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अफगानिस्तान में आए भूकंप ने करीब 1,000 लोगों की जान ले ली. अमेरिका के नेशनल सेंटर्स फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन के मुताबिक ये हैं पिछले तीन दशकों में अफगानिस्तान में आए वो भूकंप जिन्होंने 100 से ज्यादा की जान ले ली.
अफगानिस्तान की सत्ता संभालते हुए तालिबान ने कई उजले-उजले वादे किए थे, लेकिन अब उसकी कथनी और करनी में कोई मेल नहीं दिख रहा है.
तालिबान के सत्ता हथियाने के बाद से अफगानिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अलग थलग हो गया है और हालत और खराब होते जा रहे हैं. देश की लगभग आधी आबादी भूख से तड़प रही है और तालिबान महिलाओं के अधिकारों को और सीमित करता जा रहा है.
अफगानिस्तान में अब ऐसे लोगों की संख्या दुनिया में सबसे अधिक है जो खाद्य असुरक्षा की स्थिति में रहने को मजबूर हैं. दो करोड़ 30 लाख से ज्यादा लोगों को तत्काल मदद की जरूरत है. देश की हालत हर रोज खराब हो रही है.
अफगानिस्तान में सत्ता संभालने वाले तालिबान ने अफीम की खेती पर प्रतिबंध लगा दिया है. पर क्या है इसकी वजह और अफगानिस्तान में अफीम की खेती करनेवालों पर इसका क्या असर पड़ेगा? आइए, जानते हैं.
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद दुनिया भर में ऐसा लग रहा है कि राजनीतिक उथल-पुथल का सिलसिला शुरू हो गया है. कई देशों में अस्थिरता का माहौल बन गया है.
बीते कुछ दिनों में तालिबान ने अफगानिस्तान में ऐसे आदेश जारी किए हैं जिनसे देश 30 साल पीछे की तरफ लौटने लगा है. तालिबान सत्ता हासिल करते समय किए गए अपने वादों से मुकर रहा है.
अफगानिस्तान में ड्रग्स के आदी लोगों की लत छुड़ाने और उन्केहें वापस जीवन की पटरी पर लाने के लिए लैला हैदरी बीते 12 सालों से एक कैंप चला रही हैं. काबुल में अपना रेस्तरां खोलने वाली इस पहली महिला की जुबानी सुनिए उसकी कहानी.
अफगानिस्तान में रहने वाले सिख हमेशा से अपने साथ धार्मिक आधार पर भेदभाव होने की शिकायत करते आए हैं. लेकिन तालिबान के सत्ता में आने के बाद उनके सामने अपना वतन छोड़ने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है.
जब से तालिबान ने सत्ता संभाली है, अफगानिस्तान के लोग लंबे समय से सबसे भयानक अकालों में से एक का सामना कर रहे हैं. बामियान प्रांत के इन लोगों समेत कई लोगों के पास सबसे बुनियादी चीजों की कमी है.
हेनली इंडेक्स के मुताबिक जापान और सिंगापुर दुनिया के सबसे ताकतवर पासपोर्ट हैं. अफगानिस्तान का पासपोर्ट सबसे नीचे है. सूची में और कौन-कौन से देश टॉप में हैं, देखिए...
अगस्त में जब तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया और तमाम लोग देश छोड़कर भागना चाहते थे, तो एक भगदड़ मच गई थी. उस भगदड़ में दो महीने का सोहेल अपने परिवार से बिछड़ गया था. पांच महीने बाद सोहेल मिल गया है.
अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में कपड़ा और अन्य दुकानदारों को अपनी दुकान के महिला पुतलों का सिर काटने के लिए मजबूर किया जा रहा है. इस आदेश को लेकर स्थानीय दुकानदार गुस्से में हैं जबकि बाहर आदेश का मजाक उड़ाया जा रहा है.
तालिबान के चंगुल से खुद को बचाकर काबुल से भागा एक परिवार अमेरिका के केंटकी राज्य के एक छोटे से शहर में आ पहुंचा है. देखिए कैसे ये शरणार्थी और यह शहर एक दूसरे को समझने की कोशिश कर रहे हैं.
2021 काफी उथल-पुथल भरा रहा. दुनियाभर में लोगों ने तमाम मुश्किलों के साथ साल बिताया. कहीं कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरपाया तो कहीं विरोध प्रदर्शनों ने दुनिया का ध्यान आकर्षित किया. देखिए वे तस्वीरें जो सुर्खियां बन गईं.
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि दुनिया में जिन्हें मानवीय मदद की जरूरत है ऐसे लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. अनुमान है कि इस साल के मुकाबले अगले साल करीब चार करोड़ ज्यादा लोगों को मानवीय मदद की जरूरत होगी.
अफगानिस्तान सूखा, भुखमरी और आर्थिक संकट से घिरा हुआ है. देश में अनिश्चितता के माहौल के बीच अफगान पुरुष कुछ पल दंगल के लिए निकाल रहे हैं.
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार की स्थापना के बाद लोगों को कट्टरपंथी मिलिशिया के तहत जीवन में वापस लौटना पड़ा है. लोगों के लिए बहुत कुछ बदल गया है, खासकर महिलाओं के लिए.
काबुल की यह पुल ए चरखी जेल अब खाली बियाबान पड़ी है. कभी यहां हजारों तालिबान कैद थे, जिन्हें रिहा कर दिया गया है.
तालिबान के राज में कैसा है अफगानिस्तान, इसकी एक झलक इन चंद तस्वीरों में मिल सकती है. देखिए...