dw.com बीटा पेज पर जाएं. कार्य प्रगति पर है. आपकी राय हमारी मदद कर सकती है.
हम आपके लिए अपने कंटेंट को बेहतर बनाने के लिए कूकीज का इस्तेमाल करते हैं. अधिक जानकारी डाटा सुरक्षा पेज पर उपलब्ध है.
पुरानी पवनचक्कियों के ब्लेड रीसाइकिल करके उनसे सुंदर फर्नीचर बनाए जा रहे हैं. ये फर्नीचर इतने टिकाऊ हैं कि धूप और पानी में भी सालोसाल खराब नहीं होते. इन ब्लेडों से और भी कई काम की चीजें बनाई जा सकती हैं.
ई-कारों की बैटरी में लगने वाली दर्जनों तरह की चीजों में लीथियम को सबसे अहम माना जाता है. अभी इसका 10 फीसदी ही रिसाइकिल होता है. ऊपर से दुनिया में लीथियम की काफी कमी हो गई है. अगर आप ई-कार नहीं लेने जा रहे थे तब आपको इससे क्या लेना-देना? असल में, हम सबका और अपनी धरती का इससे काफी गहरा नाता है.
तुर्की की दो फैशन डिजाइनर्स फैशन को सस्टेनेबल बनाने की कोशिश कर रही हैं. वे रिसाइकिल किए हुए कपड़ों, नए तरह के कच्चे माल और पौधों पर आधारित चमड़े के विकल्पों का इस्तेमाल करके नए तरह के कपड़े और बैग्स बना रही हैं.
जर्मनी में घरेलू कचरे को अलग-अलग करना एक आम बात है, जिस कारण जर्मनी को रिसाइकिलिंग का वर्ल्ड चैंपियन भी कहा जाता है. लेकिन हैरत की बात ये है कि इस देश के प्लास्टिक कूड़े का एक बड़ा हिस्सा दुनिया के दूसरे छोर पर दिखाई देता है.
ईको इंडिया के इस एपिसोड में देखिए महाराष्ट्र में मल्टी-लेयर प्लास्टिक को रिसाइकिल करने का बेहतर तरीका जो महिलाओं के लिए आजीविका का साधन भी बना है. इसके अलावा जानिए घाना में बनाई जा रहीं प्लास्टिक ईंटों के बारे में. साथ ही देखिए, कैसे कुछ "नदी योद्धा" बाली की नदियों को साफ कर रहे हैं.
कुवैत में टायरों के कचरे के अंबार से अटे इलाके को लोगों के रहने लायक शहर के रूप में बसाने पर काम चल रहा है. तेल के धनी खाड़ी देश के इस इलाके में एक समय पर चार करोड़ पुराने टायर जमा हो गए थे.
इटली के आर्रतेना में कचरे को रिसाइकिल करने के काम में खच्चरों की मदद ली जा रही है. इस पहाड़ी शहर का यह तरीका बाकी दुनिया से काफी अलग दिखता है.
हर साल आठ मिलियन टन प्लास्टिक महासागरों में समा जाता है. समस्या के बारे में बढ़ती जागरूकता ने रिसाइकिल्ड ओशन प्लास्टिक से बनी चीजों की मांग को बढ़ावा तो दिया है, लेकिन क्या वाकई यह एक साफ विकल्प होता है? या बड़े बड़े नामों वाले ब्रांड ग्रीनवाशिंग कर रहे हैं?
प्लास्टिक की बोतलों के बढ़ते इस्तेमाल से प्लास्टिक का कचरे का अंबार लग जाता है. जर्मनी ने इस समस्या से निपटने के लिए जो रास्ता निकाला है, जानिए वह कितना कारगर साबित हो रहा है.
इलेक्ट्रिक कारों की बैटरी ऐसी होनी चाहिए जो ताकतवर हो और लंबी चले. स्विस फेडरल लैबोरेट्रीज फॉर मटीरियल्स टेस्टिंग एंड रिसर्च में ऐसी लीथियम-आयन बैटरियों पर काम चल रहा है. इसका कच्चा माल ज्यादा ईकोफ्रेंडली है और उसे रिसाइकिल करना भी आसान है.
नए कपड़े खरीदना जितना आसान हो गया है, पर्यावरण को उसी तेजी से नुकसान होने लगा है. जर्मनी में कंपनियां फैशन उद्योग में सर्कुलर मॉडल को लागू करने के तरीके खोज रही हैं.
दुनिया अब भी महामारी की गिरफ्त में है. करोड़ों लोगों को अपनी और दूसरों की सुरक्षा के लिए मास्क पहने पर विवश होना पड़ रहा है. इन्हें कहां बनाया जाता है, क्या इन्हें रिसाइकिल किया जा सकता है.
दुनिया में कूड़ा हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है. मिसाल के तौर पर प्लास्टिक की बोतल. हर साल ऐसी अरबों बोतलें बनती हैं, कच्चे तेल से. इनमें से ज्यादातर रिसाइकिल नहीं होती हैं और पहले कूड़े के ढेर में और फिर समुद्रों में पहुंच जाती हैं. एक बोतल को डिकंपोज होने में 400 साल लग जाते हैं. और उसके बाद भी ये माइक्रोप्लास्टिक बनकर हमारी धरती पर ही रहते हैं. क्या हम इसे बदल सकते हैं?
क्या हमें वाकई कपड़े खरीदने की जरूरत है. ये सवाल हमें हर बार कपड़े खरीदने से पहले खुद से करना चाहिए. तो क्या करें? कपड़े रिसायकिल कीजिए. अगर कपड़ों की क्लालिटी अच्छी हो, तो वो चलते भी लंबा हैं, जैसे कॉटन और सिल्क की पारंपरिक साड़ियां. भारत में एक डिजायनर इन साड़ियों को नया रूप दे रही हैं.
कचरे से बनी एक इलेक्ट्रिक कार वो भी सिर्फ 18 महीनों में. नीदरलैंड के 22 छात्रों ने स्थापित कार कंपनियों को इलेक्ट्रिक टू-सीटर कार "लुका" के जरिए दिखा दिया कि पूरी तरह से कचरे से कैसे बनायी जाती है.
प्लास्टिक के कूड़े से निपटने का यह एक अच्छा तरीका है. लेकिन क्यों ना कुछ ऐसा किया जाए कि ये प्लास्टिक हमारी नदियों में पहुंचे ही नहीं. रिसाइक्लिंग से ऐसा मुमकिन हो सकता है. और जर्मनी को रिसाइक्लिंग में वर्ल्ड चैम्पियन कहा जाता है. तो हमने पता किया कि वहां रिसाइक्लिंग कितनी कारगर है.
प्लास्टिक को रिसाइकिल करने की बात तो बहुत होती है लेकिन हालात बहुत अच्छे नहीं हैं. रिसाइक्लिंग में कंपनियों की रुचि इसलिए भी कम है क्योंकि रिसाइकल करने की तुलना में नया प्लास्टिक बनाना ज्यादा सस्ता पड़ता है. और इसे तेल की कीमतें निर्धारित करती हैं. आइए जानें कैसे..
परमाणु संख्या के हिसाब से सारे तत्व पेरियोडिक टेबल में रखे गए हैं. इनमें 17 खनिजों को रेअर अर्थ मेटल कहा जाता है. रेअर इसलिए नहीं कि वे बहुत कम मिलते हैं बल्कि इसलिए क्योंकि उन्हें खनिज से अलग कर निकालना बहुत कठिन है.जर्मनी में रिसर्चर इसे निकालने और रिसाइकल करने के तरीकों पर काम कर रहे हैं.
कचरे पर मक्खियों का भिनभिनाना किसी को नहीं भाता, लेकिन मक्खियों को कचरे से प्यार होता है. कुछ मक्खियां तो एक किलोमीटर दूर से कचरे की गंध को महसूस कर लेती हैं. अब वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं कि कैसे इन मक्खियों का इस्तेमाल कचरा प्रबंधन के लिए किया जा सके.
इंडोनेशिया के शहर सुराबाया में कचरे के बदले बस का टिकट दिया जा रहा है. बस के टिकट के लिए यात्री 10 प्लास्टिक कप या 5 बोतलों दे सकते हैं. इस कदम का मकसद लोगों को कचरा रिसाइकिल करने के लिए प्रेरित करना है.