहन स्क्रैपिंग नीति" की शुरुआत कर रहा है. जो कि स्वैच्छिक रुप से वाहनों के आधुनिकीकरण का एक कार्यक्रम होगा. जिसका उद्देश्य प्रदूषण फैलाने वाले अनफिट गाड़ियों को सड़क से हटाने के लिए एक इको सिस्टम बनाना है.
गाड़ियों की फिटनेस पर जोर
गाड़ियों को दो तरीके से स्क्रैप किया जा सकेगा. जो वाणिज्यिक वाहन के लिए, स्वचालित फिटनेस सेंटर के फिटनेस सर्टिफिकेट और निजी वाहन के मामले में उसके पंजीकरण के रजिस्ट्रेशन के आधार पर तय होगा. यह मानक जर्मनी, ब्रिटेन, अमेरिका और जापान जैसे अलग-अलग देशों के मानकों के तुलनात्मक अध्ययन के बाद अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर बनाए गए हैं.
फिट नहीं तो सड़क से हटो
फिटनेस टेस्ट में विफल रहने वाले या अपने रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट का नवीनीकरण कराने में विफल रहने वाले वाहन की आयु खत्म घोषित कर दी जाएगी. वाहन की फिटनेस का निर्धारण मुख्य रूप से उत्सर्जन परीक्षण, ब्रेकिंग, सुरक्षा उपकरण समेत कई अन्य मानकों पर परीक्षणों के आधार पर होगा.
कैसे चलेगी पुरानी गाड़ी
निजी वाहनों के लिए प्रस्ताव किया गया है कि उन्हें 20 साल के बाद रजिस्ट्रेशन का रिनुअल न होने की हालत में और अनफिट पाए जाने पर डी-रजिस्टर कर दिया जाएगा. इन गाड़ियों को हतोत्साहित करने के उपाय के रूप में निजी वाहनों के लिए उनके शुरूआती रजिस्ट्रेशन की तारीख से 15 साल की अवधि पूरी हो जाने के बाद फिर से रजिस्ट्रेशन कराने के लिए बढ़ी हुई फीस देनी होगी.
कार खरीदारों को कितना फायदा
स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट दिखाने पर नई गाड़ी खरीदते समय वाहन की खरीद की कीमत में 5 प्रतिशत की छूट दी जा सकती है. इसके अलावा स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट दिखाने के बाद नई गाड़ी खरीदने पर रोड टैक्स में 25 फीसदी की छूट दी जा सकती है.
स्क्रैप करने से बढ़ेगा कार उद्योग
वाहन स्क्रैप पॉलिसी से देश में एल्युमीनियम, तांबा, प्लास्टिक और रबर की रिसाइकिलिंग को बढ़ावा मिलेगा. ऑटोमोबाइल कंपनियों को रिसाइकिलिंग से कच्चा माल हासिल होगा जिससे लागत कम होगी और देश में कारों की बिक्री बढ़ेगी. सरकार के मुताबिक इस व्यवस्था से लगभग 10,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश आने की उम्मीद है और 35,000 लोगों को रोजगार मिलेगा.