2018 ने सिखाए लोगों की मदद करने के लिए 10 नए तरीके
तकनीक ने हमेशा इंसान का काम आसान बनाया है. 2018 इस मायने में वाकई खास रहा. इस दौरान कई नई टेक्नोलॉजी और ऐप आए, जो बड़ी समस्याओं के समाधान पेश करते हैं.
ड्रोन से टीकों की डिलीवरी
प्रशांत महासागर में बसे छोटे से देश वानवातु में एक महीने का एक बच्चा दुनिया का पहला ऐसा बच्चा बना जिसे कर्मशियल ड्रोन के जरिए पहुंचाया गया टीका लगा. संयुक्त राष्ट्र की बाल अधिकार संस्था यूनिसेफ का कहना है कि वानवातु में ड्रोन से टीके की डिलीवरी वैश्विक स्वास्थ्य की लिए बहुत बड़ी बात है. अब इसके सहारे दूर दराज के बाकी हिस्सों में भी दवाएं पहुंचाई जा सकेंगी.
बंधुआ मजदूरी पर नजर
थाईलैंड ने अरबों डॉलर की कमाई करने वाले अपने फिशिंग उद्योग में बंधुआ मजदूरी से निपटने के लिए सैटेलाइट का सहारा लिया. सैटेलाइट से मिली तस्वीरों से अधिकारी पता लगा सकते हैं कि कौन सा शिप कितने दिनों से समंदर में खड़ा है. समंदर में लंबे समय तक शिप की मौजूदगी बंधुआ मजदूरी का संकेत हो सकती है.
भूख का समाधान
फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़े मकोड़ों का पता लगाने में किसानों की मदद करने वाले एक ऐप ने पहला अफ्रीकी हेकाथन जीता. इस मुकाबले का मकसद भूख का समाधान देने वाले उपायों की तलाश था. एग्रीप्रिडिक्ट नाम का यह ऐप समय से पहले बता सकता है कि फसल को खाने वाले कीट कब हमला करेंगे. सब-सहारा अफ्रीका और भारत में यह ऐप बहुत मददगार हो सकता है.
महिला सुरक्षा
भारत में कई नए ऐप आ रहे हैं जो सार्वजनिक जगहों पर महिलाओं को सुरक्षित रखने में मददगार हैं. इनसे दुर्व्यवहार की शिकायत करना और मदद हासिल आसान हुआ है. सेफसिटी जैसे ऐप्स की मदद से महिलाएं पुलिस को यह भी बता सकती हैं कि किन इलाकों में ज्यादा छेड़छाड़ होती है, ताकि वहां इसकी रोकथाम के लिए कदम उठाए जा सकें.
मच्छरों के खिलाफ मच्छर
ब्राजील के कई जगह मच्छरों से भरे ड्रोन जीका वायरस से निपटने में मदद कर रहे हैं. यूएन की अंतरराष्ट्रीय आणविक ऊर्जा एजेंसी का कहना है कि प्रयोगशाला में खास तौर से ब्रीड किए गए मच्छर ड्रोनों से छोड़े जा रहे हैं. ये नर नपुंसक मच्छर मादा मच्छरों से मेटिंग तो करते हैं लेकिन उससे प्रजनन नहीं होता. इस तरह जीका, डेंगू और पीला बुखार जैसी बीमारियां फैलाने वाले इन मच्छरों को बढ़ने से रोका जा सकता है.
झुग्गियों की बेहतरी के लिए
भारत में अधिकारी सैटेलाइट और ड्रोनों का इस्तेमाल अनौपचारिक झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों का पता लगाने के लिए कर रहे हैं, ताकि उन तक बुनियादी सेवाएं पहुंचाई जा सकें. विशेषज्ञ कहते हैं कि दुनिया की एक तिहाई शहरी आबादी झुग्गियों में रहती है, ऐसे में उनकी स्थिति को बेहतर बनाने के लिए उन इलाकों की निगरानी जरूरी है, जहां वे रहते हैं.
प्लास्टिक से तेल
प्लास्टिक को डीजल और पेट्रोल में तब्दील करने वाली मशीन से प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और इससे विकासशील देशों में दूर दराज के इलाकों में लोगों तक ईंधन पहुंचाया जा सकेगा. फ्रांसिसी ऐक्टर सैमुअल ले बिहान ने इस मशीन को डिजाइन करने में मदद की है. उनके मुताबिक आयडिया यह है कि कचरा सागर में पहुंचे, इसकी बजाय उसका कुछ इस्तेमाल कर लिया जाए.
ताकि सेफ हो वर्कप्लेस
अमेरिकी कंपनी वेनटेज पॉइंट ने एक नया वर्चुअल रियलिटी प्रोग्राम शुरू किया, जो कर्मचारियों को सिखाता है कि जब वे महसूस करें कि दफ्तर में किसी तरह का अनुचित व्यवहार हो रहा है या फिर उनका या किसी और का उत्पीड़न किया जा रहा है, तो उन्हें क्या करना चाहिए. इस प्रोग्राम में इसके लिए कई उपाय बताए गए हैं.
बच्चों को बचाने के लिए
अमेरिका की एक सॉ़फ्टवेयर कंपनी ने ऐसा ब्लॉकचेन सिस्टम तैयार किया है जिसमें किसी देश की सीमा को पार करने वाले बच्चों की आंखें और फिंगरप्रिंट को स्कैन किया जाता है. माता पिता या अभिभावक से पूछा भी जाता है कि क्या बच्चा उनकी मर्जी से जा रहा है. अनुमति के बिना बच्चों को विदेश ले जाने की कोशिश भी इसमें दर्ज होती है. इंसानी तस्करी को रोकने के लिए मोल्डोवा ने पहली बार इस सिस्टम का ट्रायल शुरू किया है.
मोबाइल बताए बीज अच्छे हैं या नहीं
केन्या में मोबाइल यह पता लगाने में किसानों की मदद कर रहे हैं कि उन्हें मिले बीज अच्छी गुणवत्ता वाले हैं या नहीं. केन्या सीड कंपनी ने बीजों के थैले में एक स्टीकर रखना शुरू किया है, जिसे स्क्रैच करने पर एक कोड मिलता है. इस कोड को किसान टेक्स्ट मैसेज के जरिए कंपनी को भेज कर पता कर सकते हैं कि बीज अच्छी क्वॉलिटी वाले हैं या नहीं. (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन/एके)