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समाज

टिग्रे युद्ध: महिलाओं से बलात्कार के गंभीर मामले

१३ अगस्त २०२१

एमनेस्टी की रिपोर्ट के मुताबिक टिग्रे में दर्जनों महिलाओं ने देश के सैनिकों और सहयोगी बलों द्वारा यौन हमलों पर अपना दर्द बयान किया है. रिपोर्ट कहती है वारदात को अंजाम देने वाले अपने कमांडर से सजा के डर बिना ऐसे करते हैं.

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तस्वीर: Ben Curtis/AP/picture alliance

संकट प्रतिक्रिया पर जांचकर्ता डोनाटेला रोवेरा कहती हैं, ''ये सभी सैनिक शुरू से ही, हर जगह और लंबे समय तक इन अपराधों को अंजाम देते आए हैं. उन्हें ऐसा लगता है कि इस तरह के अपराध को अंजाम देना ठीक है क्योंकि वे सजा से आजाद हैं और ऐसा कर सकते हैं.''

रोवेरा कहती हैं, "वह इस बारे में अटकलें नहीं लगाएंगी कि क्या किसी नेता ने संकेत दिया है कि बलात्कार किया जाए." रिपोर्ट कहती है कि ऐसा करने का उद्देश्य टिग्रे के जातीय समूहों और महिलाओं को अपमानित करना है.

रोवेरा ने कहा कि दुनिया भर में होने वाले अत्याचारों की जांच के अपने वर्षों के काम में ये घटनाएं कुछ सबसे खराब हैं. मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी ने कहा कि फरवरी और अप्रैल के बीच स्वास्थ्य केंद्रों में यौन उत्पीड़न के करीब 1200 से ज्यादा मामले आए.

नौ महीने के संघर्ष के दौरान वास्तविक आंकड़े के बारे में कोई नहीं जानता है. 60 लाख की आबादी वाले क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को लूट लिया गया या नष्ट कर दिया गया है.

महिलाओं ने बयान किया दर्द

एमनेस्टी ने कहा कि जितने मामले आए हैं वह वास्तविक घटनाओं का महज ''छोटा हिस्सा'' होने का अनुमान है. एमनेस्टी ने स्वास्थ्य कर्मियों के साथ 63 महिलाओं का साक्षात्कार लिया है.

दर्जन भर महिलाओं ने कई दिनों या हफ्तों तक बंधक बनाकर कई लोगों द्वारा बलात्कार के बारे में बताया. 12 महिलाओं ने कहा कि उनके परिवार के सामने बलात्कार किया गया. पांच महिलाओं ने बताया कि वे घटना के वक्त गर्भवती थीं. दो ने कहा कि उनके निजी अंगों में नाखून, कंकर और छर्रे डाले गए.

एक महिला ने कहा, "मुझे नहीं पता कि उन्हें यह एहसास हुआ कि मैं एक इंसान हूं." उसने एमनेस्टी को बताया कि कैसे उसके घर में तीन लोगों ने उस पर हमला किया था. वह उस वक्त चार महीनों की गर्भवती थी. समाचार एजेंसी एपी ने अलग से उस महिला से बात की जिसने इथियोपिया का साथ देने वाले इरीट्रिया के सैनिकों पर गैंगरेप का आरोप लगाया है.

टिग्रे सशस्त्र बल के खिलाफ आरोप नहीं

एमनेस्टी को टिग्रे सशस्त्र बल के खिलाफ कोई आरोप नहीं मिला है. टिग्रे सशस्त्र बल ने जून के अंत में टिग्रे क्षेत्र के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण हासिल कर लिया और अब अफार और अमारा क्षेत्रों की ओर बढ़ रहे हैं. वे प्रधानमंत्री अबी अहमद पर दबाव बनाकर इस्तीफे की कोशिश में हैं.

मंगलवार को प्रधानमंत्री अबी अहमद के दफ्तर की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, "अब वक्त आ गया है कि सारे सक्षम इथियोपियाई, जिनकी उम्र सेना, स्पेशल फोर्स और मिलिशिया में भर्ती की हो गई है, अपनी देशभक्ति दिखाएं."

एमनेस्टी की रिपोर्ट यौन हिंसा के लिए जवाबदेही की मांग करती है. एमनेस्टी का कहना है कि युद्ध के दौरान यौन हिंसा, बलात्कार और यौन दासता युद्ध अपराध की श्रेणी में आते हैं. रिपोर्ट कहती है कि टिग्रे में कई महिलाएं अब शारीरिक और मानसिक जख्मों के साथ ही रहती हैं. वे एचआईवी संक्रमण की भी शिकार हो गईं हैं.

नवंबर से जारी है युद्ध

टिग्रे में सरकारी फौजों और टिग्रे पीपल्स लिबरेशन फ्रंट के बीच युद्ध नवंबर में शुरू हुआ. टिग्रे पीपल्स लिबरेशन फ्रंट ने तीन दशक तक इथियोपिया पर राज किया है और अब टिग्रे प्रांत पर उसका कब्जा है. इस लड़ाई के चलते बीस लाख से ज्यादा लोगों को अपने घर छोड़कर भागना पड़ा है. 50 हजार से ज्यादा लोग पड़ोसी देश सूडान में शरणार्थी के तौर पर रह रहे हैं.

जून में सरकार ने एकतरफा युद्ध विराम लागू कर दिया था ताकि किसान खेतों में बुआई कर सकें. लेकिन विद्रोही फ्रंट द्वारा राजधानी मेकेले पर कब्जा कर लेने के बाद अब सरकार लोगों से हथियार उठाने की अपील कर रही है.

संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों का कहना है टिग्रे प्रांत में लगभग साढ़े तीन लाख लोगों के सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो गया है. और लाखों लोगों के सामने अकाल का खतरा मंडरा रहा है.

एए/सीके (एपी)

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