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अपराधजर्मनी

शांति रही मगर पुलिस पर भारी पड़ा जर्मनी में नये साल का जश्न

१ जनवरी २०२५

जर्मनी में नये साल के जश्न के दौरान पुलिस और दमकलकर्मी बेहद चौकन्ने और आशंकित थे. इसके बाद भी 5 लोगों की मौत हुई जबकि बर्लिन में ही 390 लोगों को हिरासत में लेना पड़ा. इनमें से ज्यादातर खतरनाक तरीके से पटाखे चला रहे थे.

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नये साल के मौके पर क्रेटचाम में आतिशबाजी
लापरवाही से पटाखे चलाने की वजह से कई जगहों पर लोग इसकी चपेट में आएतस्वीर: Andre März/IMAGO

इंसान और पर्यावरण की सेहत के लिए पटाखे अच्छे नहीं हैं लेकिन जर्मनी में ये कानून व्यवस्था के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं. नए साल के जश्न की रात का किसी बड़ी घटना के बगैर बीत जाना बर्लिन की पुलिस बड़ी सफलता मान रही है, हालांकि यह उनके लिए भी इतना आसान नहीं था. देश भर में पांच लोगों की मौत हुई है और कम से कम 15 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. इनमें से एक पुलिसकर्मी की तो सर्जरी कराने तक की नौबत आ गई है.

जर्मनी में पटाखों पर भी रोक की मांग

पांच लोगों की मौत 390 हिरासत में

नॉर्थराइन वेस्टफालिया राज्य के गेसेके में 24 साल का एक युवक पटाखा फटने मर गया. पुलिस का कहना है कि संभवतया यह पटाखा उसने खुद ही बनाया था. उधर सैक्सनी राज्य में दो लोग इसी तरह की घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए.

लाइपजिष के पूर्व में ओशात्स में एक 45 साल के आदमी की मौत हो गई. केमनित्स के पास हार्था में भी 50 साल का एक आदमी मर गया. ये दोनों हाथ में रख कर पटाखा जलाने के दौरान घायल हुए. हैम्बर्ग में भी 20 साल का एक युवा पटाखा फटने से मर गया जबकि ब्रांडनबुर्ग के पास एक आदमी गंभीर रूप से घायल हुआ. एक आदमी की बर्लिन में भी पटाखों से मौत हुई है.

बर्लिन में तैनात पुलिस अधिकारी
बर्लिन और दूसरे शहरों में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती हुई थीतस्वीर: Soeren Stache/dpa/picture alliance

जश्न की रात पटाखों की वजह से ही 15 पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए हैं. इनमें अवैध पटाखों की चपेट में आ कर एक पुलिसकर्मी इतना अधिक जख्मी हो गया कि उसकी सर्जरी करानी पड़ी है. कई जगहों पर हिंसक घटनाएं हुई हैं. लाइपजिष शहर में करीब 50 लोगों ने पुलिस अधिकारियों पर बोतलों और पटाखों से हमला बोल दिया. इसी तरह कोलोन में भी दो पुलिस अधिकारी पटाखों की चपेट में आकर जख्मी हुए. इसी तरह की घटनाएं हैम्बर्ग में भी हुई हैं.

नए साल पर पुलिस की तैयारी 

जर्मन राजधानी में सब कुछ ठीक ढंग से निपट जाए इसके लिए पुलिस ने 390 लोगों को हिरासत में लिया. ज्यादातर लोग खतरनाक तरीके से पटाखे चलाने के कारण पुलिस की नजरों में आए और फिर हवालात में रात काटी. पुलिस प्रवक्ता का कहना है कि इनमें से कुछ को पटाखे जलाने से तो कुछ को हथियारों से जुड़े नियम तोड़ने के लिए पकड़ा गया.

बर्लिन में नजर रख रहे पुलिस अधिकारी
हादसों को रोकने के लिए पटाखों से जुड़े कई नियम बनाये गए हैं और इनका पालन कराने की भरपूर कोशिश होती हैतस्वीर: Bernd von Jutrczenka/dpa/picture alliance

बर्लिन में करीब 3,000 अतिरिक्त पुलिस अधिकारियों की नये साल की ड्यूटी पर लगाया गया था. इसके अतिरिक्त 1,000 से ज्यादा पुलिस अधिकारी कारों में बैठकर सड़कों पर गश्त लगा रहे थे या फिर सड़कों और गलियों में तैनात किए गये थे. दमकल विभाग भी पूरी मुस्तैदी से जुटा हुआ था. पुलिस प्रवक्ता ने का कहना है कि कोई बड़ी घटना नहीं हुई और पुलिस की तैयारियों ने कारगर भूमिका अदा की. पुलिस ने दमकलकर्मियों को भी उनके काम के दौरान सुरक्षा मुहैया कराई. माग्देबुर्ग की घटना के बाद खासतौर से सब जगह पुलिस महकमा चौकस था. 

पटाखे जलाने के नियम

जर्मनी में नये साल के स्वागत में पटाखे जलाने की परंपरा पुरानी है. दूसरे कई देशों से उलट यहां पटाखे जलाने के लिए पेशेवर एजेंसियों को नहीं लगाया जाता बल्कि आम लोग ही दुकान से खरीद कर पटाखे जलाते हैं और नये साल का जश्न मनाते हैं. बीते कुछ सालों में पटाखे चलाने के दौरान हुई गड़बड़ियों और हादसों की वजह से सरकार अब इन्हें सीमित कर रही है और नियमों में बांध रही है. यहां पटाखे जलाने पर मोटे तौर पर पाबंदी है. सिर्फ नये साल या विशेष मौके पर ही इसमें छूट दी जाती है.

नये साल के मौके पर सुपरस्टोर से पटाखे की खरीदारी
जर्मनी में आमतौर पर पटाखा चलाने की अनुमति नहीं होती खास मौकों पर शर्तों के साथ इजाजत मिलती है, नियम तोड़ने पर भारी जुर्माना लगता हैतस्वीर: Frank Hammerschmidt/dpa/picture alliance

शहर की सभी सड़कों पर अब पटाखे चलाने की अनुमति नहीं होती. बर्लिन समेत ज्यादातर शहरों में इसके लिए कुछ इलाके और सड़कें तय कर दी गई थीं, पटाखे वहीं जलाए जा सकते थे. इसके अलावा इनका समय भी निश्चित होता है. 31 दिसंबर को शाम छह बजे से अगले दिन सुबह सात बजे तक का समय ही पटाखे चलाने के लिए दिया गया था. इन नियमों का उल्लंघन करने पर 10,000 यूरो यानी करीब 9 लाख रुपये तक के जुर्माने लगाया जा सकता है.

नाए साल के अलावा बाकी दिनों में पटाखा चलाने के लिए पुलिस और नगरपालिका से बकायदा अनुमति लेनी पड़ती है और इस दौरान जरूरी शर्तों का पालन करना पड़ता है. यह मंजूरी बहुत कम ही मामलों में मिल पाती है.

इसके बावजूद हादसे हो रहे हैं क्योंकि लोग नियमों को तोड़ रहे हैं. ज्यादातर घटनाओं में पटाखे खुद से बनाने, उन्हें लापरवाही से चलाने या फिर जो पटाखे आम लोगों के लिए नहीं बल्कि पेशेवरों के लिए हैं उन्हें चलाने की वजह से हादसे हुए हैं.

एनआर/आरपी (डीपीए, एएफपी)

नए साल पर आतिशबाजी और पटाखों से नुकसान