शुंगलू समिति की जांच रिपोर्ट तीन महीने में
२७ अक्टूबर २०१०भारत के पूर्व नियंत्रक और लेखापरीक्षक सीएजी वीके शुंगलू ने कहा, "कार्यक्षेत्र व्यापक और विस्तृत है. हम(खेलों से संबंधित)शिकायतों के हर पहलू को परखेंगे. समिति एक तार्किक निष्कर्ष पर सहमत होगी और रिपोर्ट तीन महीने के निर्धारित समय के बाद पेश किया जाएगा."
कार्यक्षेत्र के मुताबिक समिति अधिकारियों को बुलवा सकती है, दस्तावेज़ जब्त कर सकती है और खेलों के स्टेडियम और अधिकारियों के दफ्तरों का दौरा कर सकती है.
दिल्ली सरकार और प्रशासनिक एजेंसियों की जांच
मंगलवार को कमेटी के लिए 10 बिंदुओं वाले कार्यक्षेत्र का एलान किया गया. प्रधानमंत्री के दफ्तर के मुताबिक समिति के दूसरे सदस्य शांतानू कोंसुल रहेंगे. 31 अक्तूबर को कोंसुल कर्मचारी और परीक्षण विभाग में अपने पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं जिसके बाद वह समिति के काम में लग जाएंगे. इस बीच केंद्रीय सतर्कता आयोग सीवीसी, कॉम्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल सीएजी और प्रवर्तन निदेशालय खेलों में वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं की जांच कर रहे हैं. जांच के तहत दिल्ली नगरपालिका, दिल्ली विकास निगम डीडीए, नई दिल्ली नगर परिषद और खेल मंत्रालय की जांच की जा रही है.
कितने प्रॉजेक्ट थे आखिर?
इस बीच दिल्ली सरकार ने खेल संबंधित प्रॉजेक्ट की संख्या 25 बताई है और कहा है कि वह केवल इन परियोजनाओं के बारे में खोजकर्ताओं को जानकारी देगी. दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा, "सरकार जांच एजेंसी का सहयोग करेगी. लेकिन उन्हें यह नहीं पूछना चाहिए कि कोई प्रॉजेक्ट कब शुरू हुआ था, मिसाल के तौर पर सात साल पहले. अगर वे चाहते हैं तो हम उन्हें शहर संरचना से संबंधित प्रॉजेक्ट्स की जानकारी भी दे सकते हैं."
औपचारिक आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली की कई एजेंसियों ने 16,000 करोड़ से ज्यादा रुपए दिल्ली की मूलभूत संरचना को खेलों से पहले बेहतर बनाने में लगाया था. माना जा रहा है कि सार्वजनिक निर्माण विभाग पीडब्ल्यूडी अब कई परियोजनाओं को गैर कॉमनवेल्थ परियोजनाओं के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहा है.
15 अक्तूबर को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कॉमनवेल्थ खेलों में अनियमितताओं की शिकायतों के बाद शुगलू समिति का गठन किया था. दिल्ली में आयोजित कॉमनवेल्थ खेलों में 50 से लेकर 80 अरब रुपयों तक का घोटाला होने की आशंका है.
रिपोर्टःएजेंसियां/एमजी
संपादनः आभा एम