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दुनिया में सोलर पैनलों का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. यह सस्ता है, सबसे क्लाइमेट-फ्रेंडली ऊर्जा स्रोतों में गिना जाता है. लेकिन इतने फायदों के बावजूद सोलर एनर्जी पूरी तरह से इको-फ्रेंडली नहीं है.
जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग पूरी धरती का संकट है. लेकिन कुछ देश हैं जो इस संकट से लड़ने में बाकियों से बहुत आगे हैं. ताजा क्लाइमेट चेंज परफॉर्मेंस इंडेक्स के मुताबिक सबसे अच्छा प्रदर्शन किसने किया, जानिए...
शोधकर्ताओं का कहना है कि एक तिहाई से अधिक गर्मी से संबंधित मौतें जलवायु परिवर्तन के कारण होती हैं. उन्होंने बढ़ते वैश्विक तापमान के कारण और अधिक मौतों की चेतावनी दी है. ताजा शोध नेचर क्लाइमेट चेंज में छपा है.
जब धरती का तापमान जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ता है तो ना केवल समुद्रों का जलस्तर ऊपर उठता है बल्कि उसमें रहने वाले जीवों के जीवन में भी उथल पुथल मचती है. आखिर कैसा दिखता है जीव-जन्तुओं में क्लाइमेट चेंज का असर, आइए जानते हैं.
दुनिया का कोई भी देश अभी तक पेरिस समझौते के लक्ष्य हासिल नहीं कर सका है. यह कहना है जर्मनवॉच और न्यूक्लाइमेट इंस्टीट्यूट संगठनों का जो सभी देशों का क्लाइमेट चेंज परफॉरमेंस इंडेक्स पर आकलन करते हैं.
शाबा और जैमी पक्की सहेलियां थीं. एक दिन जैमी ने सेक्स चेंज कराकर लड़का बनने का फैसला किया. इसके बाद जैमी और शाबा की जिंदगी में कई तूफान आए.
आप सोफे पर बैठे कर टीवी देख रहे हैं. चैनल चेंज करना है लेकिन रिमोट थोड़ा दूर रखा है. अब कौन वहां तक उठ कर जाए. कितना अच्छा होता अगर बस मन में सोचते और चैनल बदल जाता. आज तो ऐसा नहीं कर सकते लेकिन कुछ सालों में शायद कर पाएंगे, आइए जानें कैसे..
बॉन में चल रहे जलवायु सम्मेलन के दौरान जर्मनी की गैरलाभकारी संस्था जर्मनवॉच ने ग्लोबल क्लाइमेट इंडेक्स, 2018 जारी किया. यह ऐसे देशों की सूची है जहां जलवायु परिवर्तन का असर सबसे अधिक रहा.
ग्रीनलैंड के एक बियाबान द्वीप पर जर्मन और फ्रेंच वैज्ञानिक ध्रुवीय जीवों पर क्लाइमेट चेंज के असर को समझने पहुंचे हैं. लेकिन इस इलाके में रिचर्स करना इतना आसान नहीं.
पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक प्राकृतिक आपदाओं को टालने के लिए हमें ग्लोबल वॉर्मिंग के स्तर को ज्यादा से ज्यादा 2 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना होगा. नुकसान किस हद तक हो चुका है, ये तस्वीरें साफ कहती हैं...