बायरॉयथ फेस्टिवल: प्यार और विश्वासघात की कहानी
२ अगस्त २०२४जर्मनी में हर साल 25 जुलाई से शुरू होने वाला बायरॉयथ फेस्टिवल अगले पांच हफ्तों तक चलता है. इस बार बायरॉयथ फेस्टिवल की शुरुआत में कई ऐसे आश्चर्य देखने को मिले जिसने यहां के जाने-माने आलोचकों को भी चुप करा दिया. पहला था ‘ट्रिस्टान एंड इजोल्डे' का बहुप्रतीक्षित प्रीमियर, जो कि प्रेमियों की एक पुरानी कहानी है. इसका निर्देशन आइसलैंड के निर्देशक थोरलेइफर ऑर्न अर्नार्सन ने किया है. यह ऐसी प्रेम कहानी है जिसका अंत दुखद होता है.
कार्यक्रम के दौरान गायकों के लिए जोरदार तालियां बजाई गईं. विशेषकर कमिला न्यूलोंड जो इजोल्डे की भूमिका में थीं और गायक अंद्रेयास शॉगर जो ट्रिस्टान की भूमिका में थे. साथ ही, क्रिस्टा मायर जो इजोल्डे की नौकरानी ब्रांगेन की भूमिका में थीं.
रूसी संगीत निर्देशक सेम्योन बाइचकोव की भी प्रशंसा की गई कि उन्होंने रिचर्ड वागनर के सूक्ष्म स्वरों की उपेक्षा नहीं की और गायकों को वह जगह दी जिसकी उन्हें जरूरत थी.
दूसरी ओर, निर्देशक अर्नार्सन और सलाहकार एंड्री हार्डमेयर को बहुत कम प्रशंसा मिली. जो माहौल दृश्यों और संगीत के साथ शुरू हुआ था वह समय के साथ कुछ हद तक उबाऊ हो गया. लगातार उदास मंच पर ज्यादा कुछ नहीं हुआ और सेट वैसे ही रहे.
जर्मनी का लोकप्रिय ओपेरा फेस्टिवल है बायरॉयथ फेस्टिवल
बायरॉयथ फेस्टिवल जर्मनी का लोकप्रिय ओपेरा फेस्टिवल है. हर साल करीब 60,000 विदेशी मेहमान इस फेस्टिवल में शामिल होने के लिए आते हैं. इसमें आलोचक और रिचर्ड वागनर के प्रशंसक काफी बारीकी से हर एक प्रस्तुति को देखते हैं.
ऑस्ट्रेलियाई संगीत निर्देशक सिमोन यंग ने बायरॉयथ फेस्टिवल में अपनी शुरुआत शानदार तरीके से की. निबेलुंग सागा के पहले भाग के उनके संगीत के बाद लोगों ने जोरदार तालियां, पैरों से ठक-ठक और यहां तक कि खड़े होकर तालियां बजाई.
शास्त्रीय संगीत के सितारों की महफिल उत्तरी जर्मनी में
वागनर का ‘रिंग ऑफ द निबेलुंग' का पूरा हिस्सा लगभग 16 घंटे का होता है और इसे चार हिस्सों में परफॉर्म किया जाता है. यंग इस फेस्टिवल के लगभग 150 साल के इतिहास में निबेलुंग का संचालन करने वाली पहली महिला हैं. पिछले साल, निर्देशक वैलेंटिन श्वार्त्स को उनके प्रोडक्शन के लिए मजाक उड़ाया गया था. उसे ‘नेटफिल्क्स सीरीज' कहकर खारिज कर दिया गया था.
यंग के अलावा, इस सीजन में बायरॉयथ में दो अन्य महिलाएं संगीत निर्देशन कर रही हैं. इनमें ओक्साना लिनिव ‘द फ्लाइंग डचमैन' और नैथली स्टूत्समान ‘टनहॉजर' का निर्देशन कर रही हैं. यह संगीत निर्देशन के क्षेत्र में पुरुष वर्चस्व को कम करने की दिशा में एक पहल है, जो 1876 में इस फेस्टिवल की शुरुआत से हावी है. लिनिव 2021 में इस फेस्टिवल में संगीत निर्देशन करने वाली पहली महिला बनी थीं.
संगीत की सीमाओं को आगे बढ़ा रहा यह फेस्टिवल
इस साल के फेस्टिवल का मुख्य आकर्षण रिचर्ड वाग्नर के ‘ट्रिस्टान एंड इजोल्डे' का नया प्रोडक्शन है. इस आयोजन के बचे अगले चार हफ्तों में इसे छह बार और परफॉर्म किया जाएगा. वागनर ने अपनी प्रेम कहानी को ‘तीन भाग वाला नाटक (हैंडलंग)' कहा. इसमें दो प्रेमियों की भावनाओं को दिखाया गया है जो आनंदमय उन्माद और आंतरिक पीड़ा के बीच फंसे हुए हैं.
ओपेरा अपने आप में आसान नहीं है और शुरू में इसे प्रस्तुति के लायक भी नहीं माना जाता था. डीडब्ल्यू को दिए इंटरव्यू में, वागनर के बारे में जानकारी रखने वाले और बायरॉयथ में रिचर्ड वाग्नर म्यूजियम के निदेशक स्वेन फ्रेडरिक ने बताया, "इसका प्रीमियर म्यूनिख में 1865 में हुआ था, जो इसके पूरा होने के छह साल बाद हुआ. इसकी रचना में वागनर ने अपने समय की स्वर और सामंजस्य की सीमाओं को पार कर लिया था.”
संगीत निर्देशक सेम्योन बाइचकोव के मुताबिक, यह ऐसा संगीत है जो आपको बांध लेता है और जिससे आप बच नहीं सकते. फेस्टिवल के दौरान उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, "वागनर ने स्वर की सीमाओं को आगे बढ़ाया है, लेकिन संगीत हमेशा स्वरमय ही रहता है.”
तीसरा भाग विशेष रूप से गायक के लिए बड़ी चुनौती होती है. इसमें ट्रिस्टान लगभग 40 मिनट तक पूरी तरह अकेले गाता है. अपने दुख, अपनी पीड़ा और इजोल्डे की इच्छा के बारे में बताता है. यह शायद किसी गायक के लिए लिखा गया ओपेरा का सबसे लंबा भाग है.
प्यार और विश्वासघात की कहानी
ओपेरा की पृष्ठभूमि पेचीदा है. इंग्लैंड के एक योद्धा ट्रिस्टान ने आयरिश राजा की बेटी इजोल्डे के मंगेतर की हत्या कर दी थी. इसके बावजूद, दोनों में प्यार हो जाता है. हालांकि, बाद में ट्रिस्टान अपने चाचा किंग मार्क से वादा करता है कि वह इजोल्डे को उनकी पत्नी बनाएगा. ओपेरा की कहानी तब शुरू होती है, जब ट्रिस्टान इजोल्डे को समुद्र के रास्ते मार्क के पास लाना चाहता है. इजोल्डे के मुताबिक, यह जबरन विवाह उसके प्यार के साथ विश्वासघात है.
निर्देशक अर्नार्सन दर्शकों को उन दोनों नायकों के अतीत में ले जाते हैं, जो एक जहाज के मलबे के नीचे जैसा दिखता है और उन सामाजिक बाधाओं पर प्रकाश डालते हैं जो उनके मिलन की अनुमति नहीं देते हैं. अंत में, उनकी उम्मीद मर जाती है और दोनों जहर की मदद से मौत की तलाश करते हैं.
अन्य संस्कृतियों और बौद्ध धर्म का प्रभाव
रिचर्ड वागनर का जन्म 1813 में हुआ था और वे 1883 तक जीवित रहे थे. उन्हें अन्य संस्कृतियों के मिथकों और किंवदंतियों से प्रेरणा लेना पसंद था. ट्रिस्टान और इजोल्डे की कहानी एक सेल्टिक किंवदंती पर आधारित है. ट्रिस्टान का अर्थ होता है दुखी व्यक्ति.
वागनर का भी अपने संरक्षक ओटो वेसेंडॉन्क की पत्नी माथिल्डे वेसेंडॉन्क के साथ प्रेम संबंध था. वागनर और माथिल्डे दोनों की आपस में शादी नहीं हुई थी, इसलिए यह भी एक ‘निषिद्ध प्यार' था.
वागनर अपने पूरे जीवन में भारत और बौद्ध धर्म से प्रभावित रहे, जो उन्हें शोपेनहावर के दर्शन के माध्यम से मिला. स्वेन फ्रेडरिक बताते हैं, "जीवन दुख है, क्योंकि यह इच्छा शक्ति के अधीन है. यह ऐसी प्रेरक शक्ति है जो लोगों को बंदी बनाती है.” बौद्ध धर्म के अनुसार, इस इच्छा शक्ति और प्रेरक शक्ति में यौन इच्छा भी शामिल है. इसे सिर्फ तपस्या और त्याग के माध्यम से ही दूर किया जा सकता है, जिससे निर्वाण की प्राप्ति होती है. इस अवस्था में कोई दुख नहीं होता है.
वागनर ने अपने हिसाब से इसमें कुछ बदलाव किया. उनके मुताबिक, इस इच्छा शक्ति पर ना सिर्फ त्याग के माध्यम से जीत हासिल की जा सकती है, बल्कि प्रेम की शक्ति से भी ऐसा किया जा सकता है. एक ऐसा प्रेम जो मौत तक जाता है और सभी दुखों से मुक्ति दिलाता है.
‘डाई माइस्टरसिंगर वॉन नूर्नबर्ग' का एक नया प्रोडक्शन 2025 के लिए तैयार किए जाने की योजना है. वागनर के प्रशंसक पहले से ही 2026 में आयोजित होने वाली फेस्टिवल की 150वीं वर्षगांठ का इंतजार कर रहे हैं. उस समय सभी 10 वाग्नर ओपेरा का प्रदर्शन किया जाएगा. इसके अलावा, वागनर का शुरुआती ओपेरा ‘रिएन्जी' पहली बार फेस्टस्पीलहाउस में प्रदर्शित किया जाएगा.