इंसानों की तरह आ गए "डिजिटल इंसान"
८ जनवरी २०२०दुनिया के सबसे बड़े कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स शो में स्टार लैब्स ने "आर्टिफिशियल ह्यूमन" पेश किया, जिसे NEONs नाम दिया गया है. स्टार लैब्स की फंडिंग सैमसंग ने की है. स्टार्टअप कंपनी ने जो "आर्टिफिशियल ह्यूमन" पेश किये, वे दिखने में इंसानों जैसे हैं. कंपनी के मुताबिक आर्टिफिशियल ह्यूमन इंसानों की तरह "बात करने और सहानुभूति जताने" में भी सक्षम हैं.
कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स शो में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एआई तकनीक से बने ह्यूमंस ने बातचीत और इशारे का प्रदर्शन भी किया गया. कैलिफोर्निया स्थित स्टार्टअप स्टार लैब्स दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग की सहायक यूनिट है.
इस तकनीक की मदद से ऐसे डिजिटल बीइंग्स को तैयार किया जा सकेगा, जो डिसप्ले या वीडियो गेम्स में नजर आ सकेंगे या जिन्हें टीवी एंकर, प्रवक्ता, फिल्म कलाकार या साथी और दोस्त के जैसे भी डिजाइन किया जा सकता है. स्टार लैब्स के सीईओ प्रणव मिस्त्री का कहना है कि यह एआई एक तरह से इंसानों के मॉडल पर बनाए गए हैं और यह अत्यधिक विस्तृत भाव-भंगिमाएं दिखा सकते हैं. कंपनी ने "आर्टिफिशियल ह्यूमन" का नाम 'नियॉन' रखा है. मिस्त्री के मुताबिक एआई मॉडल के स्वभाव को प्रोग्राम भी किया जा सकता है.
भारत में जन्मे मिस्त्री के मुताबिक, "वे मानव की तरह दिखते हैं क्योंकि उनका मॉडल इंसानों की तर्ज पर तैयार किया गया है." मिस्त्री कहते हैं एआई ह्यूमन वह भाषा भी बोल सकता है जिसे कभी किसी शख्स ने नहीं बोला है क्योंकि उसको प्रोग्राम करने की सुविधा है. मिस्त्री कहते हैं कि ऐसे डिजिटल बीइंग्स को तैयार करना एक जादू की तरह है और वह इस जादू को दुनिया के साथ साझा करना चाहते हैं.
स्टार लैब्स के मुताबिक नियॉन इंसानों से प्रेरित हैं और वह इंसानों की तरह दिखने, व्यवहार करने और बातचीत करने में प्रशिक्षित हैं. हालांकि लंबे अर्से से डिजिटल अवतार इस तरह से प्रोग्राम किए जा रहे हैं कि वह खास काम कर सकें, लेकिन नियॉन उससे आगे बढ़ते हुए इंसानों की तरह भावना के साथ बातचीत करने में सक्षम है.
कंपनी का कहना है कि आर्टिफिशियल ह्यूमन असली लोगों के लक्षण ले सकता है और हर एक नियॉन अपने नए मूवमेंट और डायलॉग बना सकता है. लेकिन इस आविष्कार ने सभी को प्रभावित नहीं किया. कंसल्टेंसी सीसीएस इनसाइट के बेन वुड ने ट्वीट किया कि वह नियॉन को देख उत्साहित नहीं हुए. उन्होंने कहा कि नियॉन को देखकर लगता है कि वह कलाकारों का एक वीडियो है.
वहीं मिस्त्री का कहना है कि "कोई भी इसके मूल तकनीक तक पहुंच नहीं बना सकता है और हम इसी तकनीक पर जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं." मिस्त्री ने कंपनी के बिजनेस मॉडल का खुलासा नहीं किया है लेकिन कहा कि साझेदार कंपनियां कई सेवाओं के लिए इन अवतारों का इस्तेमाल कर सकती हैं. भारत में पैदा हुए मिस्त्री को सिक्स्थ सेंस विकसित करने के लिए जाना जाता है. मिस्त्री इशारों से चलने वाली वियरएबल तकनीक प्रणाली को विकसित करने में योगदान दे चुके हैं.
एए/आरपी (एएफपी)
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