60 साल बाद अर्जेंटीना की करारी हार
1958 के बाद 2018 में वह मौका आया, जब ग्रुप स्टेज में अर्जेंटीना ने सबसे बुरी हार देखी. अब अर्जेंटीना पर वर्ल्ड कप से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है. जानिए क्या हुआ वर्ल्ड कप में आठवें दिन.
अनहोनी हो गई
वर्ल्ड कप 2018 के बड़े उलटफेर का शिकार अर्जेंटीना को होना पड़ा. क्रोएशिया की मजबूत टीम ने अर्जेंटीना के मिडफील्ड को बुरी तरह ध्वस्त कर दिया. रियाल मैड्रिड और बार्सिलोना के सितारों से सजी क्रोएशिया की टीम ने अपने क्लब फुटबॉल साथी लियोनेल मेसी और उनकी टीम अर्जेंटीना को कोई गोल नहीं करने दिया.
नाम का भोकाल था
क्रोएशिया के खिलाफ अर्जेंटीना ने ऐसी बुनियादी गलतियां की, जिन्हें न करने की हिदायत बच्चों को दी जाती है. इसकी शुरुआत गोलकीपर विली काबालेरो ने की. बिल्कुल गोल के सामने उनकी हल्की सी किक क्रोएशिया के स्ट्राइकर आंटे रेबिच तक पहुंच गई और रेबिच ने मौके को गोल में तब्दील कर दिया.
मोदरिच का जबरदस्त गोल
दूसरे हाफ में क्रोएशिया का खाता खुलने के बाद अर्जेंटीना दबाव में आ गया. टीम अचानक ड्रॉ या जीत के लिए आतुर हो गई. लेकिन क्रोएशिया ने सिर्फ एक ही क्लीयर चांस दिया. अर्जेंटीना उसे भी नहीं भुना पाया. वहीं क्रोएशिया के कप्तान और रियाल मैड्रिड के मिडफील्डर लुका मोदरिच ने बहुत ही खूबसूरत गोल कर टीम को 2-0 की बढ़त दिला दी. तीसरा गोल बार्सिलोना में मेसी के साथ खेलने वाले राकिटिच ने दागा.
अब खेल से ज्यादा दुआ की दरकार
अब ग्रुप डी से आगे बढ़ने के लिए अर्जेंटीना को आखिरी मैच नाइजीरिया के खिलाफ बड़े अंतर से जीतना ही होगा. साथ ही दुआ करनी होगी कि क्रोएशिया आइसलैंड को बिल्कुल वैसे ही हरा दे, जैसे उसने अर्जेंटीना को हराया. ऐसा नहीं हुआ तो 2014 के विश्व कप की उपविजेता टीम इस वर्ल्ड कप से बाहर हो जाएगी.
मुश्किल में कंगारू
डेनमार्क के खिलाफ 1-1 से ड्रॉ खेलने के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम मुश्किल में है. गुरुवार को खेले गए मैच में ऑस्ट्रेलिया डेनमार्क पर भारी जरूर पड़ा, लेकिन टीम दबाव को जीत में तब्दील नहीं कर पाई. ऑस्ट्रेलिया को विश्व कप में बने रहने के लिए पेरु के खिलाफ आखिरी मैच बड़े अंतर से जीतना होगा और डेनमार्क की हार की दुआ भी करनी होगी.
पेरु की पैंकिंग शुरू
गुरुवार को खेले गए एक अन्य मुकाबले में फ्रांस ने दक्षिण अमेरिकी टीम पेरु को 1-0 से हरा दिया. लगातार दूसरी हार के बाद दक्षिण अमेरिकी टीम का वर्ल्ड कप ड्रीम टूट गया. आठवें दिन ही तय हो गया कि मिस्र, सऊदी अरब और मोरक्को के बाद पेरु भी फुटबॉल के जलसे से विदा होगा.
सम्मान के साथ विदाई
दक्षिण अमेरिकी टीम भले ही मुकाबले से बाहर हो गई हो लेकिन जबरदस्त खेल के लिए उसे याद किया जाएगा. 1982 के बाद वर्ल्ड कप में पहुंचे पेरु ने डेनमार्क और फ्रांस जैसी मजबूत टीमों के पसीने छुड़ा दिए. आने वाले दिनों में पेरु के कई खिलाड़ी बड़े क्लबों में दिखाई पड़ेंगे.