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100 साल में समुद्र का स्तर 1 मीटर बढ़ा

२३ मई २०११

एक सदी की छोटी सी अवधि के अंदर समुद्र स्तर में एक मीटर की वृद्धि होने वाली है. तटीय इलाके में बसे नगरों और वांग्लादेश जैसे छिछले धरातल वाले देशों व अनेक द्वीपों पर इसका घातक प्रभाव पड़ेगा.

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तस्वीर: AP

ऑस्ट्रेलिया की सरकार के जलवायु आयोग की पहली रिपोर्ट में कहा गया है कि धरातल का तापमान तेजी से बढ़ने के मामले में अब कोई संदेह नहीं रह गया है. रिपोर्ट के अनुसार तापमान में वृद्धि व समुद्रतल के स्तर के ऊपर उठने के लिए ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन जिम्मेदार है.

इस रिपोर्ट के रचयिता विल स्टीफेन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के ब्यूरो ऑफ मेटेरियोलॉजी ऐंड ऐकेडेमिक्स के वैज्ञानिकों ने इस रिपोर्ट के पर्यवेक्षणों की जांच की है, लेकिन कुछ एक निष्कर्ष उनके अपने हैं. 2007 में संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया था कि समुद्र स्तर में 0.8 फीसदी की वृद्धि होगी, लेकिन उसमें अधिक वृद्धि की संभावना से इंकार नहीं किया गया था.

स्टीफेन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उनकी राय में 2100 में 1990 की तुलना में समुद्र के स्तर में 0.5 से 1 मीटर तक की वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में मसलन ग्रीनलैंड में बर्फ पिघलने के बारे में बेहतर आंकड़े हासिल किए जा सके हैं और उनसे पता चला है कि बर्फ गलने में काफी तेजी आई है. उन्होंने ध्यान दिलाया कि कुछ आकलनों के अनुसार वृद्धि की दर एक मीटर से अधिक भी हो सकती है.

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तस्वीर: AP

रिपोर्ट में कहा गया है कि जंगली आग, सूखे व समुद्री तूफान से अक्सर प्रभावित होने वाले ऑस्ट्रेलिया में बढ़ते तापमान का घातक प्रभाव हो सकता है. पिछले पांच दशकों में वहां रिकॉर्ड गर्मी वाले दिनों की संख्या दोगुनी हो चुकी है. ऑस्ट्रेलिया के जलवायु आयोग के अध्यक्ष टिम फ्लैनरी ने इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि यह लगातार साफ होता जा रहा है कि इंसान की वजह से जलवायु में बदलाव आ रहा है. उन्होंने कहा कि इसी दशक के दौरान इस दिशा में कदम उठाने पड़ेंगे.

ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री जुलिया गिलार्ड ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन पर टैक्स लगाना चाहती हैं, जिसकी वजह से चुनाव के मैदान में उनकी हालत पतली हो रही है. इस रिपोर्ट की ओर ध्यान दिलाते हुए उन्होंने कहा है कि साइंस ने अब साबित कर दिया है, जलवायु परिवर्तन का खतरा एक असली खतरा है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: एस गौड़

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