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चुनावों के तीन महीनों बाद आखिरकार जर्मनी को एक नई सरकार मिल गई है. आइए आपको अंगेला मैर्केल के युग के अंत के बाद की पहली जर्मन सरकार के मुख्य चेहरों से मिलवाते हैं.
जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल जल्द ही अपना पद छोड़ देंगी. 16 साल से वह जर्मनी का नेतृत्व कर रही हैं. DW के साथ खास बातचीत में उन्होंने अपने कार्यकाल के सबसे मुश्किल क्षणों को याद किया.
अंगेला मैर्केल के राजनीतिक मंच से विदाई के मौके पर कई समकक्ष नेताओं ने उनके लंबे कार्यकाल को याद किया है. इनमें व्लादिमीर पुतिन भी शामिल हैं जिन्होंने एक बार मैर्केल से मुलाकात के दौरान अपने कुत्ते को खुला छोड़ दिया था.
रूस के व्लादिमीर पुतिन जितनी फर्राटेदार जर्मन बोलते हैं, उतनी ही अच्छी रूसी जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल भी बोल लेती हैं. जब 2013 में रूस और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ा, तब मैर्केल ने मध्यस्थता की. हालांकि यह वह वक्त भी था जब पुतिन और मैर्केल के संबंध सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुके थे. लेकिन मैर्केल ने पुतिन के साथ संपर्क के रास्ते बंद नहीं होने दिए और यूक्रेन संकट का समाधान खोजने के लिए डटी रहीं.
एक महिला का चांसलर बनना जर्मनी के लिए अनोखी बात थी. वह भी एक ऐसी महिला का जो पूर्वी जर्मनी से नाता रखती थी, जिसकी पृष्ठभूमि राजनीति में नहीं, विज्ञान जगत में थी और जो तलाकशुदा थी. 2005 में जब अंगेला मैर्केल ने चांसलर का पद संभाला, तो उन्होंने समाज के कई पूर्वाग्रहों को तोड़ा. करियर की शुरुआत में कई लोगों ने उन्हें कम आंका. लेकिन जर्मनी की सबसे कम उम्र की चांसलर बन कर उन्होंने सबकी बोलती बंद कर दी.
जलवायु संकट को लेकर अंगेला मैर्केल के रुख के चलते उन्हें "जलवायु चांसलर" का रुतबा भले ही दिया गया हो लेकिन सच यह भी है कि मैर्केल ने अपने फैसलों में हमेशा इस बात का ध्यान रखा कि कार उद्योग उनसे नाराज ना हो. फुकुशिमा त्रासदी के बाद उन्होंने परमाणु ऊर्जा से भी दूर जाने का फैसला किया, जिसने जर्मनी को जलवायु संकट ने निबटने के लिए तय किए गए लक्ष्यों से और दूर धकेल दिया.
जर्मनी में आम चुनावों के नतीजों में लगभग 26 प्रतिशत वोटों के साथ एसपीडी सबसे आगे चल रही है जबकि चांसलर मैर्केल की सीडीयू-सीएसयू पार्टी 24 प्रतिशत वोटों के साथ दूसरे नंबर पर है. ग्रीन पार्टी की उम्मीदें भी पूरी नहीं हुई. छोटी पार्टियों के पास सत्ता की चाबी हो सकती है.
अपने सामने हर देश और उसके साथ बदलते रिश्तों को कुछ ही राष्ट्रप्रमुख लंबे समय तक देख पाते हैं. अंगेला मैर्केल के 16 साल के कार्यकाल के दौरान भारत, अमेरिका, रूस और चीन समेत कई देशों में निर्णायक सत्ता परिवर्तन हुए.
साल 2015 में जब लाखों लोगों ने सीरिया से भाग कर यूरोप का रास्ता चुना, तब अंगेला मैर्केल ने उनका स्वागत किया. जहां बाकी देश दरवाजे बंद कर रहे थे, अंगेला मैर्केल ने लोगों की जान बचाना अपनी जिम्मेदारी बताया. इसी दौरान मैर्केल के कहे तीन शब्द, "वियर शाफेन दस" यानी "हम कर सकते हैं" एक बड़े नारे के रूप में उभरे. मैर्केल की शरणार्थी नीति को उनके कार्यकाल के सबसे मुश्किल फैसलों में से एक बताया जाता है.
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल की अच्छी दोस्ती अकसर सुर्खियों में रहा करती थी. लेकिन 2013 में दोनों के रिश्तों में दरार तब आई जब पता चला कि अमेरिका की खुफिया एजेंसी ने अंगेला मैर्केल के फोन को टैप किया था. ओबामा ने सफाई दी कि इसके आदेश जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल के दौरान दिए गए थे. जबकि बुश का आज भी कहना है कि उन्हें इसकी कोई खबर नहीं थी.
16 साल तक जर्मनी की चांसलर रही अंगेला मैर्केल के प्रशंसक वैसे तो दुनिया भर में हैं. लेकिन जर्मनी के ब्रेमरहाफेन में रेस्तरां चलाने वाले आलेक्सिस वायू की बात ही कुछ और है. देखिए ग्रीक मूल के वायू का फैन वाला अंदाज.
जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल की पार्टी ने इस बार आर्मिन लाशेट को चुनाव में उम्मीदवार बनाया है. वो लंबे समय से मैर्केल के सहयोगी रहे हैं लेकिन क्या उनमें वो काबिलियत है कि मैर्केल की जगह ले सकें.
पिछली चार बार से जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल अब राजनीति को विदा कह रही हैं. उनका कार्यकाल अनूठा रहा है. मीडिया ने उन पर दिलचस्प टिप्पणियां की हैं. देखिए कुछ मैग्जीन कवर...
जर्मनी में पिछले हफ्ते आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 188 हो गई है. चांसलर अंगेला मैर्केल ने प्रभावित इलाकों के दौरे पर कहा कि मंजर भयानक है. देखिए, बाढ़ से पहले और बाद की ये तस्वीरें:
जर्मनी की चांसलर बनने के बाद अंगेला मैर्केल ने अपने 15 साल के कार्यकाल में अमेरिका के तीन राष्ट्रपतियों के साथ काम किया है. जानिए किसके साथ उनके संबंध कैसे रहे.
बीते 15 सालों से जर्मनी की बागडोर संभाल रही अंगेला मैर्केल ने सीरिया के शरणार्थियों को अपने देश में रख कर पूरी दुनिया में अपने लिए खूब सम्मान बटोरा. हालांकि इसी फैसले ने उन्हें जर्मनी के भीतर बहुत मुश्किल दौर भी दिखाए. अगले साल कार्यकाल पूरा होने पर पद छोड़ने का ऐलान कर चुकीं मैर्केल इस वक्त पूरे यूरोप की सबसे बड़ी नेता हैं.
शनिवार को जब यह साफ हो गया कि जो बाइडेन ने चुनाव जीत लिया है, तब जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल उन्हें सबसे पहले बधाई देने वाले नेताओं में शामिल थीं. लेकिन दुनिया के कई नेताओं ने दो दिन बाद भी बाइडेन को बधाई नहीं दी.
जर्मनी में परमाणु ऊर्जा को लेकर पांच दशक से विवाद चल रहा है. इन सालों में जर्मनी ने परमाणु बिजली घरों की हिमायत से लेकर उसे पूरी तरह से बंद करने का फैसला किया है. एक नजर इस विवाद के पड़ावों पर.
अंगेला मैर्केल पिछले 16 साल से जर्मनी की चांसलर हैं. उनके चांसलर बनने के बाद पैदा हुए लोग अब मतदाता बनने की दहतीज पर हैं. जानिए 1949 से 2005 के बीच कौन कौन कौन रहा जर्मनी का चांसलर.
दुनिया भर के देश कोरोना से लड़ने की कोशिशों में लगे हैं. इस जंग में कई नेताओं को आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ रहा है. लेकिन महिला नेताओं की जम कर तारीफ हो रही है. एक नजर इस जंग की असली हीरो पर.