किसी परिकथा से दिखते हैं जर्मनी के ये किले
जर्मनी के नॉयश्वानश्टाइन किले से ही प्रेरित हो कर वॉल्ट डिजनी ने डिजनी वर्ल्ड का खूबसूरत परियों वाला किला बनवाया था. जर्मनी में ऐसे और भी कई किले मौजूद हैं जो देखने वाले को मंत्रमुग्ध कर देते हैं.
मार्क्सबुर्ग
12वीं सदी की शुरुआत में बना यह महल ब्राउबाख शहर में राइन नदी के पास बना है. तबसे लेकर आज तक यह अपने मूल स्वरूप में ही है और इस पर कभी कोई हमला नहीं हुआ. 2002 में यह भी यूनेस्को विशव धरोहरों में शामिल हुआ.
राइनश्टाइन
मार्क्सबुर्ग की तरह यह भी अपर मध्य राइन घाटी में बसा है. 1823 में प्रसिद्ध बिल्डर और आर्किटेक्ट कार्ल फ्रेडरिष ने प्रशिया के प्रिंस फ्रेडरिष से इसे खरीदने की मिन्नत की. रोमांटिक काल में राइन नदी पर पुनर्निर्मित किया जाने वाला यह पहला महल बना.
जात्सफाय
महल के आसपास खुदी गहरी खाई के कारण इसे सबसे सुरक्षित महल का दर्जा दिया जा सकता है. 12वीं सदी में नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया राज्य में बने इस महल के बाहर की खाई ही इसे दुश्मनों से बचने में मदद करती थी.
होहेनत्सोलेर्न
थर्मल इनवर्जन के कारण तस्वीर में यह महल जादुई दिख रहा है. 1850 में बाडेन-व्युर्टेम्बर्ग में करीब 855 मीटर ऊंची पहाड़ी पर स्थित इस दुर्ग में प्रशियाई शासकों का निवास स्थान रहा.
कोखेम
कोखेम शहर में मोजेल नदी के साथ दूर तक फैले पहाड़ पर बना यह सबसे बड़ा किला है. साल 1100 में बने और फिर 17वीं सदी के आसपास नष्ट हुए इस महल को बर्लिन के एक उद्यमी ने 1877 में फिर से नए अंदाज में बनवाया.
आल्टेना
वर्ष 1914 में इस महल में रिचर्ड शिरमन ने दुनिया का पहला यूथ हॉस्टल खोला. नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया राज्य में स्थित यह महल 800 साल से भी ज्यादा पुराना है. और 1918 में इसकी मरम्मत का काम पूरा हुआ.
न्यूरेम्बर्ग
मध्यकाल में इस किले को शाही शासन में एक महत्वपूर्ण स्तंभ माना जाता था. रोमन शासन के कई राजा कई सदियों तक यहां रहे. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इसकी पुरानी वास्तुकला की चमक को लौटाने के लिए कई हिस्सों का पुनर्निर्माण किया गया.
वार्टबुर्ग
केन्द्रीय जर्मनी के वार्टबुर्ग में 1067 में बने इस किले को देश का सबसे महत्वपूर्ण दुर्ग माना जाता है क्योंकि मार्टिन लूथर किंग ने 1521 से 1522 के बीच यहीं रहकर बाइबिल के 'न्यू टेस्टामेंट' का जर्मन भाषा में अनुवाद किया था. वार्टबुर्ग को 1999 से ही यूनेस्को विश्व धरोहर का दर्जा मिला हुआ है.
बुर्गहाउसेन
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में अपर बवेरिया के इस महल के कैंपस को दुनिया में सबसे बड़ा माना गया है. साल 1025 से भी पहले का बना यह दुर्ग 1,051 मीटर तक फैला है. यहां लंबे समय तक बवेरिया के विटेल्सबाख वंश का निवास रहा.
एल्ट्स
जर्मनी में पहले चलने वाली मुद्रा मार्क के 500 के नोट पर इसी किले की तस्वीर छपी होती थी. 12वीं सदी की शुरूआत में मोजेल नदी के पास की 70 मीटर ऊंची पहाड़ियों में बना यह महल पर्यटकों के आकर्षण का बड़ा केन्द्र रहा है.