2014 भारत: बीते साल पर नजर
भारत के लिए 2014 बड़े बदलाव का साल साबित हुआ. राजनीति, विज्ञान, समाज, खेल और सिनेमा से जुड़ी शख्सियतों के लिए 2014 बहुत कुछ लेकर आया. गुजरे साल की उपलब्धियों पर एक नजर.
केंद्र में बीजेपी की सरकार
भारत में 2014 में राजनीति के क्षेत्र में बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिला. भारतीय जनता पार्टी के लिए यह साल कई लिहाज से मील का पत्थर साबित हुआ. जब अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी की जगह उभरी नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने न केवल राष्ट्रीय राजनीति में अपना वर्चस्व स्थापित किया बल्कि पार्टी को दस साल के बाद केंद्र में सत्तारूढ़ कर उसके लिए यह साल यादगार बना दिया.
मोदीमय रहा 2014
राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश के पहले ही साल नरेंद्र मोदी ने 130 साल पुरानी कांग्रेस को हाशिये पर डाल कर केंद्र और कई राज्यों में बीजेपी को सत्ता में पहुंचाया और देश-विदेश हर जगह अपनी छाप छोड़ी. मोदी ने लंबे अर्से से विपक्ष में बैठी बीजेपी को अपने बूते सत्ता में लाकर राष्ट्रीय राजनीति में अपना सिक्का जमाया और पार्टी में अपना राजनीतिक कद इतना ऊंचा कर लिया कि आज कोई उनके आसपास भी नजर नहीं आता.
कांग्रेस पार्टी का पतन
नरेंद्र मोदी और बीजेपी के उभार के साथ ही कांग्रेस पार्टी का केंद्र और कई राज्यों से सफाया हो गया. गांधी परिवार के नाम पर इस बार लोकसभा चुनाव में वोट नहीं मिला और लोकसभा में पार्टी कुल 44 सीटों पर सिमट कर रह गई. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी जनता को लुभाने में विफल रहे हैं. कांग्रेस पार्टी के लिए 2014 बुरे सपने जैसा साबित हुआ.
कैलाश सत्यार्थी को नोबेल
भारत में बाल मजदूरी के खिलाफ संघर्ष करने वाले कैलाश सत्यार्थी को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. सत्यार्थी और पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई को संयुक्त रूप से शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया. सत्यार्थी ने अब तक 80 हजार बाल मजदूरों को बंधुआ मजदूरी से छुड़ाया है.
अंतरिक्ष में भारत की छलांग
अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान इसरो ने मंगल की कक्षा में मंगलयान को स्थापित कर नया कीर्तिमान बनाया. भारत पहली ही बार में मंगल मिशन में सफलता हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश बना. 450 करोड़ रुपये की लागत से यह मिशन कई और देशों के मिशन के मुकाबले बेहद सस्ता था.
पोलियो मुक्त भारत
सवा अरब की आबादी वाला भारत इसी साल पोलियो मुक्त हुआ. दो दशकों की कड़ी मेहनत और पोलियो के खिलाफ अभियान के बाद भारत को बड़ी उपलब्धि मिली. बीते तीन सालों में पोलियो का एक भी मामला सामने नहीं आया.
अलग राज्य बना तेलंगाना
सालों के लंबे आंदोलन के बाद 2 जून 2014 को तेलंगाना को अलग राज्य का दर्जा मिला. इसी दिन आंध्र प्रदेश से अलग होकर तेलंगाना देश का 29वां राज्य बना. चुनाव बाद तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रमुख के चंद्रशेखर राव नए राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने.
धोनी का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास
साल खत्म होने के ठीक पहले भारत के सबसे सफल क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी ने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज के बीच संन्यास का एलान कर सबको सकते में डाल दिया. पूर्व क्रिकेटर ही नहीं धोनी के प्रशंसक भी इस खबर से हैरान हो गए. धोनी ने भारत की ओर से 90 टेस्ट मैचों में 38.09 की औसत से 4876 रन बनाए हैं. धोनी के नाम टेस्ट मैचों में 6 शतक और 33 अर्धशतक है.
सशक्त माध्यम बना सोशल मीडिया
युवाओं की कुंद होती आवाज को धार देने वाले सोशल मीडिया ने तो राजनीति का परिदृश्य ही बदलकर रख दिया. आज का युवा राजनैतिक मुद्दों पर चुप नहीं रहता बल्कि सत्तासीनों को अपनी आवाज पहुंचाने का दम रखता है. 2014 में मंगलयान भी सोशल मीडिया पर खूब छाया रहा. मोदी का स्वच्छ भारत अभियान भी सोशल मीडिया पर हिट रहा. सोशल मीडिया ने न केवल राजनीति में अपना लोहा मनवाया बल्कि वह सामाजिक परिवर्तन का भी हथियार बना.
छोड़ गए दुनिया
बालीवुड में 2014 ऐसे तो कई मायनों में कई उपलब्धियों से भरा साल साबित हुआ लेकिन सुचित्रा सेन, जोहरा सहगल, वी के मूर्ति, रवि चोपड़ा, सदाशिव अमरापुरकर, देवेन वर्मा और के बालचंद्र समेत कई अजीम शख्सियतों के चले जाने से ऐसा रिक्त स्थान हो गया जिसकी कमी शायद ही कभी पूरी हो सके. पत्रकार खुशवंत सिंह और बीजी वर्गीज भी इसी साल दुनिया से विदा हुए.