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तुर्की और सीरिया की सीमा पर बीते साल तुर्की की सेना के अभियान ने हजारों कुर्दों को बेघर कर दिया. इस्लामिक स्टेट से जंग में दुनिया को जीत उनकी वजह से मिली लेकिन जंग खत्म होने के बाद उनके हिस्से में तकलीफ और आंसुओं के सिवा कुछ नहीं आया.
इराक में आजादी के हक में कुर्द लोगों के जनमत संग्रह ने सबका ध्यान खींचा था. चलिए जानते हैं कौन कुर्द लोग.
इस्लामिक स्टेट ने यह बिल्कुल भी नहीं सोचा था कि कुर्द लड़ाके उसकी नाक में दम कर देंगे. कुर्द लड़कियों ने इस लड़ाई में चरमपंथियों के दांत खट्टे कर दिए. एक झलक लड़ने वाली कुर्द लड़कियों की जिंदगी की.
बिस्तर के बगल में या कालीन से नीचे जहरीला सांप हो तो भला किसे नींद आएगी. ईरान में भूंकप के चलते बेघर हो चुके लोग हर पल ऐसे ही खतरे के साथ जीते हैं.
मानवता के खिलाफ संगीन अपराधों के लिए जिम्मेदार इस्लामिक स्टेट की कथित खिलाफत ढह गयी है. कई मोर्चों पर लगातार मिली शिकस्त के रक्का से भी उसके लड़ाकों के पांव उखड़ गये हैं. इस्लामिक स्टेट पर चारों तरफ से मार पड़ी है.
सीरिया का रक्का शहर आतंकवादी गुट इस्लामिक स्टेट की अघोषित राजधानी है. अब अमेरिका के समर्थन से कुर्द अरब सीरिया डेमोक्रेटिक फोर्स ने इस शहर को फिर से हासिल करने के लिए अभियान का एलान किया है.
ईरान की लगभग दो सौ कुर्द महिलाएं उत्तरी इराक में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ रही हैं. ये महिला फाइटर कुर्दों की फोर्स पेशमर्गा में शामिल हैं और इन्हें अमेरिकी सेना का समर्थन हासिल है.
सीरियाई शहर मनबिज के लोग दो साल से इस्लामिक स्टेट के चंगुल में रहने के बाद आजाद हुए हैं. इन तस्वीरों में देखिए कैसे मनाया उन्होंने अपनी आजादी का जश्न.
अक्सर विवादों में रहने वाली फ्रांस की पत्रिका शार्ली एब्दो ने आयलान कुर्दी का एक ऐसा कार्टून छापा है जिसकी कड़ी आलोचना हो रही है. इस मौके पर एक बार फिर आयलान की याद ताजा हो गयी है.
इराक इस्लामिक स्टेट के कट्टरपंथियों पर काबू पाने की कोशिश कर रहा हैं. अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देश हवाई हमलों में मदद कर रहे हैं. इतना ही नहीं कुर्दों के लिए अमेरिका विमानों से हथियार डाल रहा है.
इस्लामिक स्टेट से लड़ने में अब अमेरिका ने कुर्दों के लिए हथियार देने शुरू किए हैं. लेकिन कोबानी में आईएस से लड़ाई खत्म होती नजर नहीं आ रही. हजारों लाखों लोग बेघर भटक रहे हैं.
इस बीच तुर्की सहित जर्मनी में भी कुर्द मूल के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय समर्थन मांग रहे हैं. जर्मन शहर हैम्बर्ग में कुर्द और यजीदी प्रदर्शनकारियों और आईएस के समर्थकों के बीच भारी झड़प हुई.
तुर्की और सीरिया की सीमा पर स्थित कोबानी शहर में कुर्दों और इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों के बीच भीषण लड़ाई जारी है. शहर पर दो तरफ से हमला करने की रणनीति के तहत आतंकवादियों ने कई इमारतों पर कब्जा कर लिया है.
जर्मन सरकार ने फैसला किया है कि वह उत्तरी इराक में कुर्द लड़ाकों को कुल सात करोड़ यूरो के हथियार भेजेगी. लंबे समय तक यह बहस चल रही थी कि लड़ाकों को हथियार भेजे जाने चाहिए या नहीं.
कई धर्मों के मिले जुले रिवाज वाला धर्म यजीदी है. इसमें इस्लाम, ईसाइयत और कुछ दूसरे धर्मों के मिले जुले पुट हैं. इराक में रहने वाले इन लोगों पर आइसिस ने हमला बोला है. हालांकि उन्हें कुर्दों का समर्थन है.
सीरिया से लाखों कुर्दी लोग अपने देश की सरहद पार कर तुर्की में शरण ले चुके हैं. इस्लामिक स्टेट के समर्थकों की ज्यादतियों से बचने के लिए अपना घर बार छोड़ने को मजबूर हुए इन लोगों ने यहां बसा ली है अपनी एक छोटी सी दुनिया..