म्यांमार सेना के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग
म्यांमार में सेना के तख्तापलट के बाद धीरे-धीरे लोगों का गुस्सा फूट रहा है. साल 2007 के बाद देश सबसे बड़े विरोध प्रदर्शन का गवाह बन रहा है. लोग आंग सान सू ची की रिहाई के लिए प्रदर्शन और आपातकाल के खिलाफ विरोध कर रहे हैं.
म्यांमार में तख्तापलट का विरोध
म्यांमार में 1 फरवरी को हुए सैन्य तख्तापलट के विरोध और देश की प्रमुख नेता आंग सान सू ची को जल्द से जल्द रिहा करने के समर्थन में हजारों लोगों ने 7 फरवरी को देशभर में जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन के दौरान नारे लगाते हुए कहा, "हम सैन्य तानाशाही नहीं चाहते हैं. हम लोकतंत्र चाहते हैं."
म्यांमार में तख्तापलट का विरोध
तख्तापलट करने वाले सैन्य अधिकारियों ने इन विरोध प्रदर्शनों के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2007 के बाद म्यांमार में यह अब तक का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन है.
म्यांमार में तख्तापलट का विरोध
आंग सान सू ची की रिहाई के लिए आम लोगों के साथ-साथ उनकी पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. उनके हाथों में सू ची की तस्वीर वाले बैनर थे और उस पर रिहाई की मांग थी.
म्यांमार में तख्तापलट का विरोध
सैन्य तख्तापलट के बाद म्यांमार ने 6 फरवरी को माइक्रो ब्लॉगिंग मंच ट्विटर और इंस्टाग्राम पर रोक लगा दी. इससे पहले सेना ने फेसबुक पर चार दिनों के लिए रोक लगाई थी. तख्तापलट करने वाली सेना को आशंका है कि फेसबुक के जरिए राजनीतिक पार्टियां और नागरिक अधिकार संगठन बड़े प्रदर्शन आयोजित कर सकते हैं.
म्यांमार में तख्तापलट का विरोध
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यंगून शहर में हजारों की भीड़ 7 फरवरी को विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई और "सैन्य तानाशाही विफल" और "लोकतंत्र की जीत" के नारे लगाए.
म्यांमार में तख्तापलट का विरोध
सैन्य तख्तापलट के विरोध में भारी संख्या में महिला शिक्षकों ने भी प्रदर्शनों में हिस्सा लिया और तीन उंगलियां सलामी मुद्रा में दिखाईं.
म्यांमार में तख्तापलट का विरोध
सेना ने पिछले साल हुए चुनाव में धांधली का आरोप लगाकर देश के बड़े नेताओं को हिरासत में लिया था और एक साल के लिए लोकतांत्रिक व्यवस्था पर रोक लगा दी थी. स्वास्थ्य क्षेत्र के कर्मचारियों ने अपने कपड़ों पर लाल रिबन लगाकर अपना विरोध जताया.
म्यांमार में तख्तापलट का विरोध
म्यांमार में सैन्य शासन के खिलाफ अमेरिका समेत तमाम देशों ने चिंता जाहिर की है और सेना से देश के नेताओं की जल्द रिहाई की मांग की है.
म्यांमार में तख्तापलट का विरोध
यंगून विश्वविद्यालय के पास प्रमुख चौराहे पर 7 फरवरी को जमा हुए कम से कम 2,000 श्रमिक संगठनों के सदस्यों, छात्र कार्यकर्ताओं और आम लोगों ने "आपकी आयु लंबी हो मां सू" के नारे लगाए.