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कई लोग लकड़बग्घों से नफरत करते हैं और उन्हें बेदर्दी से मारा दिया जाता है, जबकि वे बहुत जरूरी हैं. वे बीमारियां फैलने से बचाते हैं. मवेशी पालन में भी उनकी बड़ी भूमिका है.
धरती से तमाम बहुमूल्य धातुएं निकालने के बाद अब इनका इस्तेमाल करनेवालों की निगाहें समुद्र से धातुएं निकालने पर है. पर क्या यह समुद्री ईकोसिस्टम की कीमत पर किया जाएगा?
आधुनिक मानव जमीन के इस्तेमाल के तरीके बदलते जा रहे हैं. फिर चाहे जंगल जलाकर खेती लायक जमीन तैयार करनी हो या घास के मैदानों में सेंध लगाकर शहरों का विस्तार करना. धरती पर मौजूद हर तरह की जमीन की अपनी भूमिका है. जंगल, रेगिस्तान, वेटलेंड ये सभी ईकोसिस्टम में संतुलन बनाते हैं.
संयुक्त राष्ट्र ने इस दशक को यानि साल दो हजार तीस तक के समय को "पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के दशक" का दर्जा दिया है, जिसके तहत ईकोसिस्टम्स को बचाने पर गौर किया जाएगा. पेड़ और जंगली जीवन को दोबारा फलने- फूलने का मौका देने का सबसे तेज तरीका है, उसे इंसानी गतिविधियों से दूर रखा जाए. जर्मनी में शीत-युद्ध के दौर का एक रिजर्व इस बात की एक मिसाल है.
जमीन को इस्तेमाल करने का तरीका बदलने से ईकोसिस्टम पर काफी दबाव पड़ता है. बढ़ती आबादी को रहने और खेती के लिए ज्यादा जगह चाहिए. पश्चिमी भारत के आईटी-हब पुणे के पास बस्ती के फैलाव से एक ऐसा समुदाय खतरे में है जिसके जीने के पारंपरिक तरीकों ने सदियों से घास के मैदानों की रक्षा की है.
इंसानों की शुरुआती पीढ़ियां कुदरत के साथ मिल कर रहती थीं. वो जिस ईकोसिस्टम से अपना वजूद पाते, उसे सहजते थे. पर्यावरण की हिफ़ाज़त के लिए हमारे पास मौजूद कुछ सबसे कारगर तरीके सदियों पुराने उसी प्राचीन ज्ञान का हिस्सा हैं. मगर जलवायु परिवर्तन के इस दौर में चरम मौसमी घटनाओं से निपटने में विज्ञान की भी बड़ी भूमिका है. आज ईको इंडिया में हम जानेंगे पारंपरिक और आधुनिक तरीकों के फायदे.
घास के मैदान, जंगल और मैंग्रोव जैसे ईकोसिस्टम्स की धरती को बचाने में अहम भूमिका है क्योंकि वे बड़ी मात्रा में कार्बन को सोखकर जमा कर सकते हैं. लेकिन वैज्ञानिक कहते हैं कि ये तरीके काफी नहीं है. खेती करने के बेहतर तरीके इसमें कहीं बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.
हमारे जीने के लिए जरूरी भोजन, पानी, साफ जलवायु और प्राकृतिक आपदाओं से बचने के अनमोल खजाने धरती के ईकोसिस्टम हमें तोहफे में देते हैं. लेकिन इंसानी गतिविधियां इकोसिस्टम की इस काबिलियत को नष्ट कर रही हैं. देखिए कैसे हम अपनी जमीन को बचा कर जलवायु परिवर्तन के असर को कम कर सकते हैं.
सुंदरबन के जंगल रॉयल बंगाल टाइगर का घर हैं. इसी इलाके में बहुत सी ऐसी महिलाएं हैं जिनके पति बाघों के हमले में मारे गए. इन महिलाओं ने एक एक समूह बनाया है जो मुश्किल समय में एक दूसरे की मदद करते हुए सुंदरबन के अनोखे ईकोसिस्टम को बचाने की कोशिश कर रहा है.
जलवायु न्याय की राह में सबसे बड़ा संकट यह है कि ईकोसिस्टम को बचाने की तुलना में उसे नुकसान पहुंचाने से बेहतर मुनाफा मिलता है. मिसाल के तौर पर कोलकाता को देखिए. यहां एक ऐसा इलाका है जहां मछुआरे और किसान मिल जुल कर काम करते हैं. लेकिन निर्माण कंपनियों की इस जगह पर नजर है. वे यहां आलीशान रिहायशी और कमर्शियल सेंटर खड़े करना चाहते हैं.
बड़ी बड़ी आंखों वाले स्लेंडर लॉरिस के बारे में 18वीं सदी में सबसे पहले पता चला. तमिलनाडु में तो इन्हें जादुई माना जाता है, और इसी वजह से इनकी जान पर बन आई है. अगर ये लुप्त हो जाते हैं तो ईकोसिस्टम को भी भारी नुकसान होगा.
अफ्रीकी गिद्धों की 11 में से सात प्रजातियां लुप्त होने के कगार पर हैं. अफ्रीका में गिद्धों की आबादी 90 फीसदी तक घट गई है और उनके अब पूरी तरह खत्म हो जाने का खतरा मंडरा रहा है. अफ्रीका में पर्यावरण का ख्याल रखने वाला सबसे पुराना संगठन लोगों को इकोसिस्टम में गिद्ध का महत्व समझा रहा है.
समुद्री ऊदबिलाऊ का इकोसिस्टम को संतुलित बनाए रखने में बहुत बड़ा योगदान है. भारत के गोवा में कुछ टापू इस जीव का बसेरा है. लेकिन उनके लिए हालात बहुत अच्छे नहीं हैं.
साइंस के खास शो मंथन में इस बार देखिए कि क्यों होती है मोबाइल या टैबलेट की नीली रोशनी से सोने में दिक्कत? साथ ही जानिए उपवास के फायदे और इकोसिस्टम में अहम भेड़ों के चारागाह का पता बताता जीपीएस.
अपने चहेते फिल्म सितारों को मछलियों के साथ नंगा देखना किसे नहीं पसंद होगा? फिशलव अभियान ने फिल्मी दुनिया के कुछ नामी सितारों को यह संदेश देने के लिए इकट्ठा किया कि ज्यादा मछली पकड़ने से समुद्री इकोसिस्टम खतरे में है.
हैम्बर्ग से ही आने वाली डिजायनर यूलिया स्टोएस की दुनिया कीड़ों से भरी है. जी हां, बचपन से ही कीड़ों के लिए खास लगाव रखने वाली यूलिया बड़े होकर कीड़ों के मॉडल बनाने लगीं. अपने हाथों से छोटे छोटे कीड़ों के सौ गुने से भी बड़े मॉडल बनाने वाली यूलिया चाहती हैं कि दुनिया इकोसिस्टम में कीड़ों की अहम भूमिका को जाने और सराहे.
म्यांमार ही नहीं विश्व के कई देशों में मछली पकड़ने के लिए डायनामाइट का अंधाधुंध इस्तेमाल होता आ रहा है. अब अपने तरह की पहली ग्लोबल स्टडी से समुद्री इकोसिस्टम को पहुंच रहे नुकसान की सही तस्वीर सामने आएगी.
कीरिंडी फॉरेस्ट मेडागास्कर के सबसे अधिक खतरे वाले इकोसिस्टम के बीच स्थित है. यह इलाका अपने बड़े चूहों और खूबसूरत पेड़ पौधों के लिए मशहूर है.
द्वीप और उसके आसपास के समुद्री इलाके जैव विविधता बचाने के हिसाब से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. द्वीपों का इकोसिस्टम बिलकुल अलग होता है और अक्सर वहां खास पेड़ पौधे और जानवर पाए जाते हैं.