2017 के यूनेस्को विश्व धरोहर
यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति ने क्राकाओ की बैठक में दुनिया की धरोहरों के नाम तय कर दिए हैं. इन संरक्षित जगहों में हिम युग से लेकर 21वीं सदी और अहमदाबाद से लेकर अफ्रीका तक की धरोहर शामिल हैं.
दसाउ के बाउहाउस क्कूल का लाउबेनगांगहाउजर
विश्व की धरोहरों में जर्मनी के बाउहाउस की तादाद बढ़ती जा रही है. दसाउ का लाउबेनगांगहाउजर (बालकनी वाले घर) और बेरनाउ का एडीजीबी ट्रेड यूनियन स्कूल को अब इस सूची में शामिल किया गया है. इन्हें बाउहाउस के दूसरे निदेशक हांस मायर के दौर में बनाया गया था. 1919 से 1933 के बीच बाउहाउस जर्मनी में खास तरह की वास्तुकला का जाना पहचाना नाम था. नाजी शासन के दौर में इसे बंद करने पर मजबूर किया गया.
एडीजीबी ट्रेड स्कूल बेरनाउ
बेरनाउ का एडीजीबी ट्रेड यूनियन स्कूल भी 1930 में मायर के दौर में ही बना था. यह प्राकृतिक परिदृश्य में समाहित होती किसी इमारत का एक शानदार नमूना है.
हिमयुग की कला से भरी गुफाएं
श्वेबियन अल्ब में पुरातात्विक खुदाई के दौरान मानव कला और संगीत के निशान मिले थे. अब ये गुफाएं जर्मनी की तरफ से विश्व धरोहरों में शामिल होने वाली 42वीं जगह बन गयी है.
असमारा, एरिट्रिया
अंगोला और एरिट्रिया के ठिकानों को पहली बार विश्व धरोहर में शामिल होने का मौका मिला है. अंगोला का प्राचीन शहर मबांजा कॉन्गो को 15वीं सदी में पुर्तगाली उपनिवेश के आने के बाद भारी बदलावों के उदाहरण के रूप में चुना गया है. इसी बीच एरिट्रिया की राजधानी असमारा को 20वीं सदी के शुरुआत की आधुनिक वास्तुकला के लिए इस सूची में जगह मिल गई है.
वेनिस सुरक्षा तंत्र, इटली, कोएशिया, मोंटेनेग्रो
15वीं सदी से 17वीं सदी के बीच वेनिस के कई शहरों की सुरक्षा के लिए किलेबंदी की गई. इनमें खास तरह के नक्शे वाला इतालवी पल्मानोवा किला भी शामिल है. इस तरह के सुरक्षात्मक इमारतों के प्रमाण ना केवल आज की इटली में बल्कि क्रोएशिया और मोंटेनेग्रो में भी मिलते हैं.
जापान का ओकिनोशिमा आइलैंड
चौथी सदी से लेकर नौंवी सदी तक ओकिनोसिमा द्वीप जापान और कोरिया के बीच समुद्री रास्ते में गाइड की तरह काम करता था. यहां का ओकित्सुमिया मंदिर समुद्री देवी की उपासना के लिए बनाया गया था. इसे पवित्र द्वीप घोषित कर कई सदियों तक लोगों के आने पर पाबंदी लगी रही.
चीन का कुलांग्सू
कुलांग्सू द्वीप को उसके अंतरराष्ट्रीय स्वभाव के कारण विश्व धरोहरों में शामिल किया गया है. दक्षिण पूर्वी शहर जियानमेन के तट से कुछ दूर मौजूद इस द्वीप पर बदलती औपनिवेशिक ताकतों के निशान दिखते हैं.
चीन का होह जिल
चिगाई तिब्बत पठार पर 4800 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद ये इलाका चीन की सबसे कम आबादी वाली जगह है. 1995 से ही संरक्षित प्राकृतिक स्थल में कई दुर्लभ पेड़ पौधे और प्राणी मिलते हैं. प्राकृतिक धरोहरों में रूस का दौरिया और अर्जेंटीना का लॉस अल्सेरस भी है.
फ्रांस का तापुतापुआतिया
फ्रेंच पोलिनेसिया में दक्षिणी प्रशांत के राएतिया प्रवाल द्वी पर मौजूद तापुतापुआतिया अपनी पवित्र जगहों के लिए जाना जाता है. यहां पर पहले युद्ध के देवता ओरो के सामने इंसानों की बलि दी जाती थी.
डेनमार्क का कुजाता
ग्रीनलैंड के सदा बर्फ से ढंके रहने वाले इलाके की सीमा पर है कुजाता. कई सदियों से लोगों ने यहां की ठंडी जलवायु में खेती की है. नॉर्वे और डेनमर्का के प्रवासियों के अलावा और भी लोग है जिनके यहां रहने के निशान दिखते हैं.
भारत का अहमदाबाद
ऐतिहासिक शहर अहमदाबाद गुजरात की राजधानी है. चारदीवारों में घिरे शहर की 28 इमारतें अब यूनेस्को के संरक्षण में हैं. प्रतिष्ठित विश्व विरासतों में शामिल दूसरे शहरों में ईरान का याज्द और फलस्तीन का हेब्रॉन है.
दक्षिण अफ्रीका का खोमानी
प्राचीन खोमानी लोग दक्षिण अफ्रीका के उत्तरी हिस्से में रहते थे, जिसकी सीमा नामीबिया और बोत्सवाना से लगता थी. कालाहारी गेम्सबोक नेशनल पार्क में पाषाण युग के खोमानी इंसानों की बस्तियों के निशान देखे जा सकते हैं.
प्राचीन शहर हेब्रॉन
पश्चिमी जॉर्डन में बसे हेब्रॉन के प्राचीन शहर को भी विश्व धरोहर घोषित किया गया है. इस शहर का नाम आने पर बड़ा विरोध हुआ. इस्रायल और अमेरिका ने यूनेस्को के फैसले की तीखी आलोचना की. हेब्रॉन के मकबरे को यहूदी, मुसलमान और ईसाई तीनों ही पूज्य मानते हैं और इस वजह से इसे लेकर लंबे समय से राजनीतिक तनातनी है.