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भारत में खुले में शौच की समस्या पूरी तरह नहीं सुलझी है. गरीब इलाकों में सार्वजनिक शौचालयों की कम संख्या और साफ-सफाई में कमी भी इसकी एक वजह है, खासतौर पर शहरी इलाकों में. एक कंपनी झुग्गियों में स्मार्ट टॉयलेट बनाकर इस समस्या से निपटने की कोशिश कर रही है. इनके खास फीचर्स सफाई और रखरखाव को आसान बनाते हैं.
मोबाइल को लेकर अमेरिका में किए गए सर्वे से पता चला है कि लोग किस तरह किसी भी पल मोबाइल से दूर नहीं होना चाहते हैं. वे सेक्स के तुरंत बाद भी मोबाइल चेक करते हैं.
इंडियन सीट या इंग्लिश सीट, टॉयलेट सीट में फर्क तो आपने देखे होंगे. चलिए आपको ऐसे टॉयलेट दिखाते हैं, जो हैरान कर देंगे.
पानी के लिए हमारी जरूरत बढ़ती ही जा रही है. और आगे भी ये घटने नहीं वाली है. पानी को साफ कर के दोबारा इस्तेमाल करने से ये मांग पूरी की जा सकती है. लेकिन इसमें कई तकनीकी चुनौतियां हैं.
कोला जैसे कोल्ड ड्रिंक को सेहत के लिए हानिकारक बताया जाता है. स्वास्थ्य के लिहाज से ये कोल्ड ड्रिंक भले ही अच्छे ना हों, लेकिन रोजमर्रा की जिंदगी में ये कई जगह काम आ सकते हैं.
बैंकॉक हो या दिल्ली आज के ये आधुनिक शहर ऐसी कई सुविधाएं देते हैं जिन्हें अब हम मुफ्त का माल समझ कर भाव नहीं देते अब ये चाहे टॉयलेट हों, स्ट्रीट लाइट या फिर अच्छे स्कूल और अब तो वाईफाई की सुविधा भी. गांवों में यह सब नहीं होता और भारत की बहुत बड़ी आबादी आज भी गांवों में ही रहती है. राजस्थान का एक गांव खुद को आज के हिसाब से ढाल रहा है.
कोरोना वायरस ने 2020 में हमें हसने के लिए कुछ खास नहीं दिया. फिर भी कुछ अनोखी खबरों और घटनाओं ने जरूर सुर्खियां बटोरीं. भारत में गोबर के चिप से लेकर जापान में पारदर्शी टॉयलेट तक, एक नजर साल की सबसे हास्यास्पद खबरों पर.
टोक्यो में ऐसे पब्लिक टॉयलेट लगाए गए हैं जिनकी दीवारें कांच से बनी हैं यानी बाहर से अंदर सब आर पार दिखता है. लेकिन फिर भी लोगों की प्राइवेसी में सेंध नहीं लगता.
दुनिया में 35 करोड़ लड़कियों और महिलाओं के पास टॉयलेट की सुविधा नहीं है. भारत इस सूची में सबसे आगे है. कई बार महिलाएं दिन भर पानी नहीं पीतीं या फिर खाना कम खाती हैं ताकि उन्हें टॉयलेट ना जाना पड़े.
वियतनाम के हनोई में खुला है दुनिया का सबसे पहला स्व-घोषित 'गोल्ड-प्लेटेड' होटल. 20 करोड़ डॉलर की लागत से बने इस होटल में गलियारों और कमरों से लेकर छुरी-कांटों और टॉयलेट सीट तक हर चीज पर सोने की परत चढ़ाई गई है.
क्या आपको याद है कि पूरे दिन में आपने किस किस चीज को हाथ लगाया? चलिए एक बार कॉपी पेंसिल ले कर बैठिए और लिस्ट बनाइए. और फिर सोचिए कि सबसे ज्यादा कीटाणु आपको कहां से मिले.
ऐसी आम सी चीजें जो आप रोज इस्तेमाल करते हैं और जानते भी नहीं हैं कि किसने बनाईं, कैसे बनाईं. कम से कम उनका नाम तो जान लीजिए, जिन्होंने आपकी जिंदगी बदल दी.
बाथरूम में इस्तेमाल होने वाली हर चीज को आप फ्लश नहीं कर सकते. ये पाइप में जा कर फंस जाती हैं और ड्रेनेक्स जैसे रसायनों का भी इन पर कोई असर नहीं होता. जानिए किन किन चीजों को फ्लश नहीं करना चाहिए.
क्या आप रसोई के साथ टॉयलेट शेयर करने के बारे में सोच सकते हैं. शायद नहीं. लेकिन हांगकांग में आज यह नजारा हकीकत बन चुका है. जगह की कमी ने लोगों की जिंदगी दूभर कर दी है.
सरकार की तमाम योजनाओं के बावजूद अब भी देश की बड़ी आबादी खुले में शौच जाती हैं. लेकिन गंदगी से छुटकारा पाने के लिए लोग भी सामने आ रहे हैं. ऐसी ही एक महिला हैं कानपुर की कलावती. जो अब तक 2500 से अधिक टॉयलेट बनवा चुकी हैं.
आपने किंग, रॉयल किंग या किंग मेकर जैसे शब्द तो बहुत सुने होंगे. लेकिन क्या कभी किंग ऑफ कमोड सुना है. जी हां, टॉयलेट का राजा. अमेरिका के बार्ने स्मिथ खुद को यही कहते हैं. इतना ही नहीं उन्होंने कमोड का एक म्यूजियम भी बनाया है.
इंडोनेशिया के सेमरांग का यह कैफे दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है. इसे देखकर आपको हो सकता है अच्छा ना लगे लेकिन कैफे की एक मुहिम है.
टॉयलेट करने जाएं और टॉयलेट के अंदर छुपा अजगर जननांगों पर झपट जाए तो? थाइलैंड के एक शख्स के साथ ऐसा ही हुआ. अजगर ने उसका लिंग दबोच लिया.
दुनिया भर के देशों में कई ऐसे कानून हैं जिन्हें सुनकर आप हैरत में पड़ जाएंगे. एक नजर ऐसे ही उटपटांग कानूनों पर.
भारत की आधी से ज्यादा आबादी के पास मोबाइल फोन हैं, लेकिन एक तिहाई से भी कम लोग टॉयलेट का इस्तेमाल कर पाते हैं. 19 नवंबर को टॉयलेट दिवस के रूप में मनाने वाली दुनिया में एक अरब से भी ज्यादा लोगों का यही हाल है.