2020: कोविड महामारी ने पर्यावरण को पीछे धकेला
दुनिया इस साल कोविड-19 महामारी जैसी चिंताओं से जूझ रही थी और पर्यावरण संबंधी मुद्दों को अनदेखा किया जा रहा था. फिर भी कई नाकामियों और कोरोनो से जुड़ी अड़चनों के बावजूद पर्यावरण के मोर्चे पर कुछ प्रगति जरूर हुई
जनवरी: पूर्वी अफ्रीका में टिड्डियों का कहर
सालों के सूखे के बाद मूसलाधार बारिश हुई लेकिन पूर्वी अफ्रीका में टिड्डियों के अब तक के सबसे बड़े झुंड ने तबाही मचा दी. ये अरबों टिड्डियां इंडोनेशिया, केन्या और सोमालिया की फसलों को नष्ट करने के बाद दक्षिणी अफ्रीका, यमन और भारत की ओर बढ़ गईं. जलवायु वैज्ञानिकों का कहना है कि "असाधारण" प्रजनन के लिए जलवायु परिवर्तन के कारण हुई भारी बारिश और गर्म तापमान जिम्मेदार है.
फरवरी: 'ब्लैक समर' में झुलसा ऑस्ट्रेलिया
छह महीने के बाद जंगली आग का कहर समाप्त हुआ. इसकी चपेट में आकर 33 लोग और 3 अरब जानवर या तो मारे गए या घायल और विस्थापित हुए. दक्षिण कोरिया के आकार का इलाका तबाह हो गया है. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन और भयानक आग के बीच के सीधे संबंध को खारिज किया. ऑस्ट्रेलिया कार्बन डाइऑक्साइड के प्रति व्यक्ति उत्सर्जन के मामले में अगुआ देशों में एक है.
मार्च: कोरोना के कारण साफ आसमान
आधे से अधिक वैश्विक आबादी महामारी के दौरान लॉकडाउन में थी. इसकी वजह से ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन धीमा हुआ. उड़ानों में कमी, बंद फैक्ट्रियों और शहर की खाली सड़कों के कारण जर्मनी, चीन, इटली और अन्य जगहों के औद्योगिक केंद्रों के ऊपर का आसमान साफ दिखा. लेकिन विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि जैसे जैसे लॉकडाउन में ढ़ील दी जाएगी, लोग महामारी के साथ जीने के तरीके ढूंढ लेंगे और उत्सर्जन फिर से बढ़ेगा.
अप्रैल: पर्यावरण सम्मत विकास की मांग
एक ओर रिसर्चर कोविड-19 की वैक्सीन विकसित करने की दौड़ में थे, वहीं विश्व के नेता ने महामारी के आर्थिक असर से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे थे. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने घोषणा की कि जर्मनी की पर्यावरण के अनुकूल निवेश को प्राथमिकता देने की योजना है. उन्होंने विश्व नेताओं से भी ऐसा ही करने का आग्रह किया. इस बीच कार्यकर्ताओं ने ऑनलाइन और शारीरिक विरोध प्रदर्शन के साथ दबाव बनाए रखा.
मई: शहरी यातायात में सुधार
कोरोना की पहली लहर नीचे आने लगी, महीनों से घरों में कैद लोगों ने बाहर आना शुरु कर दिया. सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के साथ-साथ ट्रैफिक जाम और सार्वजनिक परिवहन में भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए कई शहरों ने यातायात में सुधार के लिए अस्थायी या स्थायी उपायों की शुरुआत की. कोलंबिया के शहर बोगोटा (तस्वीर में) ने शहर में 100 किलोमीटर से अधिक इमरजेंसी साइकिल लेन बनाया.
जून: प्लास्टिक कचरे को रोकने का अभियान
मौजूदा महामारी सिर्फ स्वास्थ्य संबंधी आपदा नहीं है. डिस्पोजेबल मास्क, दस्ताने और अन्य प्लास्टिक उत्पादों के उपयोग ने आसमान छू लिया जिसके कारण कचरे की समस्या बढ़ने लगी. गंदगी को साफ करने और "थ्रो-अवे संस्कृति" को रोकने के लिए जर्मनी ने यूरोपीय संघ की नीति अपनाई और जुलाई 2021 तक प्लास्टिक कटलरी, स्ट्रॉ, खाद्य कंटेनर और अन्य सिंगल यूज उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया.
जुलाई: साइबेरिया में पर्यावरण आपदा
गर्मियों की शुरुआत में साइबेरिया में 21,000 टन डीजल के रिसाव के बाद रूस ने आपात स्थिति की घोषणा कर दी. इस रिसाव से स्थानीय नदियां और मिट्टी दूषित हो गए. इस आपदा के बाद दुनिया के सबसे ठंडे इलाकों में शामिल साइबेरिया के जंगलों में अनियंत्रित आग लग गई. पर्माफ्रॉस्ट के गलने और आग लगने के कारण वायुमंडल में करीब 50 करोड़ टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड रिलीज हुआ.
अगस्त: पूरी दुनिया में कठोर मौसम की चपेट में
कैरिबियन में एक के बाद एक तूफान, अमेजन वर्षावन में भयानक आग, दक्षिण पूर्व एशिया में ऐतिहासिक बाढ़. जलवायु परिवर्तन का विनाशकारी प्रकोप बढ़ते पैमाने पर नजर आया. तूफान लॉरा डोमिनिकन गणराज्य और हैती (ऊपर) में तीव्र बाढ़ लेकर आई जिसकी वजह से वहां और अमेरिका में दर्जनों जिंदगियां कुर्बान हो गईं. इस बीच भारत के पड़ोसी पाकिस्तान ने भी 1931 के बाद का सबसे बुरा बाढ़ देखा.
सितंबर: जंगली आग से निकली अद्भुत चमक
चीन ने 2060 तक देश को जलवायु तटस्थ बनाने की अप्रत्याशित घोषणा की. वहीं अमेरिका के पश्चिमी तट के जंगलों में लगी आग ने सैन फ्रांसिस्को और खाड़ी क्षेत्र में एक अनोखी नारंगी चमक पैदा की. जंगली आग महीनों तक ओरेगन, वाशिंगटन और कैलिफोर्निया राज्यों को झुलसाती रही. आग ने अमेरिका में करीब 4,177,856 एकड़ जमीन को अपनी चपेट में ले लिया. ये बेल्जियम का आधे से अधिक हिस्सा है.
अक्टूबर: डेविल की ऑस्ट्रेलिया में वापसी
संरक्षण समूह बताते हैं कि तस्मानियाई डेविल 3,000 वर्षों में पहली बार ऑस्ट्रेलिया की मुख्य भूमि पर दिखे. कुत्ते के आकार वाले इन मांसाहारी मार्सुपियल्स जानवरों को सिडनी के उत्तरी इलाके में एक अभयारण्य में छोड़े जाने से इस लुप्तप्राय प्रजाति को एक आत्मनिर्भर जंगली जिंदगी जीने और आबादी बढ़ाने का मौका मिलेगा. अनुमान है कि इस समय 25,000 से भी कम डेविल जंगलों में रहते हैं.
नवंबर: जो बाइडेन ने बढ़ाई अमेरिका की जलवायु उम्मीदें
राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडेन और कमला हैरिस की निर्णायक जीत के एक दिन बाद अमेरिका ने आधिकारिक रूप से पेरिस जलवायु समझौते को छोड़ दिया. बाइडेन ने पद संभालने के बाद इस अंतरराष्ट्रीय संधि में फिर से शामिल होने की बात कही है. उन्होंने अरबों डॉलर की योजना की घोषणा की है ताकि अमेरिकी ऊर्जा क्षेत्र अगले 15 वर्षों में जीवाश्म ईंधन से दूरी बनाए और 2050 तक जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करे.
दिसंबर: यूरोपीय संघ की जलवायु महत्वाकांक्षाएं
पेरिस जलवायु समझौते के पांच साल पूरे होने पर यूरोपीय संघ ने अपने पर्यावरण लक्ष्यों में इजाफा किया है. महीनों की गहन बातचीत और यूरोपीय संसद के समर्थन के बाद संघ के 27 सदस्य देशों ने 2030 तक कार्बन उत्सर्जन में 1990 की तुलना में कम से कम 55 प्रतिशत की कटौती करने का बाध्यकारी लक्ष्य स्वीकार किया. पर्यावरण समर्थकों ने कहा है कि अभी और बहुत कुछ करना बाकी है. रिपोर्ट: मार्टिन कुइबलर/शिप्रा शर्मा
__________________________
हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore