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भारत ने अपने 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर सैन्य शक्ति के साथ-साथ सांस्कृतिक झलक पेश की. महामारी के दौर में परेड को लेकर कई सख्त नियम बनाए गए थे. परेड में सेना की ताकत के साथ अलग-अलग राज्यों की झांकी देखने को मिली.
प्राचीन काल में दजला (टिगरिस) और फरात (यूफ्रेट्स) नदियों के बीच विकसित हुई मेसोपोटामिया की सभ्यता से जुड़ी कई चीजों के साथ हम आज भी जी रहे हैं. इन तस्वीरों के माध्यम से झांकिए उस प्राचीन सभ्यता में.
'नंगे भूखों का देश आसमान को छूने चला है' - भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम पर पश्चिम के कुछ देशों की ऐसी ही प्रतिक्रिया थी. लेकिन भारतीय वैज्ञानिकों की मेहनत ने ऐसे आलोचकों को बगलें झांकने पर मजबूर कर दिया.
वैज्ञानिकों ने एक खास तरह का स्कैनर बनाया है जो किसी पुरानी पेंटिंग में झांक कर उसके राज खोल सकता है. किसी बहुत पुरानी मूर्ति या ऐसी और किसी चीज को बिना छुए ही उसके बारे में बहुत कुछ जाना जा सकता है.
कोलोन का कार्निवाल राजनीतिक तंज के लिए विख्यात है. देखिए इस बार किन-किन मुद्दों पर आलोचना से भरी झांकियां बनाई गईं हैं.
गणतंत्र दिवस की पहली परेड 1950 में राजपथ पर नहीं हुई थी. एक नजर गणतंत्र दिवस से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातों पर.
दिमाग का लिंग क्या होता है? क्या अलग होती है मर्दों और औरतों के दिमाग की बनावट? या फिर सिर्फ ये काम अलग तरह से करता है. दिमाग के अंदर झांकेंगे साइंस के खास शो मंथन में इस शनिवार सुबह ग्यारह बजे, सिर्फ डीडी नेशनल पर.
रिसर्चर दुनिया भर में मिलने वाले लाखों करोड़ों जीवों के बारे में पता लगा चुके हैं. लेकिन नए जीवों की तलाश अब भी जारी है और आगे भी जारी रहेगी. 3डी स्कैन के जरिये इन जीवों के शरीर के अंदर कैसे झांका जा रहा है, इसे समझने के लिए ले चलते हैं आपको ग्रीस के एक छोटे से द्वीप क्रीट के पास.
क्या आंखों में झांक कर बीमारी का पता लगाया जा सकता है, देखिए मंथन में इस बार. शनिवार सुबह 11 बजे डीडी नेशनल पर.
जर्मनी में रोज मंडे को होने वाली कार्निवाल की परेड में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीति को भी निशाने पर लिया जाता है. यह साल भी कोलोन, माइंस और डुसेलडॉर्फ में निकली झांकियों में अपवाद नहीं रहा.
जर्मनी के वैज्ञानिकों ने अपराध करने वालों के दिमाग में झांकने का एक नया तरीका इजाद किया है. क्या इस तरीके से सही अपराधी तक पहुंचा जा सकता है?
मंथन में इस बार देखिये अपराधी तक पहुंचने के लिए संदिग्ध के दिमाग में झांकने का नया तरीका और गोल हुआ या नहीं... फुटबॉल फील्ड में मैग्नेटिक फील्ड करेगी तय लेकिन कैसे? शनिवार सुबह 11 बजे सिर्फ डीडी नेशनल पर.
जर्मन एयरोस्पेस एजेंसी डीएलआर ने कृत्रिम सूर्य बनाया है. इसकी मदद से वैज्ञानिक तापमान और विकिरण की अंजान दुनिया में झांकते हैं.
पश्चिम बंगाल दुर्गापूजा के त्योहार के रंगों में रंग गया है. इस बार झांकियों में कहीं नोटबंदी की थीम है तो कहीं अमेरिका और इंग्लैंड का नजारा. साथ ही आयोजन पर गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसटी) की मार भी नजर आ रही है.
इंसानों की ही तरह लंगूर भी सामाजिक पशु हैं. अफ्रीकी देश केन्या के एक जंगल में रिसर्चरों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम यह पता लगाने में जुटी है कि लंगूरों का सामाजिक जीवन कितना जटिल होता है.
पेंटिंग की तारीफ करना या पेंटर की जिंदगी में झांकना पहले संभ्रात तबके तक सीमित था. लेकिन डिजिटल युग ने इस परंपरा को तोड़ दिया. कलाकार भी अब प्रदर्शनियों तक सीमित नहीं रह गये हैं. इंटरनेट ने उन्हें दुनिया भर में आसानी से अपनी कला दिखाने का विकल्प दिया है. हॉलैंड के एक कलाकार की यूटयूब पर जारी हुई अनोखी टाइम-लैप्स फिल्म 'आई पेंट' को देखने वाले करोड़ों लोगों में शायद आप भी शामिल हों.
कार्निवाल मनाने वाले इलाकों में चार नहीं पांच मौसम माने जाते हैं. चार मौसम तो आम हैं लेकिन पांचवा होता है मौज मस्ती और मसखरों का मौसम. रोज मंडे को जर्मनी के कोलोन, डुसेलडॉर्फ और माइंस जैसे शहरों में झांकियां निकलती हैं.
राजधानी नई दिल्ली के भव्य राजपथ पर सैन्य शक्ति और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रदर्शन के साथ भारत ने 67वां गणतंत्र दिवस मनाया. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने झंडा फहरा कर समारोह की शुरुआत की.
जर्मनी में राइन नदी पर बसे कई शहरों में फरवरी में कार्निवाल की धूम रहती है. सबसे बड़ी परेड कोलोन में निकलती है, जहां करीब दस लाख लोग जमा होते हैं. राजनीतिक व्यंग्य इसकी खासियत है. इस बार की बेहतरीन झांकियों की तस्वीरें..
कई जर्मन शहरों में कार्निवल का आखिरी सोमवार यानी रोज मंडे जुलूस और संगीत के साथ मनाया जाता है. इस जुलूस में नेताओं की झांकियां बना कर उन पर व्यंग्य कसा जाता है.