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सीमेंस प्रमुख ने सरकार से मांगी वित्तीय मदद

५ अक्टूबर २०१५

चांसलर अंगेला मैर्केल के साथ भारत गए सीमेंस के प्रमुख जो कायजर ने जर्मनी से होने वाले निर्यात के लिए सरकार से अधिक मदद की अपील की है. भारतीय नेताओं के साथ मैर्केल संरचना के क्षेत्र में निवेश पर चर्चा कर रही हैं.

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जो कायजरतस्वीर: picture-alliance/dpa/R. Jensen

जो कायजर ने नई दिल्ली में कहा, "मैं समझता हूं कि हमें जर्मनी में, यह खासकर जर्मन सरकार के लिए लागू होता है, यह भी देखना होगा कि हम जर्मनी के निर्यात मॉडल को दूरगामी रूप से कैसे बचा सकते हैं." जर्मनी में खनिज नहीं है और वह अपनी समृद्धि के लिए उत्पादों के निर्यात पर निर्भर है. जो कायजर का कहना है कि जापान और चीन जैसे देश अपने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अपनी कंपनियों की बहुत मदद करते हैं. कायजर ने कहा, "यह ऐसा मुद्दा है जिसपर जर्मन सरकार और हमें विचार करना होगा."

जर्मन कंपनियां सालों से यह शिकायत कर रही हैं कि एशिया और अफ्रीका की सरकारों ढांचागत क्षेत्र में बड़ी परियोजनाओं को ठेका सिर्फ तकनीक के आधार पर नहीं दे रही हैं, बल्कि इस आधार पर भी कि किस देश से परियोजना के पूरे खर्च की भी पेशकश हो रही है. भारत में भी संरचना के क्षेत्र में अरबों के निवेश की जरूरत है. चांसलर मैर्केल के दौरे पर दोनों देशों की सरकारें रेल परिवहन, नौवहन और गोदी निर्माण के क्षेत्र में निवेश पर बात कर रही हैं.

सीमेंस प्रमुख जो कायजर ने निवेश के ठिकाने के रूप में भारत की सराहना की है, "इस देश में दुनिया के उद्योग में बड़ा खिलाड़ी बनने की सारी संभावनाएं हैं." कायजर ने कहा कि संरचना के क्षेत्र में भारत काफी पिछड़ा है और उसे इस कमी को पूरा करने की जरूरत है. सीमेंस ऊर्जा और परिवहन के क्षेत्र में भारत में निवेश करना चाहता है.

एमजे/आईबी (रॉयटर्स)