अखिलेश यादव: एक विनम्र बागी
उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी में महीनों से जारी खींचतान का अंजाम आखिरकार पार्टी में फूट के रूप में सामने आया. इस संकट ने अखिलेश यादव को नई राजनीतिक पहचान और ताकत दी है.
पिता से बगावत
स्वभाव से विनम्र अखिलेश यादव के लिए अपने पिता मुलायम सिंह यादव के खिलाफ बगावत करना एक बड़ा फैसला है. अखिलेश ने अपने ट्वीट में इसे एक मुश्किल फैसला बताया.
युवा नेतृत्व
अखिलेश यादव ने जब 2012 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभाला, तो उनकी उम्र 38 साल थी. वह इस पद तक पहुंचने वाले सबसे युवा नेताओं में शामिल हैं.
पढ़ाई लिखाई
अखिलेश यादव ने मैसूर यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. बाद में, वह पढ़ने के लिए ऑस्ट्रेलिया भी गए और यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी ने उन्होंने मरीन इंजीनियरिंग में मास्टर्स डिग्री की.
सियासत में कदम
अखिलेश ने पहली बार सन 2000 में सियासत में कदम रखा, जब वह कन्नौज से उपचुनाव जीतकर 13वीं लोकसभा के सदस्य बने.
सूबे की कमान
2012 में अखिलेश को उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया. उसी साल हुए चुनावों में पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला और युवा अखिलेश ने बतौर मुख्यमंत्री राज्य की कमान संभाली.
खींचतान
अखिलेश के मुख्यमंत्री बनते ही पार्टी में खींचतान की खबरें आने लगीं. इस खींचतान में एक छोर पर अखिलेश थे और दूसरी तरफ उनके चाचा शिवपाल यादव. अखिलेश के पिता मुलायम सिंह यादव ने बेटे की बजाय अपने भाई का साथ दिया.
रास्ते हुए जुदा
2017 के पहले दिन लखनऊ में पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष चुना गया. लेकिन उनके पिता ने इसे गैर कानूनी बताया. अखिलेश पर पिता का तख्तापलट करने के आरोप लगे और पार्टी दो फाड़ हो गई.
अपने दम पर
युवा अखिलेश साफ छवि के नेता माने जाते हैं. बतौर मुख्यमंत्री उनके कामों की सराहना भी होती है. लेकिन आने वाले चुनाव उनकी पहली बड़ी परीक्षा है. सबकी नजरें इस बात पर टिकी होंगी कि पिता के बिना उनका राजनीति करियर क्या करवट लेगा.
युवाओं का साथ
माना जाता है कि पार्टी के बहुत से युवा कार्यकर्ताओं का समर्थन अखिलेश यादव को है. लेकिन चुनावों में जीत के लिए पार्टी में अंदरुनी संकट झेल चुके अखिलेश को भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की चुनौतियों का भी सामना करना है.
परिवार
24 नवंबर 1999 को अखिलेश यादव ने डिंपल (तस्वीर में बायें से तीसरी) से शादी की, जो साल 2012 से कन्नौज लोकसभा सीट से सांसद भी हैं. अखिलेश और डिंपल यादव के दो बेटियां और एक बेटा है.