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यूक्रेन में युद्ध की कीमत रूस को आर्थिक मोर्चे पर चुकानी पड़ रही है. बड़ी-बड़ी कंपनियां रूस छोड़ रही हैं. इससे वहां होने वाला अरबों डॉलर का निवेश खतरे में पड़ रहा है. एक नजर ऐसी ही कंपनियों पर.
रूस की आक्रामकता पर लगाम लगाने के लिए यूरोपीय देशों और अमेरिका ने कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं. इसका असर रूस में दिखने लगा है. लोगों की जीवनभर की कमाई दांव पर है और एटीएम के बाहर लंबी कतारें लगी हुई हैं लेकिन ऐसी हालत में चीन रूस की कितनी मदद कर सकता है.
24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से उस पर आर्थिक पाबंदियों की झड़ी सी लग गई है. अमेरिका और यूरोपीय देश रूस पर आर्थिक दबाव हर दिन बढ़ा रहे हैं.
महामारी के आर्थिक असर पर किए गए एक सर्वे ने पाया है कि 2021 में करीब 80 प्रतिशत परिवार "खाद्य असुरक्षा" से जूझ रहे थे. सर्वे से संकेत मिल रहे हैं कि महामारी के आर्थिक असर दीर्घकालिक हो सकते हैं.
अफगानिस्तान सूखा, भुखमरी और आर्थिक संकट से घिरा हुआ है. देश में अनिश्चितता के माहौल के बीच अफगान पुरुष कुछ पल दंगल के लिए निकाल रहे हैं.
जो बच्चे स्कूल नहीं जा सकते, उन तक स्कूल को लेकर जाना. दिल्ली में कुछ लोग यही कर रहे हैं. उन्होंने एक बस को स्कूल में तब्दील किया है और आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर लोगों की बस्तियों में जाकर लोगों को पढ़ा रहे हैं.
काल्पनिक दुनिया के खलनायकों को नेस्तनाबूद करने वाले जेम्स बांड के पास इस बार असल दुनिया के फिल्म उद्योग को उबारने की चुनौती है. डेढ़ साल से बंदी और मंदी देख रहा फिल्म उद्योग जेम्स बांड के दम पर वापसी करेगा?
पानी की कमी अर्थिक विकास में बड़ा रोड़ा है. खासकर खाद्य उत्पादन में, जिसमें धरती पर मौजूद मीठे पानी का सत्तर फीसदी हिसा इस्तेमाल होता है. स्पेन में खेती-बाड़ी बार बार पड़ रहे सूखे की मार झेल रही है. अब यहां के अवोकाडो किसान अपनी फसल की सिंचाई के लिए दूसरे विकल्प तलाश रहे हैं.
पायलट बनना बहुत से लोगों का सपना होता है लेकिन यूरोप में कोरोना महामारी से एयरलाइंस सेक्टर में मंदी है. एयरलाइंसों की आर्थिक हालत खराब है और पायलटों की नौकरी खतरे में है. बहुत से पायलट नई नौकरियों की तलाश में हैं.
चीन में कामकाजी लोगों की संख्या घट रही है और आबादी में बूढ़े लोगों की तादाद बढ़ती जा रही है. चीन आज आर्थिक और राजनीतिक तौर पर महाशक्ति बनने को बेताब है. लेकिन क्या उसका भार एक बूढ़े देश के कंधे संभाल पाएंगे.
कराची पाकिस्तान का सबसे बड़ा शहर है और उसे देश की आर्थिक राजधानी कहा जाता है. लेकिन इस चकाचौंध के पीछे पानी को तरसते एक विशाल महानगर का कड़वा सच भी है.
गैलप सर्वे के मुताबिक दुनियाभर में कोरोना वायरस महामारी के कारण दो में से एक व्यक्ति की आय में गिरावट दर्ज की गई. खासकर कम आय वाले देशों में लोगों पर सबसे अधिक आर्थिक मार पड़ी है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की इस खतरनाक लहर का मुकाबला करने के लिए कई शहरों में रात का कर्फ्यू लगा हुआ है. क्या रात का कर्फ्यू कोरोना को रोकने में प्रभावी है या इस से भी तालाबंदी की तरह आर्थिक नुकसान ज्यादा होता है?
अमेरिकी संस्था पिउ रिसर्च ने कोरोना वायरस महामारी के भारतीय परिवारों पर असर का आकलन किया है. पिउ की रिपोर्ट आंकड़ों के जरिए उस असर को दिखाने की कोशिश कर रही है जिसका अभी तक सिर्फ अंदेशा था.
विश्व आर्थिक फोरम के अनुसार दुनिया में दस में से नौ लोग बुरी हवा में सांस लेने पर मजबूर हैं. सरकारें कुछ करेंगी, इस इंतजार में ना रहें. खुद अपने जीवन में ये छोटे छोटे बदलाव लाइए और अपनी हवा में बदलाव देखिए.
ऑक्सफैम की 2021 की रिपोर्ट कहती है कि लॉकडाउन के दौरान भारत में अरबपति 35 फीसदी और अधिक अमीर हुए. इसके विपरीत लाखों नौकरियां भी गईं. रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे लोग बेरोजगार हुए और उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हुई.
एक ऐसा देश जहां सिर्फ ब्रेड खरीदने के लिए चाहिए लाखों रुपये. वेनेजुएला ऐसे आर्थिक संकट से गुजर रहा है जैसा उसने दशकों में नहीं देखा. हर तरफ भूख और गरीबी के बीच देश में संसदीय चुनाव हुए. देखिए किस हाल में हैं वेनेजुएला.
कोरोना महामारी के कारण बंद आर्थिक गतिविधियां तो शुरू हो गईं हैं, लेकिन जो लोग रोज कमाते और खाते हैं उनकी आर्थिक स्थिति पहले जैसी नहीं हो पाई है. उन्हें दो वक्त की रोटी के लिए काफी मेहनत करनी पड़ रही है.
चीन के सरकारी अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' के सर्वे से पता चला है कि चीनी लोगों को भारत की सैन्य या आर्थिक कार्रवाई से कितना डर लगता है. देखिए चीन के दस बड़े शहरों के लगभग 2,000 लोगों की सोच के आधार पर क्या सामने आया.
कोरोना महामारी के कारण दुनिया भर की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है. मदद के लिए सरकारों ने कई बड़े कदम उठाए- आर्थिक पैकेज मुहैया कराए. लेकिन क्या ये कदम टिकाऊ विकास के मसकद को पूरा कर पाएंगे? ये पता लगाने के लिए हमने एक फैक्ट चेक किया.