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आतंकवादफ्रांस

पेरिस आतंकी हमले के गुनहगार को मिली ऐतिहासिक सजा

३० जून २०२२

2015 में फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुए आतंकी हमले के लिए 20 लोगों को दोषी पाया गया है. जिंदा बचे एकलौते मुख्य अभियुक्त सालेह अब्देसलाम को फ्रांस के कानून के हिसाब से संभव सबसे कड़ी सजा सुनाई गई है.

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Frankreich | Prozessauftakt zum Pariser Terroranschlag vom November 2015
तस्वीर: Franck Dubray/MAXPPP/dpa/picture alliance

करीब नौ महीने चली इस मामले की सुनवाई के बाद फ्रांस की अदालत ने सभी 20 अभियुक्तों को पेरिस हमलों का दोषी पाया. मुख्य आरोपी सालेह अब्देसलाम को उम्र कैद की सजा सुनाई गई. नवंबर 2015 में फ्रांस की राजधानी में हुए आतंकी हमलों में 130 लोगों की जान गई थी.

अब 32 साल का अब्देसलाम इस्लामिक स्टेट की आतंकी सेल से जुड़ा था. पेरिस में हमले को अंजाम देने वाला अब्देसलाम मोरक्कन मूल का फ्रेंच नागरिक है. घटना के चार महीने बाद उसे पुलिस ने जिंदा पकड़ने में कामयाबी पाई थी. नवंबर में बाताक्लान कॉन्सर्ट हॉल समेत पेरिस की कई दूसरी जगहों पर आतंकी हमले हुए थे.

अब्देसलाम को कानून के हिसाब से सबसे कड़ी सजा सुनाई गई है. पांच जजों के पैनल ने इस पर अपना फैसला सुनाया. हमले की एक सर्वाइवर सोफी ने समाचार एजेंसी एएफपी से बातचीत में इस सजा को पर्याप्त भारी बताया. सेंट्रल परिस की जेल के बाहर उन्होंने कहा, "मेरे मन में एक साथ कई भावनाएं घुमड़ रही हैं. मैं बहुत राहत महसूस कर रही हूं. 10 महीने से सुनवाई चल रही थी. इससे हमें खुद को फिर से जोड़ने का मौका मिल पाया."

आधुनिक फ्रांस के इतिहास में यह सुनवाई सबसे लंबी चली है. इसके पहले छह साल तक अंतरराष्ट्रीय स्तर की जांच चल रही थी जिससे मिली जानकारियां लाखों पन्नों में समेटी गईं.

अब्देसलाल के अलावा बाकी 19 आरोपी भी दोषी या तो योजना बनाने या उसमें मदद करने के दोषी सिद्ध हुए. इन दोषियों को भी दो साल से लेकर उम्र कैद तक की सजा सुनाई गई. अब्देसलाम के अलावा बाकी सभी हमलावरों ने उस घटना के दौरान या तो खुद को उड़ा लिया था या पुलिस के हाथों मारे गए थे.

सितंबर 2021 में मामले के सुनवाई की शुरुआत अब्देसलाम ने खुद को "इस्लामिक स्टेट फाइटर" बताया था लेकिन अंत की ओर पहुंचते पहुंचते आंखों में आंसू भर कर पीड़ितों और उनके परिवारजनों से दया की अपील कर रहा था. अपने आखिरी बयान में उसने जज से अपील करते हुए कहा कि उसे उम्र कैद ना दें क्योंकि उसनेखुद अपने हाथों से किसी की जान नहीं ली है. अब्देसलाम ने कहा, "मुझसे गलती हुई, यह सच है. लेकिन मैं खूनी नहीं हूं, मैं हत्यारा नहीं हूं."

उसके वकील ने भी उम्रकैद ना दिए जाने की वकालत की थी. लेकिन मौजूदा फैसले के मुताबिक, 30 साल के बाद भी उसे पैरोल पर छोड़े जाने की संभावना काफी कम है. सभी दोषियों को अभी भी अपनी सजा के खिलाफ अपील करने का कानूनी अधिकार है.

सुनवाई के दौरान पता चला कि अब्देसलाम गांजा फूंकने वाली पार्टियों में खूब जाया करता था. उसने आतंकी हमले वाली रात अपनी आत्मघाती बेल्ट को निकाल फेंका था और ब्रसेल्स में अपने जानने वालों के पास चला गया था. वहां और भी आतंकी रहते थे. कोर्ट को उसने बताया कि घटना के समय उसका हृदय परिवर्तन हो गया था और उसने उसी समय किसी को ना मारने का फैसला ले लिया था. लेकिन जब सुनवाई के दौरान यह साबित हुआ कि असल में उसकी बेल्ट में खराबी आ गई थी, तब जज ने उसके बदले हुए इरादों पर विश्वास नहीं किया. अदालत ने अब्देसलाम को हमले का सह-रचयिता घोषित किया.

नवंबर 2015 में एक साथ 10 आतंकियों ने पेरिस की अलग अलग जगहों पर हमला किया था. इसमें राष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम, कई बार और बाताक्लान कॉन्सर्ट हॉल भी था. इनकी जिम्मेदारी बाद में आई ने ले थी. हमलों ने फ्रांस को झकझोड़ कर रख दिया था. इसके 10 महीने पहले ही शार्ली ऐब्दो पत्रिका के दफ्तर पर हमला हुआ था.

आरपी/आरएस (एएफपी, रॉयटर्स)