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ओईसीडी समूह की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत से उसके सदस्य देशों में जाने लोगों की संख्या बढ़ रही है. जानिए कितने भारतीय अपने देश को छोड़कर अमीर देशों की तरफ पलायन कर रहे हैं.
दुनिया में ऐसे लोगों की तादाद लगातार बढ़ रही है जो अपने जन्म के देश में नहीं रहते. कई देशों में तो स्थानीय लोगों की तुलना में विदेशियों की आबादी तीन गुना ज्यादा है.
दुनिया चाहे आप्रवासन के मुद्दे पर कितनी भी बहस करे, लेकिन इनसाइडस्पोर्ट्स.कॉम वेबसाइट कहती हैं कि फुटबॉल टीमों को इनका खूब लाभ मिल रहा है. जानते हैं किस टीम में कितने खिलाड़ी आप्रवासी हैं
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की विवादित आप्रवासन नीति के चलते हजारों बच्चे अपने मां बाप से जुदा हुए. ऐसे ही एक मामले में कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद ग्वाटेमाला की मां अपने बच्चे से मिल पाई.
हंगरी के दक्षिणपंथी प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान यूरोपीय संघ में शरणार्थियों के खिलाफ प्रमुख आवाजों में शामिल हैं. विवादों से डरे बिना उन्होंने आप्रवासन को हमला और आप्रवासियों को जहर बताया है.
जर्मन आप्रवासन दफ्तर ने 2015 में तीन लाख शरणार्थियों के आने की उम्मीद की थी. लेकिन लोगों का भागना जारी है और इस बीच 4,50,000 शरणार्थियों के जर्मनी आने की संभावना है. पूरे जर्मनी में उनके रहने का इंतजाम किया जा रहा है
सहनशीलता और विविधता जर्मन समाज के अभिन्न मूल्य हैं. डॉयचे वेले के "हम हैं जर्मनी" अभियान का मकसद इन्हीं मूल्यों की रक्षा और समाजिक पक्षपातों के खिलाफ आवाज उठाना है. जर्मनी की कई मशहूर हस्तियां इसमें डीडब्ल्यू के साथ हैं.