"2022 दावेदारी में धांधली नहीं"
३ जून २०१४उस साल का वर्ल्ड कप फुटबॉल कतर में हो रहा है और उस पर भी आरोप लगे हैं कि उसने कुछ देशों की हामी हासिल करने के लिए गलत तरीके अपनाए. फुटबॉल फेडरेशन ऑस्ट्रेलिया के कॉर्पोरेट प्रमुख बोनिटा मर्सियाडेस का दावा है कि छोटे देशों को पैसे देना भी उसी तरह की बात है.
ब्रिटेन के संडे टाइम्स का आरोप है कि फीफा के पूर्व उपाध्यक्ष और कतर की प्रमुख हस्ती मुहम्मद बिन हम्माम ने 2010 से पहले कुछ छोटे देशों को 50 लाख डॉलर की मदद की, जिन्होंने दावेदारी में कतर की मदद की. कतर को जब से वर्ल्ड कप 2022 की दावेदारी मिली है, तब से विवाद चल रहा है. हालांकि वह किसी गड़ब़ड़ी से इनकार करता है.
मर्सियाडेस का कहना है, "कतर के संबंध में लिखा है कि विकास कार्यों के लिए पैसे दिए गए. हमने भी विकास कार्यों के लिए पैसे दिए, ओशियाना में फुटबॉल के विकास के लिए 40 लाख डॉलर दिए. लेकिन वह तो सरकार के जरिए दिया गया और इसमें कोई गलत बात नहीं कि अगर विकास के लिए पैसे दिए जाएं." उन्होंने फीफा की भ्रष्टाचार निरोधक समिति की अध्यक्षता कर रहे अमेरिकी अधिकारी का हवाला देते हुए कहा, "लेकिन माइकल गार्सिया का सवाल है कि क्या इसके लिए कोई वोटिंग भी हुई. अगर इसका जवाब हां में है, तो इसमें और कतर वाले मामले में बहुत ज्यादा फर्क नहीं है, जिसमें बिन हम्माम पर आरोप लगे हैं."
ऑस्ट्रेलियाई फुटबॉल (एफएफए) ने लेकिन बयान जारी कर कहा, "ऑस्ट्रेलिया की सारी कार्रवाई पारदर्शी और सही रही है." इसने कहा है कि एफएफए अपनी गतिविधियों को विस्तृत सहायता कार्यक्रमों के लिए इस्तेमाल करता है, जिनमें ओशियाना के अलावा एशिया, अफ्रीका और कैरिबियाई देश हैं.
दिसंबर 2010 में जब वर्ल्ड कप 2022 की मेजबानी के लिए वोटिंग हुई, तो कतर को 11 वोट मिले, दक्षिण कोरिया को चार, अमेरिका और जापान को तीन तीन और ऑस्ट्रेलिया को एक. चौथे दौर में अमेरिका को आठ और कतर को 14 वोट मिले.
मर्सियाडेस का दावा है कि ओशियाना और अफ्रीका सहित दुनिया भर के फुटबॉल संगठनों को बिन हम्माम से पैसे मिले, "निश्चित तौर पर ऑस्ट्रेलिया ने जिन लोगों को पैसे दिए, उसमें और बिन हम्माम की कार्रवाई में ज्यादा फर्क नहीं था."
एजेए/एमजे (एएफपी)