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ईरान: ड्रग्स से जुड़े अपराध में अब तक 173 को फांसी

५ जून २०२३

एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक इस साल अब तक ईरान में मादक पदार्थों से संबंधित अपराधों के लिए कम से कम 173 लोगों को फांसी दी जा चुकी है. यह संख्या पिछले साल से तीन गुना ज्यादा है.

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तस्वीर: Mert Alper Dervis/AA/picture alliance

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा कि इस साल के पहले पांच महीनों के दौरान ईरान में मारे गए लोगों में से लगभग दो-तिहाई लोगों को नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों का दोषी पाया गया था.

मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के लिए एमनेस्टी की उप निदेशक डायना एल्ताहावी ने कहा कि अधिकारियों द्वारा नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के लिए जिस "शर्मनाक दर" से फांसी की सजा दी जा रही है वह अंतरराष्ट्रीय कानून और "मानवता की कमी और जीवन के अधिकार" के खिलाफ है.

मानवाधिकार संगठनों के मुताबिक ईरान में 2022 में 582 लोगों को फांसी दी गई थी.

उन्होंने कहा, "अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नशीले पदार्थों के खिलाफ उपाय प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ईरान को जीवन से वंचित करने या अन्य मानवाधिकारों के उल्लंघन के मनमाने कृत्यों का समर्थन नहीं करते हैं."

पांच महीनों में 282 को फांसी

रिपोर्ट में कहा गया है कि अन्य अपराधों के लिए फांसी की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. इस साल के पहले पांच महीनों के दौरान कम से कम 282 लोगों को फांसी दी गई है. यह पिछले साल इसी अवधि के दौरान दी गई फांसी की संख्या से लगभग दोगुनी है.

ईरान ने जनवरी से मार्च के बीच 100 से अधिक लोगों को मौत की सजा दी. संयुक्त राष्ट्र और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने चेतावनी दी कि अगर इस खतरनाक दर से फांसी जारी रही तो इस साल ईरान में एक हजार लोगों को फांसी पर चढ़ा दिया जाएगा.

मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि फांसी पर लटकाये गये लोगों की वास्तविक संख्या सरकारी आंकड़ों से अधिक हो सकती है. नॉर्वे स्थित ईरान मानवाधिकार (आईएचआर) के मुताबिक इस साल अब तक कम से कम 307 लोगों को फांसी दी जा चुकी है.

मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन

आईएचआर ने कहा कि अकेले मई में कम से कम 142 लोगों को फांसी दी गई, जो 2015 के बाद से किसी एक महीने में सबसे ज्यादा है. इसका मतलब है कि इस्लामी गणराज्य ने पिछले महीने हर दिन औसतन कम से कम चार लोगों को फांसी दी.

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का आरोप है कि फांसी में वृद्धि का उद्देश्य लोगों के दिलों में डर पैदा करना है क्योंकि ईरानी नेतृत्व पिछले साल शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों को पूरी तरह से कुचल देना चाहता है.

आईएचआर के मुताबिक नैतिक पुलिस हिरासत में ईरानी कुर्द महिला महसा अमीनी की मौत के बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लेने वाले कम से कम सात प्रदर्शनकारियों को मार दिया गया है.

ईरान की राजधानी तेहरान में 13 सितंबर 2022 को एक कुर्द युवती महसा अमीनी को हिरासत में लिया गया. अपने परिवार के साथ तेहरान घूमने आई महसा को हिजाब से सिर न ढकने के आरोप में तेहरान की नैतिक पुलिस ने हिरासत में लिया था. इसके बाद 22 साल की अमीनी को हिरासत केंद्र में रखा गया, जहां 16 सितंबर को उनकी मौत हो गई. परिवार का आरोप है कि महसा की मौत पुलिस की पिटाई से हुई.

एए/वीके (एएफपी, डीपीए)