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एमनेस्टी: घातक है पाकिस्तान में बढ़ता तापमान

६ जून २०२३

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तानी नागरिक अत्यधिक गर्मी की लहरों से निपटने के लिए तैयार नहीं हैं. उसका कहना है कि उच्च तापमान और गर्मी की लहरों के सामने पाकिस्तानी नागरिक बेबस हैं.

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पाकिस्तान
पाकिस्तान तस्वीर: Akhtar Soomro/REUTERS

विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर अपनी एक रिपोर्ट में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि दक्षिण एशिया में खासकर पाकिस्तान में नागरिक उच्च तापमान से सुरक्षा संबंधी सुविधाओं से वंचित हैं. इस रिपोर्ट के मुताबिक इस देश में पहले के मुकाबले हीट स्ट्रोक, सांस लेने में दिक्कत और बेहोशी की वजह से ज्यादा लोगों को अस्पताल के इमरजेंसी में पहुंचाया जा रहा है.

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन के कारण अब चरम मौसम की घटनाएं अधिक बार होंगी. पिछले साल पाकिस्तान में भीषण गर्मी पड़ी थी. पिछले साल मई में जैकबाबाद में तापमान 51 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.

शोध: भीषण गर्मी की चपेट में आ सकते हैं करोड़ों भारतीय

चरम मौसम का सामना करता पाकिस्तान

पिछले साल पाकिस्तान में भारी बारिश के बाद विनाशकारी बाढ़ ने देश के एक तिहाई हिस्से को डुबो दिया, जिससे लाखों लोग, पशुधन और कृषि भूमि प्रभावित हुई.

बाढ़ के कारण पाकिस्तान के कृषि क्षेत्र को 30 अरब रुपये का नुकसान हुआ था. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर से दिसंबर 2022 के बीच 85 लाख से ज्यादा लोग खाद्य संसाधनों को लेकर असुरक्षित थे.

एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक कम आय वाले लोग गर्म दिनों में भी खुले आसमान के नीचे काम करने को मजबूर हैं और ये लोग जलवायु परिवर्तन से खुद को बचाने में सबसे कम सक्षम हैं.

एमनेस्टी का कहना है कि पाकिस्तान में चार करोड़ से अधिक लोग बिना बिजली के हैं, जिसका अर्थ है कि उनके पास एयर कंडीशनर या पंखा नहीं है.

दक्षिण एशिया क्षेत्र के लिए एमनेस्टी इंटरनेशनल की क्षेत्रीय उप निदेशक दिनुष्का देसानायके ने चेतावनी दी कि बढ़ते तापमान और गर्मी से गरीब अधिक प्रभावित होते रहेंगे.

एमनेस्टी ने पाकिस्तान सरकार से शहर के कमजोर वर्गों को अत्यधिक गर्मी से बचाने के लिए एक कार्य योजना बनाने का आग्रह किया है
एमनेस्टी ने पाकिस्तान सरकार से शहर के कमजोर वर्गों को अत्यधिक गर्मी से बचाने के लिए एक कार्य योजना बनाने का आग्रह किया हैतस्वीर: Akhtar Soomro/REUTERS

गरीब वर्ग पर ज्यादा मार

एमनेस्टी ने पाकिस्तान सरकार से शहर के कमजोर वर्गों को अत्यधिक गर्मी से बचाने के लिए एक कार्य योजना बनाने का आग्रह किया है. मानवाधिकार संगठन ने अमीर देशों से कार्बन गैसों के उत्सर्जन को कम करने और पाकिस्तान को जलवायु परिवर्तन से बचाने के लिए सहायता प्रदान करने का भी अनुरोध किया है.

पाकिस्तान ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के मामले में बहुत पीछे है, लेकिन यह जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की सूची में सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक है.

वहीं पिछले एक शोध में भारत के लिए कहा गया था कि तापमान में  2.7 डिग्री की वृद्धि का असर 60 करोड़ से ज्यादा भारतीयों पर पड़ेगा. अगर इसे 1.5 डिग्री तक सीमित कर लिया जाता है तो इसमें छह गुना की कमी आ सकती है. तब नौ करोड़ भारतीय बढ़ती गर्मी और लू का प्रकोप झेलने को मजबूर होंगे.

अनुमान है कि हर 0.1 डिग्री तापमान बढ़ने के साथ 14 करोड़ लोग भीषण गर्मी की चपेट में होंगे. फिलहाल दुनिया भर के छह करोड़ लोग ऐसी जगहों पर रह रहे हैं जहां औसत तापमान 29 डिग्री से ऊपर है.

एए/वीके (एपी, डीपीए)