85 के हुए इलस्ट्रेटर यानोश
शेर, भालू, बत्तख और मेढ़क की तस्वीरों और कहानियों ने यानोश को पूरी दुनिया का चहेता बना दिया है. शुक्रवार को उन्होंने जीवन के 85 वसंत पूरे किए.
कैसी रचना
यानोश ने कभी पीली और काली पट्टी वाले टाइगर डक के लिए कहा था कि वह बेकार है. इस बीच वह दुनिया भर के बच्चों का प्यारा है, लेकिन खुद यानेश के पास नहीं है. वे कहते हैं कि उसकी उन्हें जरूरत नहीं.
सच्चे साथी
यानोश की 300 से ज्यादा किताबें 40 भाषाओं में छपी हैं. छोटे टाइगर, छोटे भालू और उनके टाइगर डक के किरदारों वाली फिल्में बनी हैं. पोट्सडम के निकट फिल्मपार्क में इन तीनों किरदारों के साथ एक पनामालैंड भी है.
पर्दे की मस्ती
छोटा भालू अपने दोस्त छोटे टाइगर से पूछता है, "यदि मशरूम खोजने वाला दोस्त हो तो तुम्हें किसी बात से डरने की जरूरत नहीं. है न टाइगर." यानोश की कहानी पर द ट्रिप टू पनामा को कई बार फिल्माया गया है.
सादा जीवन
1970 के दशक में प्रकाशित द ट्रिप टू पनामा ने यानोश को दुनिया में लोकप्रिय बना दिया. इसमें छोटे टाइगर और भालू को अपने सपनों का देश घर के ठीक बाहर मिल जाता है. दोनों किरदार यानोश की कई कहानियों में हैं.
दुख भरा बचपन
यानोश पिक्चर बुक के अलावा बड़े कैनवस पर भी चित्रकारी करते थे. ये उनकी बचपन की याद से जुड़ा चित्र है, पक्षी को फंसाते उनके पिता. उनके पिता बहेलिया थे और बचपन में अक्सर बेटे को पीटा करते थे.
यानोश और महिलाएं
पत्नी की तस्वीर लिए यानोश. यह पूछे जाने पर कि अपनी तस्वीरों में वे महिलाओं को इतना कुरूप क्यों बनाते हैं, उन्होंने कहा था, क्योंकि उन्हें पत्नी के अलावा महिलाएं पसंद नहीं. उनकी दादी भी उन्हें झिड़का करती थी.
क्लासिक संकलन
बाल पुस्तकों के लेखक का सही सम्मान. उनके 85वें जन्म दिवस के मौके पर उनकी सर्वोत्तम कहानियों, कविताओं और चित्रों का एक संकलन छपा है. टाइटल है: "शायद मैं जो कुछ कहता हूं बकवास है."