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मां का दूध नवजात शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार माना जाता है. लेकिन दुनिया में आधे से भी कम बच्चे इतने खुशनसीब होते हैं कि उन्हें जन्म के एक घंटे के भीतर अपनी मां का दूध पीने को मिले.
जापान का जिके अस्पताल पिछले 15 वर्षों से उन बच्चों का घर बना हुआ है, जिन्हें उनके मां-बाप अस्पताल के दरवाजे पर छोड़ गए. इन मां-बाप की पहचान जाहिर नहीं हुई, लेकिन उनके बच्चों को यहां एक नई जिंदगी जरूर मिल गई है.
फरवरी में ट्यूनीशिया की एक टीचर का वीडियो वायरल हो गया, जिसमें वह स्कूली बच्चों को सेक्स एजुकेशन दे रही थीं और यौन हमलों से बचना सिखा रही थीं. पर इन्हीं बच्चों के माता-पिता को यह रास नहीं आता है और इसकी वजह और भी दिलचस्प है.
प्रेगनेंसी में अगर थॉयराइड ठीक से काम ना करे तो इससे एनीमिया यानी खून की कमी हो सकती है. कुछ मामलों में मिसकैरेज भी हो सकता है. या फिर बच्चा होने के बाद खूब ब्लीडिंग और बच्चा होने से पहले प्लसैंटा के खराब होने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए प्रेगनेंसी के शुरुआती तीन महीनों में मां के थॉयराइड ग्लैंड का ठीक से काम करना बहुत जरूरी होता है.
अमेरिका में कोरोना महामारी से मरने वालों की संख्या दस लाख के पार हो गई है. महामारी के दौरान हजारों बच्चों ने अपने माता-पिता या किसी एक को खो दिया है. ऐसे बच्चे अब अचानक से अकेले पड़ गए हैं.
रोते हुए बच्चे को चुप कैसे कराएं? कैसे पता चलेगा कि बच्चा भूख की वजह से रो रहा है या दर्द की वजह से? जब बच्चा दुनिया में आता है, तो अपने साथ कई अनसुलझे सवाल भी ले कर आता है. नए नए मां बाप के पास अकसर इन सवालों के जवाब नहीं होते. और उन्हें लोगों से इतनी अलग अलग तरह की नसीहतें मिलती हैं कि समझ में ही नहीं आता कि क्या सही है और क्या गलत.
हमें हमेशा यही बताया जाता है कि औरत की जिंदगी का सबसे खूबसूरत दिन वो होता है जब वो मां बनती है. जैसे ही मां बच्चे को गोद में लेती है उसके चहरे पर दुनिया की सबसे प्यारी मुस्कराहट आ जाती है. ऐसा होता तो है लेकिन हमेशा नहीं. बहुत सी औरतें बच्चे को गोद में लेते ही उदास महसूस करती हैं, उन्हें बच्चे से कोई जुड़ाव महसूस नहीं होता. और सबसे चिंताजनक बात यह है कि इस बारे में कोई बात भी नहीं करता.
हसन के हाथ पर एक फोन नंबर लिखकर उसकी मां ने उसे लंबे सफर पर रवाना कर दिया, ताकि वह यूक्रेन की जंग से निकलकर सुरक्षित ठिकाने पर पहुंच जाए. इस दौरान सबसे मुश्किल क्या रहा, जानिए हसन से.
एक हफ्ते पहले तक सब ठीक था. वे स्कूल जाते थे. खेलते-कूदते थे. अपना घर था, मां-बाप का प्यार दुलार था. लेकिन युद्ध ने एक हफ्ते के भीतर यूक्रेन के बच्चों की जिंदगी पलट दी और अब वे दर बदर भटक रहे हैं.
जॉर्डन की हदील दवास चाहती हैं कि सारे बच्चे हाइकिंग सीखें. अपने बच्चों को वह खुद हाइकिंग लेकर जाती हैं. कई मांएं हदील से प्रेरित भी हो रही हैं.
नूर मिफ्ताहुल जन्नाह के यहां एक से 12 साल तक की उम्र के कुल 63 बच्चे हैं. वह चाहती हैं कि कोई बच्चा प्यार से महरूम ना रहे.
35 की उम्र के बाद मां बनना बहुत मुश्किल हो जाता है. ये आइडिया आया आज से कुछ तीन सौ साल पहले फ्रांस में हुई एक स्टडी से. लेकिन तीन सौ साल पहले का जमाना भी तो अलग था तब ना बिजली थी, ना दवाएं और ना आज जैसा खाना. तो क्या तब हुई रिसर्च आज भी लागू होती है?
एला की मां ने अदालती लड़ाई लड़ी और बेटी के डेथ सर्टिफिकेट पर मौत का कारण वायु प्रदूषण दर्ज करवाया. नौ साल की उम्र में एला की अस्थमा से मौत हुई.
बच्चा जब दुनिया में आता है, तो सबसे पहली चीज जो वो ढूंढता है, वो है मां का दूध. लेकिन इतने छोटे से बच्चे को पता कैसे चलता है कि दूध कहां से मिलेगा?
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में रहने वाला पांच साल का जिदान अस्थमा का शिकार है. शहर की जहरीली हवा ने उसका जीना मुश्किल कर रखा है. पर्यावरण कार्यकर्ता कहते हैं कि शहर इंसानी लालच का शिकार बन रहा है.
नौ साल की एक काल्पनिक सीरियाई लड़की के किरदार अमाल को दिखाती यह मूर्ति यूरोप में जगह जगह ‘भटक’ रही है.
मां नहीं बच सकी, बहन भी मारी गई लेकिन उनके इलाज के लिए लिया गया लाखों रुपये का कर्ज बाकी है. कोरोना और प्राइवेट अस्पतालों ने लाखों भारतीय परिवारों को कर्ज में डुबो दिया है. पूरा भारत ऐसी वित्तीय महामारी से जूझ रहा है.
एक शोध में इस बात के संकेत निकल कर आए हैं कि होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य पर सिर्फ मां ही नहीं बल्कि पिता के खान पान का भी असर पड़ता है. इसलिए पिता बनने वाले पुरुषों को भी अपने आहार पर ध्यान देना चाहिए.
भारत और हिंदू धर्म की सबसे अहम नदी गंगा दम तोड़ रही है. किसान, उद्योग, श्रद्धालु और आम लोग सब मिलकर गंगा को खत्म करने पर तुले हैं. देखिए गंगा के संघर्ष पर डीडब्ल्यू इकोफ्रंटलाइंस की शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री.
जीवन की शुरुआत यहीं से होती है. बच्चा पैदा होते ही सबसे पहले मां का दूध ही पीता है. फिर भी इन्हें उतनी अहमियत नहीं मिलती जितनी मिलनी चाहिए. स्तन पूरे शरीर की सेहत का संकेत दे सकते हैं.