सब पर भारी पड़ रहा है इंसान का कूड़ा
२६ अगस्त २०१६ब्रिटेन की पर्यावरण ऑडिट कमेटी के मुताबिक टूथपेस्ट, क्लेंजर, शॉवर और हेयर जेल में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के बारीक कण हजारों किलोमीटर दूर आर्कटिक की बर्फ में भी मिल रहे हैं. समुद्र का धरातल भी इन कणों से भर रहा है. समिति ने कॉस्मेटिक उत्पादों में प्लास्टिक के इन बारीक कणों का इस्तेमाल तुरंत बंद करने की अपील की है.
कमेटी की अध्यक्ष मैरी क्रेग के मुताबिक, "बहुत ही छोटे प्लास्टिक के खरबों टुकड़े समुद्र, झीलों और जलधाराओं में घुस चुके हैं, ये जलीय जीवन को नुकसान पहुंचा रहे हैं और आहार चक्र में घुस रहे हैं. एक बार शॉवर लेने के मतलब है कि 1,00,000 प्लास्टिक के कण समुद्र में पहुंचेंगे. कॉस्मेटिक कंपनियों द्वारा प्लास्टिक माइक्रोबीड्स को खुद धीरे धीरे हटाने का ऐलान असरदार नहीं है. हमें पूरी तरह कानूनी प्रतिबंध लगाने की जरूरत है."
मेरी क्रेग ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए कहा, "प्रदूषण सीमाओं का सम्मान नहीं करता है." ब्रिटेन की सरकार जल्द ही कॉस्मेटिक्स में प्लास्टिक माइक्रोबीड्स के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने जा रही है. माइक्रोबीड्स पांच मिलीमीटर से छोटे प्लास्टिक के कण हैं. इनका इस्तेमाल क्लेंजर, टूथपेस्ट, हेयर जेल, शॉवर जेल, प्लास्टिक बैग और प्लास्टिक की बोतल बनाने में किया जाता है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस वक्त दुनिया भर के महासागरों में 15-510 खरब माइक्रोप्लास्टिक कण हैं.
विशेषज्ञों के मुताबिक पानी में घुल चुके प्लास्टिक के ये बारीक कण इंसान के आहार का हिस्सा भी बन रहे हैं. एक्सेटर यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर तमारा गालोवे खुद भी हैरान हैं, "दुनिया भर में जहां से भी हमने समुद्री पानी के नमूने लिये, वहां हमें प्लास्टिक के टुकड़े मिले. कई जलीय जीव इन माइक्रोबीड्स को खाते हैं, उन्हें लगता है कि यह खाना है."
एक प्लेट समुद्री सीप में प्लास्टिक के 50 कण हो सकते हैं. गालोवे के मुताबिक, "अभी हमारे पास इनसे होने वाले नुकसान के पर्याप्त सबूत नहीं हैं, लेकिन यह साफ है कि ज्यादातर लोग भोजन में माइक्रोबीड्स खाना पंसद नहीं करेंगे." अब तक सिर्फ नीदरलैंड्स और अमेरिका ने ही कॉस्मेटिक उत्पादों में माइक्रोबीड्स के इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया है.
(लाखों टन प्लास्टिक दुनिया भर के सागरों में पहुंच कर उनसे जीवन छीन रहा है. आइए देखें कि प्लास्टिक प्रदूषण रूपी दैत्य से लड़ने के लिए दुनिया भर में क्या तरीके सोचे जा रहे हैं.)