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सस्ते भूकंपरोधी घर

१३ मई २०१६

जर्मनी के आर्किटेक्चर के एक छात्र ने ऐसा एक बेहद सस्ता घर डिजायन किया है जो भूकंप के झटके सह सकेगा.

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तस्वीर: Reuters/G. Granja

2015 में सबसे भयानक भूकंप नेपाल में आया. करीब 10,000 लोग मारे गए और 20,000 से ज्यादा घायल हो गए. यान वारसावा भूकंप के कुछ ही दिनों पहले अपने स्टूडेंट साथियों के साथ नेपाल गए थे. वहां उन्होंने हिमालय में बसे एक गांव में स्कूल बनाने में मदद दी.

वापस लौटकर यान को नेपाल में आई प्राकृतिक विपदा की खबर मिली. खबर पाकर वे भौचक्के रह गए. हालांकि उनका बनाया हुआ स्कूल बच गया था, लेकिन बहुत सारी दूसरी इमारतें ढह गई थीं.

यान वारसावा कहते हैं, "स्वाभाविक रूप से हम सकते में थे. पहला विचार यह आया कि वहां के लोगों से संपर्क किया जाए और पता किया जाए कि वे कैसे हैं और मैं किस तरह उनकी मदद कर सकता हूं. और तब मेरे मन में मॉड्यूलों में घर बनाने का विचार आया ताकि पहाड़ी गांवों के गरीब लोग अपना घर फिर से बना सकें."

Nepal nach dem Erdbeben Notunterkünfte
तस्वीर: Sachit Shrestha

लागत कम

कुछ ही हफ्तों में आर्किटेक्चर के स्टूडेंट ने भूकंप में सुरक्षित रहने वाला घर डिजायन कर दिया जिसे आसान तकनीकी साधनों की मदद से गांव के निवासियों द्वारा बनाया जा सकता था. इस घर को बनाने के लिए स्क्रू ड्राइवर, ड्रिलिंग मशीन या कंक्रीट की जरूरत नहीं होती. वारसावा के मुताबिक, "मैंने इस बात पर खास ध्यान दिया कि सिर्फ ऐसा मैटेरियल इस्तेमाल किया जाए जो वहां मिलता है. लकड़ी, पत्थर, आयरन शीट. और उन्हें वहां मिलने वाले पुर्जों की मदद से बनाया जा सके, जैसे कि कांटी, हथौड़ा, आरी और बेलचा."

और सबसे खास बात है एक वीडियो ट्यूटोरियल जिसे यान ने खुद तैयार किया है. कई हिस्सों वाले वीडियो में वे एक के बाद एक बताते हैं कि भूकंप में सुरक्षित रहने वाला घर कैसे बना सकते हैं और घर बनाने के दौरान किन बातों का खास खयाल रखना है ताकि घर सचमुच सामान्य घरों की तुलना में सुरक्षित हो और भूकंप में गिरे नहीं. वीडियो ट्यूटोरियल को समझना आम लोगों के लिए भी आसान है. क्योंकि इंस्ट्रक्शन बहुत आसान हैं जिसमें लोग देख सकते हैं कि हर कदम किस तरह से पूरा होता है. यह बात लिखित इंस्ट्रक्शन वाली 60 पेज वाली किताब में नहीं थी.

यान वारसावा ने अपने साथियों की मदद से सिर्फ नौ दिनों में भूकंप सुरक्षित घर बना दिया. और इसके दौरान दोस्तों ने फिल्म बनाई. इस वीडियो इंस्ट्रक्शन का अब कई भाषाओं में अनुवाद किया जा रहा है. यान का दावा है कि यह घर बड़ी तीव्रता वाले भूकंप में भी सुरक्षित रहेगा. इसकी वजह यह है कि इसमें इस्तेमाल किया गया मैटेरियल हल्का है और एक दूसरे को सहारा देता है.

सबसे अहम बिंदु

वह इस मूल सिद्धांत समझाते हैं, "इसके महत्वपूर्ण फीचरों में से एक इसके फोल्डेड कोने हैं. इसकी वजह से भूकंप के समय बल गोलाकार असर डालता है. यह दीवार इस दिशा में दबाव डालती है और यह दीवार उस दबाव को एबज़ॉर्ब कर लेती है. इस तरह ताकत बंट जाती है. 90 डिग्री वाले कोने में दीवार अपनी धुरी से हिल जाएगी. इसके बाद ये छत का स्वतंत्र स्ट्रक्चर है जो दीवारों के साथ जुड़ा हुआ नहीं है. दोनों के बीच हल्की सी खाली जगह है. इसलिए दीवार गिर भी जाए तो छत नहीं टूटेगी और कोई भी उसके नीचे नहीं दबेगा."

और चूंकि दीवारें क्रॉस ब्रेसिंग में बनी हैं, यानि ईंटों को दीवार में लंबाई और चौड़ाई में बदल बदल कर लगाया गया है, ये दीवारें परंपरागत दीवारों से ज्यादा स्थिर होती हैं. अब यान वारसावा का इरादा वीडियो ट्यूटोरियल को ऑनलाइन उपलब्ध कराने का है. उसके बाद लोग खुद ही भूकंप सुरक्षित घर बना पाएंगे. वे अपने आयडिया का दुनिया भर में प्रचार करना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए युवा आविष्कारक को साथी और आर्थिक मदद की जरूरत है.

मार्टिन रीबे/एमजे