2018 के लिए यूनेस्को की नई विश्व धरोहर
यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति ने 2018 के लिए दुनिया की धरोहरों के नाम तय किए हैं. इनमें मुंबई की पहचान विक्टोरिया बिल्डिंग से लेकर कनाडा के 7 हजार साल पुराने जंगल तक शामिल हैं.
नाउमबुर्ग कैथिड्रल, जर्मनी
13वीं सदी में बना नाउबुर्ग कैथिड्रल मध्यकाल की कला का नायाब नमूना है. तस्वीर में दिख रही उटा फोन नाउमबुर्ग को मध्यकाल की सबसे खूबसूरत महिला माना गया है. इसे बनाने वाले कलाकार को यदि पता होता कि एक दिन इसे विश्व धरोहर में शामिल किया जाएगा तो वह जरूर महिला के चेहरे पर मुस्कान ले आते.
गोबेकली तेप, तुर्की
संभवतः यह दुनिया का सबसे पुराना मंदिर है. इसमें लगे हुए पत्थर और सीढ़िया 12 हजार साल पुराने हैं. माना जाता है कि माया, मेसोपोटामिया और मिस्र की सभ्यता से भी पुरानी इंसानी प्रजाति की धरोहर है.
बौद्ध पर्वत और मठ, दक्षिण कोरिया
तमाम उतार-चढ़ाव के बाद भी 7वीं शताब्दी से लेकर अब तक दक्षिण कोरिया के 4 मठ- टोंगदोसा, बुस्योकसा, बेयोपजूसा और दायेहेयुंग्सा कोरियाई बौद्ध परंपरा को दिखाते हैं. तस्वीर में दिख रहा 5 मंजिलों का पगोडा बेयोपजूसा मंदिर की पहचान है. एक समय में यहां करीब 3 हजार भिक्षु रहते थे..
मदीना अजहारा, स्पेन
936 में बनी इस शाही इमारत को कोरडोबा के खलीफा ने अपनी प्रियतमा अज-जाहरा के लिए बनवाया था. इसे बनाने में 40 वर्ष लगे और 44 साल बाद दुश्मनों ने इसे तोड़ दिया. आज कोरडोबा के नजदीकी पुरात्तव साइटों पर जाए तो वहां मूरिश की संस्कृति और स्पेन के इतिहास को देखना शानदार अनुभव होता है.
हाइथाबु और डानेविर्के, जर्मनी
9वीं सदी में उत्तरी जर्मनी में बने ट्रेड सेंटर हाइथाबु को विकिंग्स ने बनवाया था. इसकी रक्षा करने के लिए डानेविर्के नामक 30 किलोमीटर लंबी दीवार बनाई गई. कारीगर और व्यापारी के तौर पर विकिंग्स ने शांतिपूर्ण तरीके से जीवन बिताया.
चिरीबिक्वेटे नेशनल पार्क, कोलंबिया
अमेजन बेसिन में बना चिरीबिक्वेटे नेशनल पार्क पहाड़ों और रॉक पेटिंग्स के लिए मशहूर है. यूनेस्कों ने प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत होने के साथ इसे विश्व धरोहरों में शामिल किया है. करीब 75 हजार पेटिंग्स में शिकार, युद्ध, नृत्य और परंपरा की झलक दिखती है.
थिमलिच ओहिंगा, केन्या
तस्वीर में दिख रहे पत्थर के ऊपर पत्थर बिना किसी सीमेंट या गारे के पिछले 500 वर्षों से जुड़े हैं. थिमलिच ओहिंगा की ये दीवारें पूर्वी अफ्रीका की महत्वपूर्ण पुरातत्व साइटों में से एक हैं. इनमें 16वीं सदी के बाद की झलक दिखाई पड़ती है. उस दौरान पैस्टोरल समुदाय के कारीगर विक्टोरिया झील के किनारे बसे और अपनी कला का प्रदर्शन किया.
नागासाकी में छुपी हुई ईसाई विरासत, जापान
एक कैथिड्रल, एक महल और 10 गांव मिलकर ईसाई धर्म के प्रचार की कहानी बताते हैं. 17 से 19वीं सदी के बीच काफी प्रसिद्ध हुए इस धर्म के लोगों ने अपने समुदाय बनाए और तटीय व द्वीपों पर जाकर रहे.
कलहट का प्राचीन शहर
14 और 15वीं सदी में ओमान का उत्तर पूर्वी शहर व्यापार का केंद्र हुआ करता था. तस्वीर में दिख रही बीबी मरियम की यह समाधि प्राचीन धरोहर है. 2010 कलहट में करीब 1100 लोग रहा करते थे. इस बंदरगाह शहर के बाहरी हिस्से में स्थित है जहां से लिक्विड गैस का व्यापार होता है.
विक्टोरियाई और आर्ट डेको क्वॉर्टर, भारत
मुंबई की पहचान कहे जाने वाली विक्टोरिया बिल्डिंग यूरोपीय और भारतीय डिजाइन के मिश्रण का शानदार नमूना है. 19 और 20वीं सदी की इन इंडो-गोएथिक-डेको स्टाइल की इन इमारतों की झलक समूचे भारतीय उपमहाद्वीप में देखी जा सकती है.
पिमाशियोविन अकी, कनाडा
घने जंगलों और विशाल नदियों में अपना घर बनाए अनिशिनाबेग समुदाय के लोगों का इतिहास 7 हजार साल पुराना है. पिमाशियोविन अकी का मतलब "धरती जो जीवन" दे होता है. यहां के लोगों को प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर रहना आता है.