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वह दो दिन तक टूटी टांग के सहारे जंगल में घिसटता रहा

१८ सितम्बर २०१९

ऑस्ट्रेलिया के नील पार्कर एक झरने से नीचे गिर गए और उनकी टांग टूट गई. अपनी टूटी टांग के साथ ही वो दो दिन तक जंगल में घिसटते रहे और आखिरकार सुरक्षित ठिकाने तक पहुंचने में कामयाब हो गए.

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Der Bushwalker Neil Parker spricht mit den Medien
तस्वीर: Imago/A. Perez

54 साल के नील पार्कर ने बुधवार को बताया कि जंगली झाड़ियों के बीच से घिसटते हुए खुद को कैसे सुरक्षित रख पाए. नील पार्कर ने ब्रिसबेन के उत्तर पश्चिम में तीन घंटे की हाइकिंग (सैर) की योजना बनाई थी. रविवार को उनकी इस सैर ने उनका जीवन खतरे में डाल दिया जब वह 20 फीट ऊंचे झरने में फिसल कर गिर गए. इससे उनके पैर और कलाई की हड्डी टूट गई.

Der Bushwalker Neil Parker spricht mit den Medien
तस्वीर: Imago/A. Perez

अस्पताल के बिस्तर से उन्होंने रिपोर्टरों को बताया, "मैं हाथ पैरों से कलाबाजियां खाता चट्टान से टकराया और फिर नीचे खाड़ी में जा गिरा." इस अनुभवी हाइकर ने बताया कि उनके पैर का नीचे का पूरा हिस्सा झूल रहा था क्योंकि बिल्कुल बीच की हड्डी टूटी थी. नील ने कहा, "मैंने सीधे सोचा कि मुश्किल आ गई है क्योंकि कोई नहीं जानता कि मैं कहां हूं."

उन्होंने पहले फोन करने की कोशिश की लेकिन पानी में गिरने के बाद उनका फोन भी इस लायक नहीं बचा था. फिर उन्होंने रेंगना शुरु कर दिया और साफ रास्ते की तरफ बढ़ने लगे उन्हें लगा कि वहां बचने की उम्मीद ज्यादा है. उन्होंने पैर को पौधों की खपच्चियों से बांध कर किसी तरह उसे कुछ काम लायक बनाया और यह कोशिश सफल रही. हालांकि इस कोशिश में उन्हें इतना दर्द हुआ कि कुछ देर के लिए उनकी चेतना चली गई.

Der Bushwalker Neil Parker spricht mit den Medien
तस्वीर: Imago/A. Perez

"मुट्ठी भर मेवे, एक प्रोटीन बार और कुछ लॉलीपॉप" के सहारे वह जिंदा रहे और इंच दर इंच सरकते हुए करीब तीन किलोमीटर का फासला पार किया. नील कहते हैं, "जो दूरी 40 मिनट की है उसे मैंने दो दिन में रेंग कर पार किया." रविवार की रात उन्होंने एक खोजी और बचाव दल के हेलीकॉप्टर को मंडराते देखा. लेकिन वह जानते थे कि हेलीकॉप्टर के उन तक पहुंचने की कोई उम्मीद नहीं क्योंकि वह घनी झाड़ियों के बीच थे. मंगलवार की दोपहर आखिरकार हेलीकॉप्टर ने उन्हें देख लिया.

नील पार्कर ने बुशवाकिंग क्लब शुरू किया है और वह फंसे हुए हाइकरों की कई बार मदद कर चुके हैं. उनके बचने में उनकी जानकारी से बहुत मदद मिली. उनके पास बैंडेज से लेकर कंपास और स्लीपिंग बैग भी था. हालांकि अपने परिवार के बारे में सोच कर वह बिना रुके चलते रहे. नील कहते हैं, "परिवार से संबंध और उन्हें यह बताने की हसरत कि मैं ठीक हूं, ने मुझे चलाते रखा."

उन्होंने कहा कि अब वो अपने बच्चों से कई सालों के बाद मिलेंगे, "मैं अपने बच्चों के साथ रहना चाहता हूं."

एनआर/एमजे(एएफपी)

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