लंदन में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े लैंडमार्क
भारत आज अपनी आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है. इस मौके पर देखिए लंदन के कुछ ऐसे ऐतिहासिक स्थल, जिनका इतिहास भारत के स्वाधीनता संग्राम और स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़ा है.
लंदन में महात्मा
लंदन के पार्लियामेंट स्क्वैयर पर महात्मा गांधी की ये मूर्ति 2015 में लगाई गई. ये मूर्ति उनके लंदन से भारत जाने और वहां आजादी के लिए संघर्ष की शुरुआत के 100 साल पूरे होने के मौके पर लगाई गई थी. इस प्रतिमा की प्रेरणा 1931 में 10 डाउनिंग स्ट्रीट पर ली गई उनकी वह तस्वीर है, जिसमें वो तत्कालीन पीएम रैमसे मैकडॉनल्ड से मुलाकात कर रहे थे.
क्रांतिकारी उधम सिंह
उधम सिंह ने जालियांवाला हत्याकांड अपनी आंखों से देखा था. इस घटना ने उन पर बहुत असर डाला. वह क्रांतिकारी बन गए. 1933 में वह इंग्लैंड आ गए. मकसद था, पंजाब के पूर्व लेफ्टिनेंट गर्वनर रहे माइकल ओ डायर को मारकर जालियांवाला बाग का बदला लेना. लंबे इंतजार के बाद 13 मार्च, 1940 को 10 कैक्सटन हॉल में उधम सिंह ने ओ डायर को गोली मार दी. 31 जुलाई, 1940 को लंदन के पैंटनविल जेल में उन्हें फांसी दे दी गई.
पूर्व इंडिया ऑफिस
किंग चार्ल्स स्ट्रीट पर फॉरेन ऐंड कॉमनवेल्थ ऑफिस की मौजूदा इमारत पहले इंडिया ऑफिस कहलाती थी. सेक्रेटरी ऑफ स्टेट फॉर इंडिया और उनकी काउंसिल यहीं काउंसिल चैंबर में भारतीय उपमहाद्वीप से जुड़ी नीतियों पर विमर्श करती थी. 1868 से 1947 के बीच भारत से जुड़े कई अहम फैसले यहीं लिए गए. 1947 में भारत की आजादी के बाद विदेश विभाग यहां आ गया.
क्रांतिकारी मदनलाल धींगरा
पंजाब के अमृतसर में पैदा हुए मदनलाल ढींगरा का परिवार अंग्रेजों का वफादार था. 1906 में ढींगरा इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड गए. वहीं पर वह सावरकर के संपर्क में आए और भारतीय स्वाधीनता संग्राम से जुड़े. 1 जुलाई, 1909 को उन्होंने भारत-विरोधी माने जाने वाले कर्जन वायली को गोली मार दी. इसकी सजा के तौर पर 17 अगस्त, 1909 को इसी पैंटनविल जेल में उन्हें फांसी दे दी गई.
चर्चिल
1943 में बंगाल में आए अकाल में कम-से-कम 30 लाख लोगों की जान गई. इसके लिए कई इतिहासकार चर्चिल को जिम्मेदार बताते हैं. चर्चिल, गांधी के धुर-विरोधी थे. उन्होंने गांधी के लिए कहा था, "अगर वो मर गया, तो हमें एक बुरे आदमी और ब्रिटिश साम्राज्य के दुश्मन से छुटकारा मिल जाएगा." विडंबना देखिए कि लंदन के पार्लियामेंट स्क्वैयर में गांधी और चर्चिल, दोनों की मूर्तियां आस-पास हैं.