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कई जहाज एक खास तरह के पंप का इस्तेमाल करके चोरी-चुपके समुद्र में जहरीला कचरा फैलाते हैं. ये समंदर और उसमें रहने वाले जीवों के लिए एक भयंकर तबाही है.
ध्वनि प्रदूषण केवल इंसानों के लिए समस्या नहीं है. जानवरों पर भी शोर का गहरा असर हो सकता है. समंदर की शक्तिशाली व्हेल से लेकर जमीन पर रेंगने वाले छोटे कीड़ों तक. हमारे पूरे ईको सिस्टम पर इसका असर होता है.
हिंद महासागर के पानी में एक दिलचस्प तमाशा कई बार होता है. सागर की गहराई में मीलों लंबी कतार बना कर सार्डिन मछलियां सफर पर निकलती हैं और उन्हें अपना आहार बनाने के लिए सागर से लेकर आसमान तक के शिकारियों में होड़ मच जाती है.
सिंधु नदी में एक खास तरह की डॉल्फिन पाई जाती है जिसे ब्लाइंड इंडस डॉल्फिन कहते है. इन्हें ब्लाइंड इसलिए कहा जाता है क्योंकि उनकी आंखें इतनी छोटी होती हैं कि उन्हें कुछ खास दिखाई ही नहीं देता. लेकिन नदी में बने कई बांधों और बराजों के कारण इन डॉल्फिन का जीवन संकट में पड़ गया है. आज इनकी संख्या लगातार घट रही है. कुछ लोग हैं जो पीढ़ियों से इन्हें बचाने में लगे हैं.
जीवन के दूसरे कई पहलुओं की ही तरह इंसान का जानवरों से युद्ध के मैदान में भी गहरा रिश्ता रहा है. कभी संदेश भेजने में तो कभी बम गिराने में, जानवरों ने इंसान के इशारे पर युद्धों में भी अहम भूमिका निभाई है.
दूसरे विश्व युद्ध में 6 जून 1944 को कबूतर गठबंधन सेना की नॉर्मैंडी में लैंडिंग की अच्छी खबर लाए. सेना में चमगादड़, मधुमक्खी, चिड़िया या डॉल्फिन बहुत सारे जानवरों का सेना में इस्तेमाल किया जाता रहा है. देखें तस्वीरें...
समंदर पर दुनिया का सबसे लंबा समुद्री पुल चीन ने बना कर चालू कर दिया है. यह पुल कई मामलों में नजीर है हालांकि बेहद खर्चीले इस पुल से हांगकांग, मकाउ और कुछ दूसरे इलाकों के लोग खुश नहीं हैं.
धरती पर दो सबसे बुद्धिमान प्रजाति हैं- इंसान और डॉल्फिन. दोनों में परस्पर उत्सुकता देखी जाती है. कई लोग मानते हैं कि दोनों में दोस्ती हो सकती. क्या वाकई ऐसा है?
इंसान ही नहीं बल्कि प्रकृति में मौजूद हर चीज विज्ञान और तकनीक का सहारा लेती है, जैसे कि डॉल्फिन साउंड नेविगेशन का इस्तेमाल करती हैं. इसी तकनीक का इस्तेमाल रडार में किया जाने लगा. अब वैज्ञानिक लकड़ी कुरेदने वाले कीटों से सीख लेकर सर्जिकल कैंच बनाने में लगे हैं.
डॉल्फिन जितने प्यारे दिखते हैं, उतने ही समझदार भी होते हैं. इनकी एक प्रजाति है पिंक रिवर डॉल्फिन. मीठे पानी में मिलने वाले ये डॉल्फिन सबसे बड़े आकार के होते हैं. इनका वजन 180 किलो तक हो सकता है और इनका दिमाग इंसानों की तुलना में चालीस फीसदी ज्यादा चलता है. अमेजन में मिलने वाले इन प्यारे डॉल्फिन के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है.
मछुआरों के जाल में ऐसे समुद्री जीव भी फंस जाते हैं जिन्हें पकड़ने का इरादा नहीं होता है. अब दुर्लभ डॉल्फिन को बचाने के हाईटेक उपाय किए जा रहे हैं.
सारेवो बंदरगाह पर मछुआरों को लगता है कि काले सागर में ढेर सारी डॉल्फिंस हैं. गलत जानकारी और अवैध तरीकों से मछली पकड़े जाने की सजा बुल्गारिया और रोमानिया के तटीय इलाके की डॉल्फिंस भुगत रही हैं.
आमतौर पर समुद्र का तल अपने जीव जंतुओं को प्रचुर आहार देता है. लेकिन फिलीपींस के एक संरक्षित समुद्री क्षेत्र में भी जीवों पर खतरा मंडरा रहा है.
चमगादड़ अंधेरे में भी अपना शिकार खोज लेते हैं. असल में चमगादड़ सोनार साउंड पैदा करते हैं, जो आस पास की चीज़ों से टकरा कर उनके पास लौटती है और वो समझ जाते हैं कि शिकार कहां है. यही हुनर डॉलफिन के पास भी होता है. कितना अच्छा हो अगर इंसान लोग भी इस तरकीब का फायदा उठा सकें.
भारत और बांग्लादेश के बीच बसा दुनिया का सबसे बड़ा डेल्टा सुंदरबन इस वक्त भारी मुश्किल का सामना कर रहा है. संरक्षित सुंदरबन में तेल टैंकर जहाज डूबने से तेल फैल गया है. सुंदरबन कई दुर्लभ जन्तुओं का बसेरा है.
पानी में रहने वाले सबसे खूबसूरत जीवों में डॉल्फिन को गिना जा सकता है. डॉल्फिन का लंबा चोंचनुमा मुंह उसे और खूबसूरत बनाता है. वैसे यह गजब का समझदार जानवर भी है.
फ्लाइबोर्डिंग एक अनोखा खेल है जिसमें फ्लाइबोर्ड की मदद से पानी आपको हवा में उठा देता है. यह बिल्कुल रॉकेट इंजन की तरह है. धार कम करने पर आप डॉल्फिन जैसा गोता लगा सकते हैं.