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रोबोहैंड बदलेगा जीवन

१६ जुलाई २०१५

प्रोस्थेसिस के सहारे केवल रोजमर्रा का ही काम नहीं किया जा सकता, बल्कि ओलंपिक की दौड़ भी दौड़ी जा सकती है, यह बात दक्षिण अफ्रीका के एथलीट ऑस्कर पिस्टोरियस ने सिद्ध कर दिखाई. अब वैज्ञानिक इन्हें और भी बेहतर करने में लगे हैं.

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RoboHand

बारह साल की केयला गैलस के पास जन्म से ही बायां हाथ नहीं है. जोहानेसबर्ग में रहने वाली केयला को रोजमर्रा के कामों में कोई खास दिक्कत नहीं होती. पर फिर भी कभी कभी उसे दूसरा हाथ ना होने की कमी खलती है. वह बताती हैं, "मैंने स्कूल में लकड़ी के काम वाली वर्कशॉप में दाखिला लिया. लेकिन वो लोग कीलों के साथ बहुत काम करते हैं और मैं हथौड़े से कील नहीं ठोक पाई. तो सारा काम मेरे टीचर को करना पड़ा और मैं बस वहां बैठी रही."

केयला के पिता मैनफ्रेड गैलस लंबे वक्त से अपनी बेटी के लिए प्रोस्थेसिस ढूंढ रहे थे लेकिन ऊंची कीमतों के कारण अब तक वे इन्हें खरीद नहीं पाए, "हमें सबसे पहला दाम जो पता चला, वो ढाई लाख रैंड से भी ज्यादा था. हमें यह ठीक नहीं लगा क्योंकि केयला अभी बढ़ती उम्र में है. और जो सज्जन प्रोस्थेसिस बना रहे थे, वो मेरी बेटी की बात ही नहीं सुन रहे थे. मेरी बेटी के पास जन्म से ही एक हाथ नहीं है. इसलिए ऐसे बहुत से काम हैं, जो वो करना जानती है. लेकिन कुछ खास कामों के लिए उसे इसकी जरूरत है."

बनाया अपना नया हाथ

फिर एक दिन मैगजीन में एक आर्टिकल के जरिए उन्हें रिचर्ड वान आस के बारे में पता चला, जो प्रोस्थेसिस बनाता है. पेशे से तो वे बढ़ई हैं लेकिन 2012 से सस्ते प्रोस्थेसिस भी बना रहे हैं. 2011 में उनके दाहिने हाथ की चार उंगलियां कट गयी थीं और तभी उन्हें प्रोस्थेसिस बनाने का ख्याल आया. वह बताते हैं, "जब मैं अस्पताल जा रहा था, तब ही मेरे दिमाग में यह चल रहा था कि मैं अपना काम कैसे किया करूंगा, मैं जीऊंगा कैसे. और इन सब ख्यालों और इस मुश्किल के बीच मैं इस बारे में सोचने लगा कि इंसानी हाथ कैसे बना है. फिर मैंने सोचा कि यह बहुत मुश्किल तो नहीं हो सकता, मैं खुद ही इसका एक रिप्लेसमेंट बनाऊंगा."

सिर्फ सात दिनों के अंदर रिचर्ड ने अपना पहला प्रोस्थेसिस तैयार कर लिया था. इसके बाद उन्होंने बनाया रोबोहैंड, जो ऑर्थोप्लास्टिक से बना है. यह हाथ के आकार के हिसाब से ढल जाता है. धागे और इलास्टिक बैंड प्रोस्थेसिस को स्थिरता देते हैं.

दस घंटे में एक हाथ

बाजू और कलाई को घुमा कर हाथ हिलाया जा सकता है. एक अमेरिकी पार्टनर के साथ मिल कर उन्होंने एक 3डी प्रिंटिंग मशीन भी तैयार की, जिसमें प्रोस्थेसिस के पुर्जे प्रिंट किए जा सकते हैं. उन्होंने इसे नाम दिया है रोबोबीस्ट. एक हाथ बनाने पर 460 यूरो की लागत आती है. लेकिन इसके लिए रिचर्ड अधिकतर लोगों से पैसा नहीं मांगते. अपनी आजीविका कमाने के लिए वे 3डी प्रिंटर बेचते हैं. एक प्रिंटर की कीमत है 3800 यूरो.

केयला के लिए नए प्रोस्थेसिस बनाने में दस घंटे का वक्त लगा. रिचर्ड की मेहनत रंग लाई है. केयला अब अपने नए हाथ से बॉल पकड़ सकती, उसके साथ खेल सकती है. केयला के लिए यह एक नई शुरुआत है.

यूलिया याकी/आईबी