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माओवादी हमले में 20 जवानों की मौत

१६ फ़रवरी २०१०

पश्चिम बंगाल के सिल्दा शिविर में माओवादियों ने हमला किया जिसमें अर्धसैनिक बलों के 20 जवान मारे गए हैं. गृहमंत्री पी चिदंबरम ने एक सप्ताह पहले ही माओवादियों से निपटने के लिए बैठक बुलवाई थी.

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तस्वीर: picture-alliance/ dpa

"सिल्दा शिविर पर हमले में कम से कम 20 ईएफ़आर जवान मारे गए हैं. घायलों में दो की हालत काफ़ी गंभीर है." माओवादियों ने धरमपुर में सीआरपीएफ़ के शिविर पर हमला किया. 40 सशस्त्र माओवादियों ने सोमवार को शिविर पर गोलीबारी की. मिदनापुर ज़िला मजिस्ट्रेट एनएस निगम ने पीटीआई को जानकारी दी.

निगम ने बताया कि 100 माओवादियों जिनके पास आधुनिक हथियार थे, वह मोटरसाईकल पर सवार हो कर सिल्दा कैंप के पास आए और गोलीबारी की. जब यह हमला हुआ उस समय शिविर में 51 ईएफ़आर जवान और अधिकारी थे. हमले से जवान भौंचक्के रह गए क्योंकि या तो वह आराम कर रहे थे या फिर रसोई में खाना बनाने में व्यस्त थे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शुरुआती हमले के दौरान जवानों ने हमले का जवाब देने की कोशिश की लेकिन फिर हमलावरों की ज़ोरदार गोलाबारी की और शिविर में घुस कर उसमें आग लगा दी.

माओवादी नेता किशनजी ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली है. किशनजी के हवाले से पीटीआई समाचार एजेंसी ने लिखा है, "हमने शिविर पर हमला किया और यह चिदंबरम के ऑपरेशन ग्रीन हंट की जवाबी कार्रवाई थी. जब तक केंद्र अमानवीय सैनिक कार्रवाई ख़त्म नहीं करता तब तक हम इसी तरह से जवाब देंगे. "साथ ही किशनजी ने दावा किया है कि उन्होंने शिविर से आधुनिक हथियार एके47 और मॉर्टार लूट लिए हैं. माओवादी नेता ने इस तरह के हमले फिर करने की धमकी दी लेकिन यह नहीं बताया कि कितने माओवादियों ने इस हमले में हिस्सा लिया था.

इस इलाके में बारुदी सुरंग बिछाए जाने की भी ख़बरे मिलीं हैं. इस हमले की सूचना मिलते ही बारुदी सुरंग निष्क्रिय करने वाली गाड़ियां वहां भेज दी गई हैं.

एक सप्ताह पहले ही बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और झारखंड में माओवादियों से निपटने के लिए गृहमंत्री पी चिदंबरम ने इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी जिसमें झारंखड के उपमुख्यमंत्री और बिहार के उच्चाधिकारी शामिल हुए थे.

रिपोर्टः पीटीआई/आभा मोंढे

संपादनः मानसी गोपालकृष्णन