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एप्पल ने 3 ट्रिलियन डॉलर की मार्केट वैल्यू का मुकाम हासिल कर लिया, इसी के साथ उसने दिग्गज कंपनियों को तो पछाड़ दिया साथ ही कई देशों की जीडीपी को भी पीछे छोड़ दिया है.
सिंगापुर पिछले दो साल से वैश्विक प्रतियोगितात्मकता रैंकिंग में अव्वल दर्जे पर था, लेकिन 2021 की सूची में वह नीचे खिसक गया है. जानिए कौन सा देश अब बन गया है सबको बराबर अवसर देने वाली अर्थव्यवस्था.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की इस खतरनाक लहर का मुकाबला करने के लिए कई शहरों में रात का कर्फ्यू लगा हुआ है. क्या रात का कर्फ्यू कोरोना को रोकने में प्रभावी है या इस से भी तालाबंदी की तरह आर्थिक नुकसान ज्यादा होता है?
अमेरिकी संस्था पिउ रिसर्च ने कोरोना वायरस महामारी के भारतीय परिवारों पर असर का आकलन किया है. पिउ की रिपोर्ट आंकड़ों के जरिए उस असर को दिखाने की कोशिश कर रही है जिसका अभी तक सिर्फ अंदेशा था.
भारत सरकार ने "रहने की आसानी सूचकांक" की ताजा रैंकिंग जारी की हैं. कुल 111 शहरों को कई मानकों पर परखा गया था, यह जानने के लिए कि कहां कितनी सुविधाएं हैं और जीवन का स्तर कहां कैसा है. जानिए किस पायदान पर है आपका शहर.
भारत और चीन की प्रतिद्वंद्विता अंतरराष्ट्रीय मंचों पर समय समय पर दिखती है. लेकिन दोनों विकासशील देशों में कई समानताएं हैं और वो संसाधनों से लेकर समस्याओं तक में हैं. आइए देखें भारत और चीन किन किन मामलों में एक जैसे हैं.
ब्रिटेन और अमेरिका के खास संबंध 20वीं शताब्दी के अहम गठजोड़ों में से एक रहे हैं. लेकिन ब्रेक्जिट और अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद दोनों देशों में कायम रिश्तों के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं.
दुनिया में सबसे तेजी से आर्थिक विकास करते देशों की लिस्ट देखकर आप चौंक जाएंगे. लिस्ट में भारत छठे नंबर पर है. और जिन देशों की कोई चर्चा ही नहीं होती वह बहुत तेजी से तरक्की कर रहे हैं.
धूम्रपान सेहत के लिए ही खतरनाक नहीं है, बल्कि अर्थव्यवस्था पर भी इसकी बड़ी मार पड़ रही है. WHO और अमेरिकन कैंसर सोसायटी का कहना है कि धूम्रपान की वजह से विश्व अर्थव्यवस्था को 2012 में 1.4 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ.
समाचार पत्र 'दि इकॉनोमिस्ट' ने 'क्रोनी कैपिटलिज्म' पर अपनी एक लिस्ट जारी की है. इसके मुताबिक रूस नंबर एक पर और भारत 9वें पायदान पर है. इस सूची में जर्मनी के पूंजीवाद को सबसे 'पाक-साफ' बताया गया है.
2025 तक दुनिया का आर्थिक नक्शा बदल जाएगा. चीन, जापान और भारत जैसी विशाल अर्थव्यवस्थाओं के चलते वह विकास की धुरी बन जाएगा. जानिए इस वक्त कौन सा देश कहां खड़ा है और बाद में कहां होगा.