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मां का दूध नवजात शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार माना जाता है. लेकिन दुनिया में आधे से भी कम बच्चे इतने खुशनसीब होते हैं कि उन्हें जन्म के एक घंटे के भीतर अपनी मां का दूध पीने को मिले.
जर्मनी में चांसलर के भी सालाना छुट्टी लेने की परंपरा है. जो काम करता है उसे आराम भी चाहिए, इसलिए राजनीतिज्ञों के छुट्टी लेने को बुरा नहीं माना जाता. तो कौन से हैं चांसलरों के मनपसंद ठिकाने?
हाइपरलूप तकनीक को यात्रा करने का भविष्य का साधन माना जा रहा है. जानकारों को उम्मीद है कि इससे यात्रा से पर्यावरण को होने वाले नुकसान में भारी कटौती की जा सकती है. पर हाइपरलूप है क्या और इसके काम करने का पूरा विज्ञान क्या है? आइए, बताते हैं स्पेन की एक कंपनी के जरिए, जो इस तकनीक को जमीन पर उतारने में जुटी है.
फरवरी में ट्यूनीशिया की एक टीचर का वीडियो वायरल हो गया, जिसमें वह स्कूली बच्चों को सेक्स एजुकेशन दे रही थीं और यौन हमलों से बचना सिखा रही थीं. पर इन्हीं बच्चों के माता-पिता को यह रास नहीं आता है और इसकी वजह और भी दिलचस्प है.
इटली के कई इलाकों में सूखे की वजह से आपातकाल घोषित कर दिया गया है. नदियां पूरी तरह सूख गई हैं, पीने के पानी के इस्तेमाल पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए हैं और फसलों पर खतरा मंडरा रहा है. देखिए किस हाल में है सूखाग्रस्त इटली.
आठ साल के निर्माण के बाद बांग्लादेश का सबसे लंबा पुल आखिरकार पूरा हो गया है. पद्मा नदी पर बने 6.5 किमी लंबे इस पुल को बड़ी कामयाबी माना जा रहा है, हालांकि इसे लेकर विवाद भी खूब हुए. लेकिन चीन इस पुल से बहुत खुश है.
भारत की तरह चाय के शौकीन पाकिस्तान में भी खूब हैं. लेकिन, अब वहां कुछ ऐसा हाल हो गया है कि खुद हुकूमत लोगों को चाय पीने से मना कर रही है.
घाना में एक जगह है, जहां मगरमच्छ पवित्र माने जाते हैं. मरने पर उन्हें बाकायदा दफनाया जाता है. पर प्लास्टिक उनकी जान का दुश्मन बन गया है.
दुनिया के कई देशों में लोग यूरिन यानी पेशाब को चमत्कारी दवा मानते हैं. अच्छी सेहत से लेकर बीमारियां दूर भगाने और अच्छी त्वचा पाने में पेशाब को कारगर समझा जाता है. क्या सचमुच पेशाब पीने से बीमारियों का इलाज हो सकता है?
भिवाड़ी को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर माना गया है. इस प्रदूषण की जिम्मेदार है एक खास चीज, जो इंसान के बाल से भी पतली होती है. इसकी वजह से भिवाड़ी के लोगों, खासकर बच्चों की सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है.
सिंगापुर में अब कैफे से लेकर घर बनाने तक हर काम में रोबोट नजर आने लगे हैं. देश में रोबोट तेजी से कामगारों की जगह ले रहे हैं. रोबोट ऐसे काम भी संभाल चुके हैं, जो अब तक उनके बस का नहीं माना जाता था.
जब किसी का ब्लडप्रेशर बढ़ जाता है, तो लोग कई घरेलू नुस्खे बताए जाते हैं. कोई लहसुन की कलियां चबाने को कहता है, तो कोई चुकंदर का रस पीने की सलाह देता है और कोई तरबूज जैसी चीजों को फायदेमंद बताता है. आइए जानें, क्या इन चीजों से वाकई ब्लडप्रेशर कम होता है...
अपने ऐशो आराम के लिए हम अपनी प्रकृति को नुकसान पहुंचाने लगते हैं. फिर चाहे बात हमारे खाने पीने की हो, फैशन की या फिर यातायात की. हमारी पसंंद हमारी धरती की पसंद से अलग होती जा रही है. तो इसे कैसे बदलें? इस एपिसोड में देखिए कुछ ऐसे ही आइडिया.
अमेरिका में कोरोना महामारी से मरने वालों की संख्या दस लाख के पार हो गई है. महामारी के दौरान हजारों बच्चों ने अपने माता-पिता या किसी एक को खो दिया है. ऐसे बच्चे अब अचानक से अकेले पड़ गए हैं.
इराक में सद्दाम हुसैन के शासन के दौरान मारे गए लोगों के शवों को सामूहिक कब्रों से निकालने का काम चल रहा है. अधिकारियों ने सामूहिक कब्रों से अब तक 15 लोगों के अवशेष निकाले हैं. माना जाता है कि ऐसी और कब्रें हो सकती हैं.
कुछ साल पहले तक जिस बात को असहनीय माना जाता था, वह अब निकट भविष्य की संभावना के रूप में नजर आने लगी है. यूएन के जलवायु विशेषज्ञ कहते हैं कि अगले चार साल में धरती के तापमान की वृद्धि 1.5 डिग्री सेल्सियस को पार कर सकती है.
ई-कारों की बैटरी में लगने वाली दर्जनों तरह की चीजों में लीथियम को सबसे अहम माना जाता है. अभी इसका 10 फीसदी ही रिसाइकिल होता है. ऊपर से दुनिया में लीथियम की काफी कमी हो गई है. अगर आप ई-कार नहीं लेने जा रहे थे तब आपको इससे क्या लेना-देना? असल में, हम सबका और अपनी धरती का इससे काफी गहरा नाता है.
कोलकाता की रहने वाली कल्पना मंडल शहर की सबसे युवा महिला बस ड्राइवर हैं. कल्पना को उनके पिता ही की तरह बस चलाना पसंद है. तस्वीरों में जानिए कल्पना की कहानी.
पेड़ पशु-पक्षियों को आश्रय देते हैं, जमीन को उर्वर बनाए रखते हैं और ग्रीनहाऊस गैसों को सोखकर जलवायु संकट से हमें बचाते हैं. दुनिया भर की अलग-अलग संस्कृतियों में पेड़ों को पावन माना गया है. देखिए, कहां-कैसा है यह रिश्ता.
भारत में 99% ड्राइवर पुरुष हैं. 22 साल की पी जान्सी कुछ चुनिंदा महिलाओं में से हैं जो टैक्सी चलाती हैं. वे सिर्फ महिला सवारियों को ही बिठाती हैं. उनका सपना है कि अपनी बहनों को कॉलेज में पढ़ा सकें, बड़ी बहन की शादी करा सकें और घर खरीदने में मदद कर सकें.