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कोलकाता स्थित अपने जिस घर में सत्यजीत रे ने बरसों बिताए उसी घर में उनकी 101वीं जन्म तिथि मनाई गई. ये तस्वीरें हैं उन दीवारों, उस मेज और उस माहौल की जहां रे ने ऐसी कितनी ही रचनाओं को जन्म दिया जो अमर हो गईं.
एक ज़माने में ऐसे हाथ के पंखे बनाने का हुनर भारत के गांव गांव में मिलता था. अब ऐसे पंखे बनाने की कला भारत समेत दुनिया भर से खत्म होती जा रही है. फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक 75 वर्षीया कलाकार मुड़ने वाला पारंपरिक हाथपंखा बनाने वाली आखिरी कलाकार हैं. ऐसे पंखे पेरिस की पहचान रहे हैं, फैशन कैपिटल रहे पेरिस में हाथपंखे की सांस्कृतिक विरासत बचाने की कोशिश.
बोलीविया के नमक के मैदान पर सैकड़ों टूरिस्ट आते हैं और फोटो खिंचाते हैं. लेकिन सब लोग 11 साल के एक बच्चे से फोटो खिंचाना चाहते हैं. पीटर कोंडोरी नाम का यह बच्चा स्टार बन गया है.
पेड़ पशु-पक्षियों को आश्रय देते हैं, जमीन को उर्वर बनाए रखते हैं और ग्रीनहाऊस गैसों को सोखकर जलवायु संकट से हमें बचाते हैं. दुनिया भर की अलग-अलग संस्कृतियों में पेड़ों को पावन माना गया है. देखिए, कहां-कैसा है यह रिश्ता.
पर्यटकों के लिए मोसुल शहर इराक का नगीना हुआ करता था. फिर युद्ध ने सब बर्बाद कर दिया. अब लोग उस बर्बादी को देखने आ रहे हैं.
समर्थक भांग को दुनिया की सबसे कारगर दवा बताते हैं और विरोधी दलील देते हैं इससे खराब कुछ भी नहीं. जितनी मिथ्या और लोक कहानियां भांग के बारे में है, शायद ही किसी और पौधे के बारे में हों.
भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में घूम-घूम कर नाटक करने वाली दर्जनों कंपनियां सक्रिय हैं. लेकिन कोविड ने उनका काम-धंधा चौपट कर दिया था. अब ये कंपनियां फिर सक्रिय हो रही हैं, इस उम्मीद में कि दिन बहुरेंगे.
मौजूदा दौर में दुनिया के सबसे सफल और लोकप्रिय पियानोवादक माने जाने वाले लैंग लैंग ने स्विट्जरलैंड की वादियों में पहाड़ की चोटी पर अपनी कला का प्रदर्शन किया.
भारत में होली के इतने रंग और रूप हैं कि यह त्योहार संस्कृतियों की विविधता का अनूठा प्रतीक है. देखिए, कहां कैसी होली मनाई जाती है...
क्यूबा में टैटू का टैबू धीरे-धीरे खत्म हो रहा है. सालभर पहले तक भी कोई टैटू बनवाता था तो उसे दिखाते हुए परहेज करता था. अब ऐसा नहीं है. कैसे हुआ यह बदलाव, देखिए..
इस्राएल के शहर तेल अवीव में कलाकारों ने एक अनोखा अभियान शुरू किया है. वे उजाड़, खाली पड़ी इमारतों को चित्रों से रंग रहे हैं. देखिए, दो इमारतों में तैयार यह अस्थायी ‘पॉप-अप म्यूजियम’...
बर्लिन में लगी एक प्रदर्शनी की कलाकृतियां फारसी संस्कृति की अद्भुत कहानी बयां कर रही हैं. इनमें ईरान की शुरुआती सभ्यताओं से आधुनिक युग तक की कलाकृतियों को देखा जा सकता है. पेश है इन्हीं कलाकृतियों की एक झलक.
नोबेल हो या बुकर, साल 2021 के सबसे बड़े साहित्यिक पुरस्कार अफ्रीकी लेखकों ने ही जीते हैं. एक नजर अफ्रीका के साहित्य को विश्व मंच पर लाने वाले इन लेखकों और उनकी कृतियों पर.
पिग्मी अफ्रीकी देश कॉन्गो के घने जंगलों में रहते हैं. लेकिन अब उनके पुरखों के इलाके पर धीरे धीरे कब्जा होता जा रहा है और उन्हें अपनी संस्कृति को बचाने के लिए जंगलों के और अंदर जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
पश्चिम बंगाल में सबसे बड़े त्योहार दुर्गा पूजा की धूम है. इस दौरान राजधानी कोलकाता समेत पूरे राज्य में सब कुछ पूजा के रंग में रंग गया है. पंडालों में उमड़ती भीड़ को देख कर लगता है कि कोरोना का कभी कोई असर था ही नहीं.
जेम्स बॉन्ड की फिल्मों में तीन चीजों पर सबकी नजर रहती है – कार, बॉन्ड गर्ल और लोकेशन. फिल्म जिस जगह शूट होती है, वो हिट हो जाती है. देखिए ये 10 जगह...
इदलिब के कलाकार अजीज ऐज्मार सीरिया में युद्ध में बर्बाद हो चुकी इमारतों पर चित्र बनाते हैं. टूटी फूटी दीवारें उनके कैनवास हैं, जिन पर वह दर्दमंद लोगों की कहानियां उकेरते हैं. देखिए ऐसी ही कुछ कहानियां...
भारत में कविता और कवियों की बेहद समृद्ध परंपरा होने के बावजूद आजकल के युवाओं में इसकी अपील बहुत कम दिखती है. ऐसे में कविता एक नए, मॉडर्न रूप में सामने आई है जिसे स्पोकेन वर्ड परफॉर्मेंस कहा जाता है. देखिए इस विधा की जानी मानी कलाकार अनामिका जोशी से DW हिन्दी की खास बातचीत.
गोएथे संस्थान की स्थापना 9 अगस्त 1951 को हुई थी. बहुत जल्द इस संस्थान ने खुद को जर्मन भाषा और संस्कृति के वाहक के रूप में स्थापित कर लिया.
यूनेस्को ने नई विश्व धरोहरों का ऐलान कर दिया है. भारत के एक प्राचीन मंदिर को भी इस बार की सूची में जगह मिली है.