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यूरोप की तर्ज पर हुआ येरूशलेम में ट्रक हमला: नेतन्याहू

९ जनवरी २०१७

इस्राएल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने रविवार को पूर्वी येरूशलेम में हुए ट्रक हमले की तुलना बीते साल यूरोप में हुए हमलों से की है. एक ट्रक चढ़ा कर हमलावर ने चार सैनिकों की जान ले ली और 15 लोगों को घायल कर दिया.

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Israel Benjamin Netanjahu
तस्वीर: Reuters/A. Sultan

येरुशलेम के एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल पर बस से उतर रहे सैनिकों पर हुए ट्रक हमले के बारे में इस्राएल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने कहा, "ये इस्लामिक स्टेट से प्रभावित बिल्कुल वही पैटर्न है, जैसा पहले हमने फ्रांस में, फिर जर्मनी में और उसके बाद अब येरुशलेम में देखा." प्रधानमंत्री नेतन्याहू और इस्राएली रक्षा मंत्री ने विशेष सुरक्षा कैबिनेट मीटिंग में हिस्सा लेने से पहले कड़ी सुरक्षा के बीच घटनास्थल का दौरा किया. मारे गए लोगों में तीन महिलाएं हैं. इसके अलावा 15 लोग घायल हुए हैं.

टाइम्स ऑफ इस्राएल ने खबर छापी है कि सुरक्षा कैबिनेट की बैठक में इस्लामिक स्टेट के समर्थकों को हिरासत में रखने जैसे कई कड़े कदम उठाने का निर्णय हुआ. कैबिनेट ने हमलावर के शव को ना सौंपे जाने और उसके घर को जल्दी से जल्दी ध्वस्त किए जाने का फैसला किया ताकि लोग वहां स्मारक ना बना सकें. येरुशलेम के मेयर नीर बरकत ने निवासियों से अपील की है कि वे सावधानी बरतें लेकिन हमले के कारण अपने रोजमर्रा के जीवन को खराब ना होने दें.

Israel Vier israelische Soldaten bei Lkw-Anschlag in Jerusalem getötet
तस्वीर: picture alliance/dpa/Photoshot/G. Yu

नेतन्याहू ने बताया कि ट्रक ड्राइवर को मौका ए वारदात पर ही मार डाला गया. बाद में पुलिस ने उसकी पहचान 28 साल के फादी अल-कनबार के रूप में की. पुलिस को उसके "इस्लामिक स्टेट समर्थक" होने का भी पता चला. नेतन्याहू ने बताया कि इस्राएली सुरक्षा टीमों ने उस फलस्तीनी बस्ती जबेल मुकाबेर को बंद कर दिया है, जहां का यह व्यक्ति रहने वाला था. पुलिस के अनुसार हमले से जुड़े होने के शक में अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें से पांच लोग हमलावर के परिजन हैं.

वहीं हमलावर के रिश्तेदारों ने नेतन्याहू के बयान का खंडन करते हुए कहा है कि फादी के पूरे जीवन में "कभी आइसिस समर्थक होने के सबूत नहीं थे." ध्वस्त किए टेंट के पास बैठे 43 साल के मोहम्मद अल-कनबार ने बताया कि "उसने (फादी ने) कभी आइसिस को संपर्क नहीं किया और वो आइसिस को जानता तक नहीं था."

घटनास्थल को पुलिस ने घेर रखा है और मामले की जांच जारी है. इस्लामी उग्रपंथी गुट हमास ने भी इस हमले की जिम्मेदारी तो नहीं ली है, लेकिन इसकी तारीफ जरूर की है. इस हमले को हमास इस बात का सबूत मानता है कि फलस्तीनी विद्रोह अभी खत्म नहीं हुआ है. अक्टूबर 2015 से लेकर अक्टूबर 2016 के बीच फलस्तीनियों ने कई 'लोन वुल्फ अटैक' किए हैं. यानि इस्राएली लोगों पर चाकू से हमला करने या लोगों पर कार चढ़ा देने जैसी कई घटनाएं सामने आती रही हैं. ऐसी अंतिम घटना 9 अक्टूबर को हुई थी, जब एक इस्राएली पर चाकू से हमला हुआ था.

समाचार एजेंसी एएफपी के आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर 2015 से एक साल में 247 फलस्तीनी, 40 इस्राएली, दो अमेरिकी, एक जॉर्डनवासी, एक एरिट्रियावासी और एक सूडानी की ऐसे ही हत्या हुई है. इस्राएली प्रशासन के अनुसार इस दौरान मारे गए ज्यादातर फलस्तीनी लोग हमलावर थे. बाकियों को या तो विरोध प्रदर्शन करते, हिंसक भिड़ंत के दौरान या फिर गजा पट्टी में इस्राएली हवाई हमलों में मारा गया. कई विश्लेषक मानते हैं कि वेस्ट बैंक पर बस्तियां बसाये जाने और इस्राएली कब्जे से क्षुब्ध फलस्तीनी लोगों ने कई हमले अंजाम दिए.

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए इस हमले की कड़ी निंदा की है. इसे "क्रूर" और "भयानक" हमला बताते हुए यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख फेडेरिका मोघेरिनी ने भी कड़े शब्दों में हमले की निंदा की है.

ट्रक से कुचलकर लोगों को मारने वाले हमले हाल के महीनों में कई पश्चिमी देशों में हुए हैं. एक महीना पहले ही जर्मन राजधानी बर्लिन के एक क्रिसमस मार्केट में एक ट्यूनिशियाई मूल एक व्यक्ति ने ट्रक से हमला कर 12 लोगों को मार डाला था और 50 से अधिक को घायल किया था. जुलाई में फ्रांस के नीस में परेड के लिए जमा हुए लोगों पर भी एक आदमी ने ट्रक चढ़ा दिया था. उस हमले में 86 लोग मारे गए थे. इन दोनों हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी.

आरपी/वीके (डीपीए, एएफपी)