श्रीलंका ने ज़िम्बाब्वे और मौसम को हराया
४ मई २०१०गयाना के आकाश में छाए काले बादलों ने टी-20 क्रिकेट में अजीबोग़रीब स्थिति पैदा कर दी. श्रीलंका के 173 रन का पीछा करने उतरी ज़िम्बाब्वे की टीम को समय के साथ नए लक्ष्य मिलते गए. पहले ओवर के बाद खेल रुका. तब ज़िम्बाब्वे को 11 ओवर में 106 रन बनाने थे. जान श्रीलंका की अटकी हुई थी.
बहरहाल कुछ देर की बूंदाबांदी के बाद खेल फिर शुरू हुआ और सलामी बल्लेबाज़ टाटेंडा टाइबू और हैमिल्टन मासाकद्ज़ा ऐसे बल्लेबाज़ी करने लगे जैसे मैच 50 ओवर का हो. शुरूआत बेहद धीमी और विकेट गिरने के साथ हुई. करो या मरो की स्थिति में धैर्य से खेलते दिखाई पड़ रहे मासाकद्ज़ा छह गेंदों पर चार रन बनाकर आउट हो गए. पांच ओवर का खेल ख़त्म होने तक टाइबू और ब्रेडन टैलर क्रीज़ पर थे और स्कोर बोर्ड पर सिर्फ़ 29 रन ही जुड़ सके थे.
बारिश फिर हुई और डकवर्थ लुइस सिस्टम के आधार पर श्रीलंका को 14 रन से विजयी घोषित कर दिया. श्रीलंका को इस जीत से बड़ी राहत मिली. पहले मैच में न्यूज़ीलैंड से मिली हार के बाद श्रीलंका को यह मैच हर हाल में बड़े अंतर से जीतना ही था. ऐन वक्त पर महेला जयवर्धने ने शानदार पारी खेली. ज़िम्बाब्वे के गेंदबाज़ों के सामने उन्हीं का बल्ला बोला. जयवर्धने ने 64 गेंदों पर 100 रन बनाए. उनका अलावा दो अन्य बल्लेबाज़ ही दहाई का अंक छू सके.
श्रीलंका अब भी भाग्य के भरोसे ही है. ग्रुप बी में न्यूज़ीलैंड और ज़िम्बाब्वे का मैच बचा है. अगर ज़िम्बाब्वे मैच बड़े अतंर से जीत जाए तो सुपर-8 का फ़ैसला नेट रन रेट के आधार पर होगा. न्यूज़ीलैंड, ज़िम्बाब्बे और श्रीलंका के बीच जिन दो टीमों का रन रेट बेहतर होगा वह आगे बढ़ेगी. लेकिन यह भी तय है कि न्यूज़ीलैंड ख़ुद को बचाने के लिए ज़िम्बाब्वे के साथ पूरी ताकत से खेलेगा.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एस गौड़