1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

रिश्तेदारों से सेक्स कर रहे हैं जानवर

१६ दिसम्बर २०१०

पर्यावरण में हो रहे बदलावों का असर आर्कटिक में रहने वाले जानवरों के सेक्स संबंधी व्यवहार पर हो रहा है और यह ध्रुवीय भालू जैसे जानवरों के लिए बेहद खतरनाक है.

https://p.dw.com/p/QckI
तस्वीर: AP

जीव विज्ञानियों का कहना है कि अब स्तनधारी जानवर अपने रिश्तेदारों से ही संबंध बना रहे हैं. ब्रिटिश साइंस पत्रिका नेचर में छपे एक अध्ययन में कहा गया है, "आर्कटिक सागर में पिघलती बर्फ की वजह से जानवरों के घर तो खत्म हो ही रहे हैं वे आपस में ही संबंध भी बना रहे हैं. अकेलेपन में रहने वाले जानवर जितने ज्यादा एक दूसरे के संपर्क में आएंगे, वे शारीरिक संबंध बनाएंगे जिनसे संकर प्रजाति पैदा होगी. इस तरह तो कई दुर्लभ प्रजातियां खत्म हो जाएंगी."

Eisberg im Wasser Südpolarmeer
तस्वीर: Fotolia/Jan Will

वैज्ञानिकों के मुताबिक 2006 में उन्हें एक भालू मिला जो ध्रुवीय भालू और ग्रिजली भालू का संकर था. उसे पिजली नाम दिया गया. 2010 में शिकारियों ने एक भालू को मार गिराया. वैज्ञानिकों को पता चला कि इस भालू का डीएनए भी मिश्रित है.

ग्लोबल वॉर्मिंग का जितना असर दुनिया के अन्य हिस्सों पर हुआ है उसका दो तीन गुना ज्यादा असर आर्कटिक पर हुआ है. इससे दर्जनों स्तनधारी और अन्य ध्रुवीय जानवरों के इस घर के वातावरण में बदलाव आए हैं. खासतौर पर आर्कटिक आइस कैप का सिकुड़ना बेहद खतरनाक है. इसने ध्रुवीय भालू के शिकार की जगहों को बहुत कम कर दिया है. अगर ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं रुका तो सदी के अंत तक आर्कटिक आइस कैप गर्मी के मौसम में नजर आनी ही बंद हो जाएगी.

अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि आर्कटिक में रहने वाले जानवर एक दूसरे के साथ संबंध बनाने में कितना आगे तक गए हैं लेकिन नेचर में छपे शोध के प्रमुख लेखक ब्रेंडन केली बताते हैं कि कई अहम उदाहरण सामने आ चुके हैं. केली अमेरिका के नेशनल ओशेनिक एंड एटमोसफेरिक एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़े हैं. वह बताते हैं कि पिछले साल रूस और अलास्का के बीच बेरिंग सागर में बोउहेड व्हेल और राइट व्हेल के बीच संबंध का पता चला. अब दुनिया में 200 से भी कम राइट व्हेल बची हैं. बोउहेड व्हेल की संख्या तो और भी कम है. अगर वे आपस में संबंध बनाने लगीं तो दोनों की ही प्रजाति खत्म हो जाएगी.

केली मानते हैं कि संकर प्रजनन खराब चीज नहीं है बल्कि इसी से तो विकास के अलग अलग चरण आगे बढ़े हैं लेकिन जब ऐसा मानवीय कारणों से होता है तो नुकसानदायक ही होता है. मसलन 19वीं सदी के आखिर में न्यूजीलैंड में जंगली बत्तखों का सलेटी बत्तखों से संकर प्रजनन कराया गया. आज बहुत कम सलेटी बत्तख बचे हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ए कुमार

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें