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125 साल पहले आयरिश लेखक बराम स्टोकर की किताब "ड्रैकुला" छपी थी. यह किताब यूरोप के उत्कृष्ट साहित्य में शामिल हुई और इस पर कई फिल्में बनीं. इन फिल्मों में ड्रैकुला कभी बदसूरत और खतरनाक नजर आया तो कहीं बेहद आकर्षक.
नोबेल हो या बुकर, साल 2021 के सबसे बड़े साहित्यिक पुरस्कार अफ्रीकी लेखकों ने ही जीते हैं. एक नजर अफ्रीका के साहित्य को विश्व मंच पर लाने वाले इन लेखकों और उनकी कृतियों पर.
बुकर पुरस्कार को विश्व साहित्य की दुनिया का ऑस्कर भी कहा जाता है. 1997 की विजेता अरुंधति रॉय से लेकर 2020 के विजेता डगलस स्टुअर्ट तक, जानिए किस किस ने जीता इस पुरस्कार को.
भले ही साहित्य का बाजार अभी भी उतना विकसित नहीं हुआ हो, लेकिन नामी गिरामी लेखकों के अलावा बॉलीवुड की उपस्थिति और विवादास्पद मुद्दों को उठाने के कारण वह भारत की साहित्यिक शान बन गया है.
बात साहित्य की हो या फिल्मों की,भालुओं को दुनिया भर में पसंद किया जाता है. एक नजर दुनिया के मशहूर भालुओं पर..
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में साहित्य और किताबों के बीच इस बार कुछ खास रिश्तों का भी जिक्र आया. गुलजार और उनकी बेटी मेघना ने साझा किए अपने जज्बात.
विश्व विख्यात जयपुर साहित्य सम्मेलन ने इस साल बारह साल पूरे किए. पिछले एक दशक में दस लाख से ज्यादा पुस्तक प्रेमियों ने इसमें भाग लिया है. इस बार मुद्दों से ज्यादा साहित्य सम्मेलन के प्रायोजक पर विवाद रहा.
राजनीति से लेकर सिनेमा जगत तक, और साहित्य से लेकर फैशन जगत तक 2018 में कई दिग्गज हस्तियां दुनिया छोड़ कर चली गईं. आइए देखें उन्हें क्यों याद किया जाता है.
हर साल स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में 10 दिसंबर को रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, चिकित्सा शास्त्र, अर्थशास्त्र, साहित्य एवं विश्व शांति के क्षेत्र में इसे दिया जाता है. और जानिए इस पुरस्कार के बारे में.
साहित्य का नोबेल पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के मुताबिक स्थापित 5 नोबेल पुरस्कारों में से एक है और हर साल दिया जाता है. इस साल कुछ विवादों के कारण यह पुरस्कार स्थगित किया गया है. इसे अगले साल दिया जाएगा.
जयपुर में इस साल ग्यारहवां साहित्य सम्मेलन बिना किसी बड़े विवाद के समाप्त हो गया. इसे एशिया का सबसे बड़ा साहित्य महोत्सव और निःशुल्क साहित्य कुंभ कहा जाता है.
चिकित्सा, भौतिकी, रसायन, साहित्य और शांति के क्षेत्र में अहम योगदान देने वालों को दुनिया से सबसे प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कारों से नवाजा जाता है. मिलते हैं इस साल के नोबेल विजेताओं से.
जर्मन भाषा के सबसे बड़े लेखक और कवि माने जाने वाले योहान वोल्फगांग फॉन गोएथे का थिएटर से लेकर विज्ञान तक में दखल था. उनके व्यक्तित्व के तमाम पहलुओं पर एक नजर.
9वां जयपुर साहित्य सम्मेलन संपन्न हो गया. इस बार करण जौहर, काजोल और गुलजार समेत बॉलीवुड की कई हस्तियों ने इसमें शिरकत की. देखें सम्मेलन की कुछ झलकियां.
फ्रैंकफर्ट बुक फेयर, दुनिया का सबसे बड़ा पुस्तक मेला है. यहां साहित्य के भविष्य का अंदाजा होता है. चलिए देखते हैं कैसे प्रकाशकों की बेड़ियों से आजाद हो रही हैं किताबें.
जर्मनी का मान परिवार सनकी और रईस था लेकिन अभूतपूर्व साहित्यिक प्रतिभा की मिसाल भी था. साहित्य के नोबेल पुरस्कार विजेता लेखक थोमस मान और उनका परिवार जर्मनी के उन प्रसिद्ध परिवारों में शामिल है जो अभी भी मिथक बने हुए हैं.
पिछले सालों में साहित्य का नोबेल पुरस्कार भावनाओं की विविधता दिखाने वाले लेखकों को मिला है. 2021 का पुरस्कार ब्रिटेन में रहने वाले और तंजानिया में जन्मे लेखक अब्दुलरजाक गुरना को दिया गया है.
9 मई को वेनिस में 56वां वेनिस बिएनाले शुरू हुआ. अंतरराष्ट्रीय समकालीन कला को दिखाती "ऑल द वर्ल्ड्स फ्यूचर्स" प्रदर्शनी अगले 7 महीनों तक यहां दिखायी जाएगी.
साहित्य हो या कला, खोआन मिरो (1893-1983) से इन्हें अलग नहीं किया जा सकता. स्पेन के मिरो 20वीं शताब्दी के सबसे अहम पेंटरों में गिने जाते हैं. हैम्बर्ग में लगी एक प्रदर्शन मिरो के साहित्य प्रेम को भी दर्शाती है.
जयपुर साहित्य सम्मेलन को दुनिया का सबसे बड़ा साहित्य सम्मलेन माना जाता है. विरोध के कारण सलमान रुश्दी जैसे लेखकों को वहां आने से रोकने जैसे विवाद भी हुए हैं और इस तरह के विवादों के चलते वह सुर्खियों में भी रहा है.